Last Updated:December 30, 2025, 14:53 IST
Congress Leader Adhur Ranjan Meets PM Modi: कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर बंगाली प्रवासी मजदूरों पर हमलों का मुद्दा उठाया है. टीएमसी विरोध और पार्टी में हाशिए पर होने की चर्चा के बीच हुई इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि चौधरी ने स्पष्ट किया है कि उनकी यह मुलाकात पूरी तरह से गैर राजनीतिक थी.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी.Congress Leader Adhur Ranjan Meets PM Modi: अलगे साल मार्च-अप्रैल में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वहां पर हलचलें तेज हो गई हैं. इस चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और सत्ताधारी टीएमसी के बीच है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने मुख्य रूप से बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों पर हो रहे हमलों और भेदभाव का मुद्दा उठाया. अधीर रंजन ने पीएम को एक पत्र भी सौंपा, जिसमें इन घटनाओं का विस्तृत ब्यौरा दिया और हमले को रोकने की मांग की.
अधीर रंजन ने कहा कि इन मजदूरों का एकमात्र अपराध उनका बांग्ला बोलना है, जिसे अक्सर प्रशासन बांग्लादेशी घुसपैठिया समझ लेता है. उन्होंने ओडिशा के संबलपुर में मुर्शिदाबाद के जुवेल राना की हत्या और मुंबई में दो मजदूरों की गिरफ्तारी जैसे उदाहरण दिए. पश्चिम बंगाल माइग्रेंट्स वेलफेयर बोर्ड के अनुसार पिछले 10 महीनों में इस तरह की 1,143 शिकायतें दर्ज हुई हैं. ज्यादातर शिकायतें बीजेपी शासित राज्यों के हैं. अधीर रंजन ने चेतावनी दी कि ये घटनाएं बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा रही हैं. उन्होंने पीएम से सभी राज्य सरकारों को संवेदनशील बनाने की अपील की. अधीर रंजन ने इस मुलाकात को गैर-राजनीतिक बताया. हालांकि राजनीति में कोई भी चीज यूं नहीं नहीं होती. अधीर रंजन चौधरी बीते लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से पार्टी में हाशिए पर बताए जा रहे हैं.
क्या पार्टी में हाशिए पर हैं अधीर रंजन?
बीते लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस हाईकमान ने इंडिया ब्लॉक को मजबूत रखने के लिए पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से समझौता करना जरूरी समझा. अधीर रंजन चौधरी का ममता बनर्जी के प्रति दशकों पुराना कड़ा विरोध राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग में बाधा बन रहा था. इसके लिए टीएमसी ने कथित तौर पर शर्त रखी कि बंगाल में कांग्रेस को समझौता करने वाला रुख अपनाना होगा. इस कारण उनको दरकिनार किया गया. बावजूद इसके टीएमसी के साथ कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो पाया.
2024 की हार
बीते 2024 के लोकसभा चुनाव में अधीर रंजन चौधरी ने अपना गढ़ माने जाने वाले बहारामपुर सीट क्रिकेटर यूसुफ पठान से हार गए. यह हार उनकी पार्टी में स्थिति कमजोर कर गई और आलोचकों को मौका दिया कि उनका टीएमसी विरोधी वाला रुख असफल साबित हो रहा है. हार ने उनको प्रदेश पार्टी अध्यक्ष पद से हटाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया.
हाईकमान से मतभेद
अधीर रंजन चौधरी अक्सर टीएमसी के प्रति नरम रुख रखने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व की सार्वजनिक आलोचना करते थे. सितंबर 2024 में उन्हें पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाकर सुबंकर सरकार को नियुक्त किया गया, जो टीएमसी के प्रति ज्यादा सौम्य माने जाते हैं. टीएमसी नेताओं ने चौधरी को बंगाल में गठबंधन टूटने का एक मात्र कारण बताया था. प्रधानमंत्री मोदी ने भी संसद में तंज कसा कि कोलकाता से एक फोन कॉल पर उन्हें साइडलाइन कर दिया गया. चौधरी वाम मोर्चे के साथ गठबंधन चाहते थे, जबकि हाईकमान मानता था कि बंगाल में आक्रामक रुख से केवल बीजेपी को फायदा होगा.
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न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
First Published :
December 30, 2025, 14:52 IST

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