पानी में लगाई ऐसी छलांग कि फिर नहीं आ सके उपर, आखिर क्या है स्कूबा डाइविंग

4 weeks ago

Last Updated:September 19, 2025, 16:24 IST

Singer Zubeen Garg Death Reason: या आली रहम आली फेम सिंगर जुबिन गर्ग का स्कूबा डाइविंग के समय निधन हो गया. आखिर स्कूबा डाइविंग होता क्या है. स्कूबा डाइविंग के कारण क्यों लोगों की मौत हो जाती है. आइए एक्सपर्ट से इसके कारणों की बायलॉजिकल पड़ताल करते हैं.

पानी में लगाई ऐसी छलांग कि फिर नहीं आ सके उपर, आखिर क्या है स्कूबा डाइविंगसिंगर जुबिन गर्ग का निधन

Singer Zubeen Garg Death Reason: बेहद वर्सटाइल सिंगर और या आली रहम आली फेम सिंगर जुबिन गर्ग का निधन हो गया. वे सिंगापुर में स्कूवा डाइविंग कर रहे थे लेकिन स्कूबा डाइविंग की यह छलांग उनकी आखिरी छलांग बन गई. इस छलांग के कारण ही उनकी मौत हो गई. वे अब कभी वापस नहीं आ पाएंगे. स्कूबा डाइविंग में हादसे नई बात नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रति 1 लाख स्कूबा डाइविंग में 16 से 17 लोगों की मौत हो जाती है. स्कूवा डाइविंग के समय लोगों की मौत क्यों हो जाती है. इससे पहले यह जानते हैं कि स्कूबा डाइविंग होती क्या है.

स्कूबा डाइविंग क्या है

स्कूबा डाइविंग में लोग पानी के अंदर डूबकर पानी की चीजों को देखते हैं. इसके लिए वे शरीर में कई यंत्र लगाकर जाते हैं. वे ऑक्सीजन लेकर जाते हैं. एक तरह से यह जल क्रीड़ा है. जो ऑक्सीजन वे ले जाते हैं उस उपकरण को स्कूबा कहा जाता है. SCUBA का मतलब होता है Self Contained Underwater Breathing Apparatus. यह उपकरण एक टैंक में संचित हवा को नियमित रूप से सांस के लिए उपलब्ध कराता है, जिससे गोताखोर सतह से पूरी तरह स्वतंत्र होकर पानी के अंदर सांस ले पाता है.

कैसे पानी के अंदर जाता है

पानी के अंदर जाने के लिए गोताखोर स्पेशल सूट पहनता है. इसमें डाइविंग मास्क, फिन्स (पैर के लिए पंख) और वाटरप्रूफ सूट होते हैं. वे अपने पीठ पर एयर टैंक बांधते हैं जो उनके मुंह तक एक पाइप से जुड़ा होता है ताकि वे आसानी से सांस ले सकें. गोताखोर गोता लगाने से पहले यह तय करते हैं कि उसे कहां जाना है, उस हिसाब से वे ऑक्सीजन टैंक में भरते हैं और अन्य सामान लेते है.

पानी के अंदर गोताखोर के शरीर में क्या होती है हलचलें

जब कोई स्कूबा डाइवर पानी के अंदर होता है तो गहराई में बढ़ते दबाव के कारण शरीर में गैस विशेषकर नाइट्रोजन के घुलने की मात्रा बढ़ जाती है. यदि गोताखोर बहुत जल्दी ऊपर आते हैं, तो यह गैस बुलबुले बनाकर रक्त नलिकाओं और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती है. इसे डिकंप्रेशन बीमारी कहते हैं. इस दौरान SCUBA कॉम्प्रेस्ड हवा देता है, जिससे फेफड़ों में उचित ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है लेकिन यदि गैस का मिश्रण सही नहीं हो या ऑक्सीजन का स्तर बहुत ज्यादा हो जाए तो यही ऑक्सीजन टॉक्सिक बन जाती है. वहीं जब स्कूबा डाइवर पानी के अंदर होता है तो शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है. अगर पानी अधिक ठंड है तो इससे हाइपोथर्मिया हो सकता है. इसलिए स्कूबा डाइविंग में गहरी गोता लगाने के लिए खास प्रशिक्षण और सुरक्षा उपायों का पालन करना आवश्यक होता है ताकि ये प्राकृतिक और बायोलॉजिकल जोखिम नियंत्रण में रह सकें.

LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 18 years of professional experience. L. Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. He professed his contribution in the...और पढ़ें

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First Published :

September 19, 2025, 16:19 IST

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