Last Updated:August 23, 2025, 20:54 IST
बांग्लादेश सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने चीन यात्रा के दौरान खुद को भारत के नॉर्थ-ईस्ट का संरक्षक करार दिया था. इस बयान पर भारत में खूब बवाल हुआ था. अब BSF ने नॉर्थ 24 परगनास में बांग्लादेशी पुलिस अफसर क...और पढ़ें

नई दिल्ली. बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाले बांग्लादेश की पुलिस के इरादों पर आज शाम पानी फेर दिया. दरअसल, बांग्लादेश सीमा से अवैध रूप से बांग्लादेशी पुलिस का एक अफसर भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था. नॉर्थ 24 परगनास जिले में इस अधिकारी को धर दबोचा गया. इस शख्स को बंगाल पुलिस को सौंप दिया गया है. मामले की आगे की जांच बंगाल पुलिस कर रही है. इस घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या भारत के नॉर्थ-ईस्ट को अशांत करने की पड़ोसी देश बांग्लादेश कोई साजिश रच रहा है.
यूनुस ने खुद को बताया था नॉर्थ-ईस्ट का बॉस!
मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन यात्रा के दौरान कहा था कि भारत के उत्तर-पूर्वी सात राज्यों को 7 सिस्टर कहकर नवाजा था। उन्होंने कहा था कि 7 सिस्टर समुद्र तक पहुंच नहीं है, यानी वे लैंडलॉक हैं। उन्होंने दावा किया कि इसी क्षेत्र के लिए बांग्लादेश ही “ओशियन का अकेला संरक्षक है। योगदान को बढ़ाने के तौर पर उन्होंने चीन से आग्रह किया कि वह बांग्लादेश को अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार बनाए, ताकि चीन अपनी वस्तुओं का उत्पादन, विपणन और निर्यात इस मार्ग से कर सके.
क्या बांग्लादेश रच रहा बड़ी साजिश
BSF के मुताबिक जैसे ही इस अधिकारी ने भारतीय सीमा में प्रवेश किया तभी उसे हकीमपुर बॉर्डर आउटपोस्ट के पास शाम 6 से 7 बजे के बीच धर दबोचा गया. घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं है कि इस अधिकारी की घुसपैठ का मकसद क्या था. क्या यह एक व्यक्तिगत भूल थी या फिर इसके पीछे कोई बड़े नेटवर्क या असामाजिक एजेंडा छिपा हो सकता है? यह मामला हमारी भौगोलिक सीमाओं की नाजुकता और सुरक्षा चुनौतियों को फिर से उजागर करता है.
सीमा सुरक्षा सख्ती का संकेत
यह घटना उस समय हुई है जब भारत-भारत बांग्लादेश सीमा पर पहले से ही तनाव अपने चरम पर है. शेख हसीना सरकार के जाने के बाद बांग्लादेश में लगातार हिन्दुओं पर हमले हो रहे हैं. साथ ही भारत के नॉर्थ-ईस्ट के लेकर मोहम्मद यूनुस इशारों-इशारों में बहुत कुछ बोल चुके हैं. पिछले कुछ महीनों में ऐसे प्रयास बढ़े हैं. BSF ने कई बार ऐसे प्रयासों को निरस्त कर दिया है और लगातार चौकसी बनाए रखी है. अब सवाल यह उठता है कि क्या यह मामला सुरक्षा व्यवस्था पर विश्वास की परीक्षा है, या फिर इसके पीछे कोई जानकार और संगठित प्रयास उठाकर आया था?
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
August 23, 2025, 20:54 IST