Last Updated:September 19, 2025, 18:26 IST
Investment Tips : ग्लोबल मार्केट में जारी उठापट के बीच निवेश का तरीका भी बदल रहा है. एम्फी ने हाल में आंकडे़ जारी कर बताया कि इस मुश्किल हालात में भी लोग सबसे ज्यादा पैस कहां लगा रहे हैं.

नई दिल्ली. ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता बढ़ रही है. तमाम देशों के बीच तनाव अभी भी अनसुलझे हैं. व्यापार की गतिशीलता बदल रही है और केंद्रीय बैंक अपनी नीतियों में बदलाव कर रहे हैं. ऐसे में सुरक्षित निवेश की मांग, महंगाई की चिंताओं और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के कारण सोने की कीमतें बढ़ रही हैं. हालांकि, कोई भी परिसंपत्ति वर्ग हर साल लगातार बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकता. ऐसे मुश्किल माहौल में भी लोग कहां पैसे लगा रहे हैं. इसका खुलासा एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने किया है.
दरअसल, इक्विटी में निवेश तेजी से ग्रोथ देता है और डेट इसे स्थिरता प्रदान करता है. सोने-चांदी जैसी कमोडिटीज हेजिंग का काम करती हैं. इनमें से किसी एक को चुनने के बजाय, मल्टी-एसेट फंड इन तीनों को एक ही रणनीति में समाहित कर लेते हैं. चूंकि, निवेशक व्यक्तिगत संपत्तियों में निवेश करने से बचते हैं, ऐसे में हाइब्रिड फंड सबसे बेहतर विकल्प बन सकता है. मल्टी एसेट फंड और मल्टी एसेट ओमनी फंड ऑफ फंड में सबसे ज्यादा संभावना दिखाई देती है.
कहां लगा रहे ज्यादा पैसा
एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों ने अगस्त 2025 में बेहतर निवेश हासिल किया. इसमें प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति बढ़कर 10.7 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो अगस्त 2024 की तुलना में 20.22 फीसदी अधिक है. इस श्रेणी के भीतर, मल्टी-एसेट एलोकेशन फंडों ने अगस्त, 2025 में शुद्ध निवेश 3,528 करोड़ रुपये प्राप्त किए, जो अगस्त, 2024 में 2,827 करोड़ रुपये से अधिक है.
कौन सी स्कीम ज्यादा बेहतर
इस क्षेत्र के प्रमुख फंड हाउसों में शामिल निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट एलोकेशन फंड और निप्पॉन इंडिया मल्टी-एसेट ओमनी फंड ऑफ फंड हैं. दोनों ही योजनाएं इक्विटी, डेट और कमोडिटीज में निवेश करती हैं. जहां मल्टी एसेट एलोकेशन फंड में सोने और चांदी में निवेश शामिल है, वहीं ओमनी फंड ऑफ फंड की संरचना अलग है. यह निवेश के लिए क्वांट-संचालित मॉडल का पालन करता है.
सोना देता है स्थिर रिटर्न
बढ़ती अस्थिरता और लगातार महंगाई की चिंताओं के बीच कीमती धातुओं की मौजूदगी एक बचाव और एक रणनीतिक अवसर दोनों के रूप में काम कर सकती है. निवेशक इन फंडों में एकमुश्त या एसआईपी के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जिससे विविधीकरण और टैक्स छूट का लाभ मिलता है. हाइब्रिड फंड निवेशकों को परिसंपत्ति-विशिष्ट समय-निर्धारण के बिना निवेशित रहने का एक बेहतर तरीका प्रदान करते हैं. ये प्रोडक्ट जोखिम और ग्रोथ के बीच संतुलन बनाते हैं. एक वित्तीय सलाहकार का कहना है कि इक्विटी बाजार और सोना दोनों में मजबूती दिख रही है. डेट अभी स्थिरता दे रहा है तो सोने और चांदी में निवेश के साथ इक्विटी और डेट का संयोजन जोखिम से निकलने के साथ ही तेज रिटर्न भी सुनिश्चित करता है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 19, 2025, 18:26 IST