Last Updated:August 21, 2025, 08:38 IST
West Bengal News: पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में नए मतदाता पंजीकरण में नौ गुना वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे चुनाव आयोग और बीजेपी चिंतित हैं. बीजेपी ने इसे अवैध घुसपैठ से जोड़ते हुए जांच की मांग की है.

West Bengal News: देश भर में वोटर सूची में धांधली को लगाए जा रहे आरोपों के बीच पश्चिम बंगाल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय ने बीते तीन महीनों में बांग्लादेश के सीमावर्ती और मुस्लिम बहुल जिलों- उत्तर और दक्षिण 24 परगना, नदिया, मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर दिनाजपुर और कूच बिहार में नए मतदाता पंजीकरण (फॉर्म-6) में नौ गुना वृद्धि दर्ज की है. इस घटना ने चुनाव आयोग के कान खड़े कर दिए हैं.
सूत्रों के अनुसार इन जिलों में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मासिक पंजीकरण औसतन 100 के करीब रहता था जो अब बढ़कर लगभग 900 हो गया है. यह असामान्य वृद्धि है. इसे विशेष रूप से बांग्लादेश से सटे इन जिलों में देखा गया है. इस कारण यह चुनाव आयोग और विपक्षी बीजेपी के लिए चिंता का विषय बन गया है. बीजेपी लंबे समय से इन क्षेत्रों में डेमोग्राफिक बदलाव की शिकायत करती रही है. वह इसे अवैध घुसपैठ से जोड़ती है.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल CEO कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन जिलों में फॉर्म-6 के जरिए नए मतदाता पंजीकरण में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है. विशेष रूप से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, नदिया और मालदा जैसे जिलों में यह रुझान स्पष्ट है. इन क्षेत्रों की बांग्लादेश सीमा से निकटता और मुस्लिम समुदाय की आबादी का प्रभाव इस वृद्धि को और संवेदनशील बनाता है. बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे को उठाते हुए इसे चुनावी प्रक्रिया के लिए खतरा बताया है और केंद्र सरकार से जांच की मांग की है.
वोटिंग बढ़ाने की कवायद
इस बीच, कोलकाता और अन्य शहरी क्षेत्रों में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग और राज्य CEO कार्यालय ने नई पहल शुरू की हैं. शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से कम रहता है, जिसे देखते हुए CEO कार्यालय ने कोलकाता और अन्य जिलों में 600 या अधिक आबादी वाले हर हाई-राइज बिल्डिंग में मतदान केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है. पश्चिम बंगाल के CEO मनोज अग्रवाल ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में इस योजना को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा. चुनाव आयोग के निर्देश पर यह कदम उठाया जा रहा है. दिल्ली में पिछले विधानसभा चुनावों में यह प्रयोग सफल रहा था, जहां मतदान प्रतिशत में वृद्धि देखी गई थी.
यह कदम शहरी मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने और मतदान प्रक्रिया को सुलभ बनाने का प्रयास है. हालांकि, सीमावर्ती जिलों में मतदाता पंजीकरण की वृद्धि ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में बहस छेड़ दी है. विपक्ष का कहना है कि यह वृद्धि संदिग्ध है और इसमें अवैध गतिविधियों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
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First Published :
August 21, 2025, 08:38 IST