Last Updated:August 08, 2025, 20:25 IST
INDIA USA DEFENCE DEAL: भारत उन 200 देशों में शामिल है जिसके साथ अमेरिकी सामरिक साझेदारी है.चाहे अमेरिका में डेमोक्रेट की सरकार हो या रिपब्लिकन की, इस क्षेत्र में सभी की नीतियाँ लगभग एक सी हैं. अमेरिकी डिफेंस ...और पढ़ें

INDIA USA DEFENCE DEAL: सामरिक तकनीक के मामले में अमेरिका दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक है. दुनिया के लगभग 200 देशों के साथ उसके सामरिक रिश्ते हैं. भारत के साथ भी पिछले कुछ सालों में रिश्तों में मजबूती आई है. लेकिन अब ट्रंप के टैरिफ वॉर के बाद से सोशल मीडिया पर मौजूदा संभावित डील को लेकर भ्रामक खबरें सामने आनी शुरू हो गईं. लेकिन रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने तुरंत इस तरह की भ्रामक और गलत रिपोर्ट पर अपना रुख साफ कर दिया. सूत्रों ने स्पष्ट कर दिया कि भारत द्वारा अमेरिका के साथ रक्षा खरीद संबंधी वार्ता रोकने संबंधी खबरें झूठी और मनगढ़ंत हैं. यह स्पष्ट किया जाता है कि खरीद के विभिन्न मामलों में मौजूदा प्रक्रियाओं के अनुसार प्रगति हो रही है.
ट्रंप की नजर है इन डिफेंस डील पर
अमेरिकी आर्म्स एक्सपोर्ट कंट्रोल एक्ट और फॉरेन असिस्टेंस एक्ट के तहत ये सारे मिलिट्री सेल और सर्विस को अंजाम दिया जाता है. भारतीय सेना इस वक्त के सबसे बड़े डील को फाइनल करने की तैयारी कर रही है जिसमें भारतीय वायुसेना के लिए 114 MRFA (मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट) की खरीद की जानी है. इस रेस में रूस की सुखोई 35 और मिग 35, फ्रांस का रफाल, अमेरिका के F-21, F-18, स्वीडन की ग्रिपेन और यूरोप का यूरोफाइटर टाइफून शामिल हैं, हालांकि अभी खरीद प्रक्रिया शुरू होनी है. प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान साझा बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद से ही F-35 बेचने का ऑफर दे दिया था. हालांकि रक्षामंत्रालय ने अब तक प्रक्रिया ही शुरू नहीं की है. नौसेना के लिए 6 अतिरिक्त P8i की खरीद की बातचीत भी चल रही है. अमेरिकी कांग्रेस ने इसकी मंजूरी भी इसी साल की शुरुआत में दी थी. इसके अलावा एक बड़ी खरीद के लिए भारत ने अमेरिका से ICV स्ट्राइकर की खरीद प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा रही है. भारतीय सेना के मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में लगभग 2000 रूसी ICV BMP-2 को नए और आधुनिक इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल से बदलना है. सेना जल्द 500 से ज्यादा इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल को अमेरिकी ICV स्ट्राइकर से बदलने की तैयारी में है. पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के बाद जारी साझा बयान में सेना के लिए ICV स्ट्राइकर और जैवलीन ATGM का रास्ता भी साफ कर दिया था. बयान में कहा गया था कि ‘अमेरिका भारत के साथ अपने मिलिट्री सेल और सह-निर्माण को बढ़ाएगा. इसके साथ यह घोषणा की गई कि इस वर्ष “Javelin” एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल्स और “Stryker” इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के लिए नई खरीद और को-प्रोडक्शन व्यवस्थाओं पर काम किया जाएगा ताकि भारत की रक्षा जरूरतों को तेजी से पूरा किया जा सके.
भारतीय सेना में अमेरिकी हथियार
साल 2000 से साल 2023 के बीच हुए आर्म्स डील की बात करें तो इसकी एक लंबी सूची है जिसमें भारतीय वायुसेना के लिए 22 और आर्मी के लिए 6 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की खरीद की है. 1354 AGM-114 हेलफायर एंटी टैंक मिसाइल, स्ट्रिंगर पोर्टेबल सर्फेस टू सर्फेस एयर मिसाइल, कॉम्बेट हेलिकॉप्टर रडार, 15 चिनूक हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर, 13 C-130 सुपर हरक्यूलिस, 11 C-17 ग्लोबमास्टर खरीद की है. रक्षामंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद ने C-17 और C-130J बेड़े के रखरखाव के लिए भी AON मंजूरी दी है. नौसेना के लिए जलाश्व “एंफीबियस ट्रांसपोर्ट डॉक”, 24 रोमियो हेलिकॉप्टर, 12 P8i एयरक्राफ्ट, एंटी सबमरीन वॉरफेयर टॉरपीडो, हारपून एंटी शिप मिसाइल, सी किंग हेलिकॉप्टर, नेवल गैस टर्बाइन शामिल हैं. इसके अलावा भारतीय थलसेना के लिए M-777 हॉवित्सर, आर्टिलरी शेल शामिल हैं. इसके अलावा 3 बिलियन डॉलर की लागत से 31 आर्म्ड ड्रोन MQ-9B सी गार्डियन और स्काई गार्डियन की डील अमेरिका से की है. तेजस मार्क 1 A प्रोग्राम के लिए इंजन की डील अमेरिकी इंजन निर्माता कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ कुल 99 F404 इंजन की डील हुई है. इंजन की सप्लाई में 2 साल देरी जरूर हुई, लेकिन अब इंजन आने शुरू हो चुके हैं. इसके अलावा अमेरिका की GE एरोस्पेस और भारत की HAL के बीच भारत में ही GE F-414 जेट इंजन बनाने के लिए प्रक्रिया आगे बढ़ने और बातचीत चल रही है. GE-F-414 इंजन भारतीय वायुसेना के तेजस मार्क 2 और AMCA में लगाए जाने हैं.
First Published :
August 08, 2025, 20:25 IST