नेवी ऑफिसर ने 5000 मीटर की गहराई तक लगाया गोता, क्या है भारत का 'डीप ओशन मिशन'

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Last Updated:August 15, 2025, 02:00 IST

नेवी ऑफिसर ने 5000 मीटर की गहराई तक लगाया गोता, क्या है भारत का 'डीप ओशन मिशन'भारत ने 'मत्स्य 6000' को समंदर में 6000 मीटर की गहराई तक ले जाने के लिए डिजाइन किया है.

नई दिल्ली. शुभांशु शुक्ला के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने के करीब महीने भर बाद, भारत ने इस माह की शुरुआत में अपनी तरह के पहले अभियान में एक गोताखोर को समुद्र में 5,000 मीटर की गहराई तक भेजा. भारत के महत्वाकांक्षी ‘डीप ओशन मिशन’ की तैयारी के तहत, फ्रांस के साथ साझेदारी में दो भारतीयों ने पांच और छह अगस्त को फ्रांसीसी पनडुब्बी ‘नॉटाइल’ में उत्तरी अटलांटिक महासागर में एक-एक गहरा गोता सफलतापूर्वक लगाया.

राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक राजू रमेश पांच अगस्त को सागर में 4,025 मीटर नीचे गए, जिसके बाद छह अगस्त को भारतीय नौसेना कमांडर (सेवानिवृत्त) जतिंदर पाल सिंह ने 5,002 मीटर की गहराई तक गोता लगाया. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “एक भारतीय अंतरिक्ष में और एक भारतीय गहरे समुद्र में लगभग एक साथ जा रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “भारत की दोहरी विजय की खोज पहले ही शुरू हो चुकी है… एक अंतरिक्ष में और दूसरी गहरे समुद्र में तथा यह भारत की आर्थिक विकास की कहानी में इन दोनों क्षेत्रों के मूल्यवर्धन की शुरुआत होगी, जो पिछले सात-आठ दशकों में अपेक्षाकृत कम खोजे गए या पूरी तरह से अनछुए रहे हैं.”

सिंह ने कहा, “भारत से एक भारतीय अंतरिक्षयान में अंतरिक्ष में जा सकता है और उसी समय एक या अधिक भारतीय स्वदेश विकसित पनडुब्बी में गहरे समुद्र में जा सकते हैं.” पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा, “यह अभियान भारत के गहरे महासागर मिशन के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था.”

उन्होंने कहा कि भारत स्वदेशी पनडुब्बी “मत्स्य 6000” में गहरा गोता लगाने से पहले उसी पनडुब्बी में कई और गोता लगाएगा, जो दिसंबर 2027 के आसपास हो सकता है. समुद्रयान के नाम से मशहूर ‘डीप ओशन मिशन’ को 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी और इसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है.

‘मत्स्य 6000’ को 2.1 मीटर व्यास वाले टाइटेनियम मिश्र धातु के गोले के अंदर तीन लोगों को 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है, जो अत्यधिक दबाव को सहन करने में सक्षम है. यह वैज्ञानिक सेंसर, डेटा और ध्वनि संचार प्रणालियों और सुरक्षा उप-प्रणालियों से सुसज्जित है, जिनकी आपातकालीन क्षमता 96 घंटे तक है. इसके साथ, मानवयुक्त गहरे समुद्र मिशन को अंजाम देने की क्षमता रखने वाले छह देशों के समूह में भारत के शामिल होने की उम्मीद है.

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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New Delhi,Delhi

First Published :

August 15, 2025, 02:00 IST

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