Last Updated:July 20, 2025, 13:53 IST
karnataka siddaramaiah shivakumar tension: कर्नाटक में कांग्रेस के कार्यक्रम में सीएम सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच तनाव खुलकर सामने आया. सिद्दारमैया ने शिवकुमार का नाम लेने पर नाराजगी जताई. भ...और पढ़ें

कर्नाटक कांग्रेस में घमासान जारी है.
हाइलाइट्स
सिद्दारमैया और शिवकुमार के बीच तनाव खुलकर सामने आया.कार्यक्रम में शिवकुमार का नाम लेने पर सिद्दारमैया नाराज हुए.भाजपा ने इसे कांग्रेस में सत्ता संघर्ष बताया.Karnataka Siddaramaiah Shivakumar Tension: कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर तनाव का माहौल देखने को मिल रहा है. शनिवार को मंगलोर में आयोजित एक कार्यक्रम ‘साधना समवेश’ के दौरान मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच की कथित खींचतान खुलकर सामने आ गई. कार्यक्रम में एक कांग्रेस नेता ने सिद्दारमैया से डिप्टी सीएम शिवकुमार का नाम लेने का सुझाव दिया, जिसके जवाब में सिद्दारमैया नाराज हो गए और तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा- डीके शिवकुमार यहां नहीं हैं. वे बेंगलुरु चले गए हैं. हम केवल मौजूद लोगों का स्वागत कर सकते हैं, घर में बैठे लोगों का नहीं.
यह बयान न केवल सिद्दारमैया की नाराजगी को दर्शाता है, बल्कि दोनों नेताओं के बीच बढ़ते मतभेदों की ओर भी इशारा करता है. हैरानी की बात यह है कि शिवकुमार उस कार्यक्रम में मौजूद थे और अपने संबोधन के बाद किसी आपात स्थिति का हवाला देकर बेंगलुरु लौट गए. सिद्दारमैया का यह बयान इस घटना को और उलझन भरा बनाता है. इस घटना ने कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चल रही अटकलों को और हवा दे दी है.
पार्टी के भीतर सत्ता का संघर्ष
विपक्षी भाजपा ने इसे पार्टी के भीतर सत्ता संघर्ष का सबूत करार दिया है, जबकि कांग्रेस इसे गलतफहमी का परिणाम बता रही है. इस घटना की पृष्ठभूमि 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद से बन रही है, जब कांग्रेस की शानदार जीत के बाद सिद्दारमैया को सीएम और शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाया गया था. शिवकुमार पार्टी के राज्य अध्यक्ष भी हैं. उनको सीएम पद का मजबूत दावेदार माना जाता था, लेकिन पार्टी हाईकमान ने सिद्दारमैया को चुना.
कुछ खबरों में दावा किया गया था कि दोनों के बीच सत्ता साझा करने का अनौपचारिक समझौता हुआ था, जिसमें शिवकुमार को 2.5 साल बाद सीएम बनाया जा सकता था. हालांकि, यह कभी आधिकारिक रूप से पुष्ट नहीं हुआ. पिछले कुछ महीनों में शिवकुमार के समर्थकों ने सिद्दारमैया के खिलाफ बयानबाजी तेज कर दी है, जिससे तनाव बढ़ा है. शिवकुमार ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से सिद्दारमैया का समर्थन किया था, लेकिन यह भी कहा था कि ‘मेरे पास और क्या विकल्प है?’ इन बयानों ने उनकी असहमति को उजागर किया.
कांग्रेस हाईकमान ने साधी चुप्पी
इस घटना के बाद कांग्रेस हाईकमान ने भी चुप्पी साध ली है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेता इस मसले को सुलझाने के लिए जल्द बैठक कर सकते हैं. सिद्दारमैया ने पहले भी ऐसी अटकलों को खारिज किया है और कहा है कि उनकी सरकार पांच साल तक चलेगी. वहीं, शिवकुमार ने भी नेतृत्व परिवर्तन की बात से इनकार किया है, लेकिन उनके समर्थक लगातार दबाव बनाए हुए हैं. मंच पर हुई इस घटना ने आम जनता और राजनीतिक विश्लेषकों को भी हैरान किया है. कांग्रेस कार्यकर्ता रमेश पाटिल कहते हैं- यह देखकर दुख होता है कि हमारे नेता एक-दूसरे के खिलाफ बोल रहे हैं. पार्टी को एकजुट रहना चाहिए.
दूसरी ओर, भाजपा नेता ने इसे कांग्रेस की अस्थिरता का प्रमाण बताया और कहा कि यह सत्ता के लिए अंदरूनी जंग का नतीजा है. विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद सतह पर आया है, लेकिन इसका समाधान पार्टी के भीतर ही होगा. कांग्रेस हाईकमान, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी शामिल हैं, इस स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
और पढ़ें