Last Updated:December 14, 2025, 17:37 IST
नितिन नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने साफ संदेश दिया है कि पार्टी में 'परफॉर्मर' को ही इनाम मिलेगा. जिस तरह उन्होंने छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सत्ता को उखाड़ा, पार्टी को उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्तर पर भी वे विपक्ष के लिए उतनी ही बड़ी चुनौती साबित होंगे. पिता की विरासत से शुरू हुआ सफर आज उन्हें बीजेपी के सबसे ताकतवर पद तक ले आया है.
नितिन नबीन को बीजेपी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.राजनीति में अक्सर चौंकाने वाले फैसले लेने वाली बीजेपी ने एक बार फिर बड़ा दांव खेला है. पार्टी ने बिहार के कद्दावर नेता और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का किला ढहाने वाले नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. भूपेश बघेल की मजबूत मानी जाने वाली सरकार को उखाड़ फेंकने में जिस ‘चाणक्य नीति’ ने काम किया, उसका चेहरा नितिन नबीन ही थे. एक युवा नेता से लेकर संगठन के शीर्ष पद तक का उनका यह सफर बताता है कि बीजेपी अब पूरी तरह से ‘नेक्स्ट जेन’ लीडरशिप पर फोकस कर रही है. आखिर बीजेपी ने नितिन नबीन पर इतना बड़ा दांव क्यों खेला? जानिए इसके पीछे की 7 बड़ी वजहें और उनकी उपलब्धियां.
छत्तीसगढ़ का मास्टरस्ट्रोक
नितिन नबीन की सबसे बड़ी उपलब्धि 2023 का छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव है. जब वे छत्तीसगढ़ के प्रभारी बनाए गए, तब वहां भूपेश बघेल की सरकार बेहद मजबूत मानी जा रही थी. नबीन ने वहां हारे हुए मनोबल वाले कार्यकर्ताओं में जान फूंकी. बूथ स्तर पर माइक्रो-मैनेजमेंट किया. महतारू वंदन योजना जैसी रणनीतियों को जमीन पर उतारा. नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस का अभेद्य किला ढह गया. इस जीत ने उन्हें पीएम मोदी और अमित शाह का भरोसेमंद बना दिया.
विरासत और वफादारी
नितिन नबीन बीजेपी की विचारधारा में रचे-बसे परिवार से आते हैं. वे दिग्गज बीजेपी नेता और पटना से 7 बार के विधायक रहे नवीन किशोर सिन्हा के बेटे हैं. पिता के निधन के बाद नितिन ने उनकी विरासत संभाली, लेकिन कभी भी परिवारवाद का ठप्पा नहीं लगने दिया. उन्होंने अपनी काबिलियत से अपनी जगह बनाई. बिहार में पथ निर्माण मंत्री के रूप में ‘नितिन गडकरी’ स्टाइल में काम करने के लिए तारीफ पाई.
युवा चेहरा और ऊर्जा
बीजेपी अब 2029 और उसके बाद के भारत की तस्वीर देख रही है. नितिन नबीन युवा हैं, आक्रामक हैं और नई पीढ़ी की भाषा समझते हैं. वे बीजेपी युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय महामंत्री रह चुके हैं. युवाओं को पार्टी से जोड़ने की उनकी कला अद्भुत है. कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर वे पार्टी में नई ऊर्जा भरेंगे.
संगठन और सरकार का अनुभव
कम उम्र में ही नितिन नबीन के पास संगठन और सरकार दोनों का बेहतरीन अनुभव है. वे बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री हैं. विधायक के तौर पर उन्होंने पटना के बांकीपुर जैसी महत्वपूर्ण सीट को बीजेपी का गढ़ बनाए रखा, जहां उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा और पुष्पम प्रिया चौधरी जैसे हाई-प्रोफाइल उम्मीदवारों को हराया. अपने पिता की पारंपरिक सीट से लगातार 5 बार से विधायक हैं.
विवादों से दूर ‘क्लीन इमेज’
राजनीति में इतने साल रहने के बावजूद नितिन नबीन की छवि बेदाग रही है. वे लो-प्रोफाइल रहकर काम करने में यकीन रखते हैं. न कोई भड़काऊ बयान, न कोई भ्रष्टाचार का आरोप. बीजेपी को शीर्ष पद के लिए ऐसे ही ‘सोबर’ चेहरे की तलाश थी.
कायस्थ और शहरी वोट बैंक पर पकड़
नितिन नबीन कायस्थ समुदाय से आते हैं, जो बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है. हिंदी पट्टी के शहरी इलाकों में उनकी अच्छी पकड़ है. जातिगत समीकरणों को साधने के साथ-साथ वे ‘सबका साथ’ वाली छवि भी रखते हैं.
कठिन टास्क को पूरा करने का रिकॉर्ड
चाहे बिहार में संगठन को मजबूत करना हो, युवा मोर्चा की रैलियां हों, या छत्तीसगढ़ जैसा कठिन राज्य—नितिन नबीन को जब भी जो जिम्मेदारी दी गई, उन्होंने उसे ‘मिशन मोड’ में पूरा किया. केंद्रीय नेतृत्व को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो सवाल न पूछें, बल्कि रिजल्ट लाकर दें.
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Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
December 14, 2025, 17:35 IST

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