बांग्लादेश को लगने जा रहा ₹9 हजार करोड़ का चूना! भारत से दुश्मनी का अंजाम देखो

2 hours ago

Last Updated:December 30, 2025, 09:57 IST

Bangladesh News: मोहम्मद यूनुस के पास जब से कमान आई है, तब से बांग्लादेश के बुरे दिन चल रहे हैं. लैंड पोर्ट से भारतीय सूत के आयात पर रोक के बावजूद भारतीय सूत से संकट में बांग्लादेश की कताई मिलें हैं. अब बांग्लादेश को 9 हजार करोड़ रुपए के सूत का खरीददार नहीं मिल रहा है.

बांग्लादेश को लगने जा रहा ₹9 हजार करोड़ का चूना! भारत से दुश्मनी का अंजाम देखोबांग्लादेश को लगने वाला है 9 हजार Cr. का चूना, यूनुस की जिद ने किया बेड़ा गर्क

Bangladesh News: भारत से दुश्मनी का बांग्लादेश अब खामियाजा भुगतने लगा है. मोहम्मद यूनुस के भारत से पंगा लेने का नुकसान बांग्लादेशियों को हो रहा है. बांग्लादेश को 9 हजार करोड़ रुपए का चूना लगने वाला है. जी हां, बांग्लादेश की स्थानीय कताई मिलें गंभीर संकट का सामना कर रही हैं. भारतीय सस्ते सूत की वजह से बंगलादेश की मिलों के पास करीब 9 हजार करोड़ रुपए का बिना बिका स्टॉक जमा हो गया है. बांग्लादेश को 9 हजार करोड़ रुपए के सूत का कोई खरीददार नहीं मिल रहा है.

बांग्लादेश टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन के मुताबिक, मौजूदा वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के बीच भारत से सूत का आयात 137 प्रतिशत बढ़ गया है. भारतीय व्यापारी घरेलू कीमतों से 0.30 डॉलर प्रति किलोग्राम से भी कम दाम पर सूत बांग्लादेश में बेच रहे हैं. इसके चलते प्रतिस्पर्धा में टिक न पाने के कारण लगभग 50 स्थानीय स्पिनिंग मिलें बंद हो चुकी हैं.

बांग्लादेश मिल्स एसोसिएशन भारतीय सूत पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है. इन लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर हम भारतीय सूत पर ज्यादा निर्भर रहे और भारत अचानक आपूर्ति बंद कर दे, तो हमारा परिधान उद्योग भी मुश्किल में पड़ सकता है.

गौरतलब है कि अप्रैल में बांग्लादेश ने लैंड पोर्ट के जरिए भारत से सूत आयात पर प्रतिबंध लगाया था, ताकि घरेलू उद्योग को संरक्षण मिल सके. हालांकि, यह प्रतिबंध समुद्री मार्ग से होने वाले आयात पर लागू नहीं होता. बावजूद इसके भारत के सस्ते सूत से बांग्लादेश की कताई मिलें संकट में आ गई है.

हालांकि बांग्लादेश के मिल मालिकों ने कहा है कि वे भारतीय सूत पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं चाहते, बल्कि द्विपक्षीय व्यापार असंतुलन कम करने की मांग कर रहे हैं, जो फिलहाल भारत के पक्ष में है…इसके अलावा मिल मालिक उन किस्मों के सूत के आयात पर रोक लगाने की मांग की, जिनका उत्पादन देश में पर्याप्त मात्रा में हो रहा है…

बांग्लादेश टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन चाहता है कि बांग्लादेश की सरकार कपास व्यापारियों के लिए वेयरहाउसिंग की सुविधा दे ताकि अमेरिकी कपास का भंडारण कर स्थानीय मिलों में उपयोग किया जा सके…क्योंकि ये वादा पारस्परिक टैरिफ वार्ताओं के दौरान किया गया था…

अन्य मिल मालिकों ने बताया कि वे भारतीय सूत से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं, जहां भारतीय सूत 2.50 डॉलर प्रति किलोग्राम बिक रहा है, वहीं कच्चे माल, खासकर कपास की कमी के कारण स्थानीय मिलों को सूत 3 डॉलर प्रति किलोग्राम में बेचना पड़ रहा है…

सस्ते दामों के कारण अंतरराष्ट्रीय ब्रांड भी भारतीय सूत को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे बांग्लादेश का स्पिनिंग सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हो रहा है…अप्रैल-अक्टूबर 2025 के दौरान आयात 950 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो सालाना आधार पर 137 प्रतिशत अधिक है…बांग्लादेश अब भारतीय सूत का सबसे बड़ा आयातक बन चुका है और कुल आयात का 44 प्रतिशत हिस्सा भारत से आता है…

उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि भारत कपास किसानों से लेकर फैक्ट्रियों और निर्यातकों तक कई स्तरों पर प्रोत्साहन देता है, जिससे भारतीय सूत बेहद प्रतिस्पर्धी बन गया है…करीब 40-50 मिलें बंद हो चुकी हैं और कई और बंद होने की कगार पर हैं…श्रम कानून में संशोधन से भी अशांति बढ़ सकती है…

BTMA ने बांग्लादेश सरकार से 72 घंटे के भीतर नीतिगत समर्थन देने की अपील की है और कहा कि 25 प्रतिशत नकद प्रोत्साहन, बैक-टू-बैक एलसी सुविधा और EDF के जरिए यह क्षेत्र अब भी संभल सकता है…

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Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

First Published :

December 30, 2025, 09:57 IST

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