पहलगाम में जो कुछ हुआ वो अचानक नहीं था, कब से पाकिस्तान रच रहा था नापाक साजिश?

1 month ago

Last Updated:April 23, 2025, 11:23 IST

Pakistan News Hindi: लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने मालाकंड में कश्मीर पर कब्जे की धमकी दी. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, यह साजिश ISI और पाकिस्तानी सेना की मदद से चार महीने से चल रही थी. एक सभा ...और पढ़ें

पहलगाम में जो कुछ हुआ वो अचानक नहीं था, कब से पाकिस्तान रच रहा था नापाक साजिश?

पाकिस्तान की ओर से हमले का प्लान बनाया जा रहा था. (इनसेट में- सैफुल्लाह कसूरी)

हाइलाइट्स

लश्कर-ए-तैयबा ने कश्मीर पर कब्जे की धमकी दीसाजिश में आईएसआई और पाकिस्तानी सेना का समर्थन थाआतंकियों ने सभा में हथियारों का प्रदर्शन किया

इस्लामाबाद: पाकिस्तान से एक बार फिर आतंकवाद की साजिश का खुलासा हुआ है. आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा पिछले चार महीनों से जम्मू-कश्मीर में बड़े आतंकी हमले की योजना बना रहा था. संगठन के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने खैबर पख्तूनख्वा के मालाकंड इलाके में एक सभा में भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए दावा किया था कि 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर पर कब्जा कर लिया जाएगा. खुफिया एजेंसियों का कहना है कि इस साजिश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और फौज के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं.

फरवरी 2025 में सामने आए एक वीडियो में सैफुल्लाह कसूरी को मालाकंड में आतंकवादियों की सभा को संबोधित करते देखा गया. इस सभा में कसूरी ने भारत के खिलाफ जमकर भड़काऊ बयान दिए. उसने कहा, ‘आज 2 फरवरी 2025 है, और मैं वादा करता हूं कि अगले 2 फरवरी 2026 तक हम कश्मीर पर कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे. हमारे मुजाहिदीन आने वाले दिनों में हमले तेज करेंगे, और हमें उम्मीद है कि 2026 तक कश्मीर आजाद हो जाएगा.’ इस सभा में लश्कर-ए-तैयबा के साथ-साथ अन्य आतंकी संगठनों के लोग भी मौजूद थे.

चार महीने से चल रही थी साजिश
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, कसूरी के इस वीडियो और बयानों के बाद साफ हो गया कि लश्कर-ए-तैयबा पिछले चार महीनों से कश्मीर में बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहा था. एजेंसियों का मानना है कि इस साजिश को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और फौज के वरिष्ठ अधिकारियों का पूरा साथ मिल रहा था. सभा का आयोजन भी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के इशारे पर किया गया था.

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान को पीएम मोदी का बड़ा मैसेज, सऊदी से वापसी में एयर स्पेस का नहीं किया इस्तेमाल

क्या था आतंकी मीटिंग का मकसद?
इस सभा के पीछे दो बड़े मकसद थे. पहला, खैबर पख्तूनख्वा के लोगों को ये संदेश देना कि वे पाकिस्तान से आजादी की कोशिश न करें. दूसरा, स्थानीय लोगों को ये दिखाना कि लश्कर और अन्य आतंकी संगठन मिलकर कश्मीर पर कब्जा करने की योजना बना रहे हैं. मीटिंग में आतंकवादियों ने अपने हथियारों का भी खुलकर प्रदर्शन किया, ताकि लोगों में डर पैदा हो और उनकी ताकत का अहसास हो.

यह भी पढ़ें- अजित डोभाल, एस. जयशंकर के सामने पीएम मोदी किससे कर रहे डायरेक्ट बात?

पाकिस्तान फिर बेनकाब
ये कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान का आतंकवाद के साथ गठजोड़ सामने आया हो. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, लश्कर की इस सभा को न केवल आईएसआई का समर्थन था, बल्कि पाकिस्तानी फौज के बड़े अधिकारी भी इसके पीछे थे. ये सभा और कसूरी के बयान इस बात का सबूत हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा.

Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

April 23, 2025, 11:21 IST

homeworld

पहलगाम में जो कुछ हुआ वो अचानक नहीं था, कब से पाकिस्तान रच रहा था नापाक साजिश?

Read Full Article at Source