Last Updated:August 14, 2025, 17:02 IST
Kishtwar cloud burst: किश्तवाड़ में मचैल माता मंदिर के पास बादल फटने के बाद कुदरत ने अपना भयावह रूप दिखाया. कई लोगों की मौत हो गई है, वहीं, कई अभी भी गायब है. राहत-बचाव का कार्य तेजी से चल रहा है. तस्वीरों में देखें कुदरत की तबाही.

Kishtwar cloud burst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोटी गांव में गुरुवार को बादल फट गए. इस घटना में अब तक 12 लोगों के शव मिल चुके हैं. अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी लापता हैं.

ये हादसा दोपहर करीब 12 से 1 बजे के बीच हुआ, जब मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे. चिशोटी गांव, मचैल माता मंदिर जाने का आखिरी मोटरेबल प्वाइंट है, जहां से 8.5 किलोमीटर का पैदल रास्ता शुरू होता है.

चिशोटी गांव समुद्र तल से करीब 9,500 फीट की ऊंचाई पर है और किश्तवाड़ से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां तक पहुंचना ही एक लंबा और थकाने वाला सफर है, और ऐसे में अचानक बादल फटना लोगों के लिए डरावना पल बन गया.

मचैल माता यात्रा के लिए यहां एक लंगर लगाया गया था, लेकिन बादल फटने के साथ आई तेज पानी की धारा और मलबे ने इसे बुरी तरह नुकसान पहुंचाया. कई लोग उसी लंगर में मौजूद थे, जिसकी वजह से वहां भारी तबाही हुई.

पाडर के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट की अगुवाई में एक टीम तुरंत प्रभावित इलाके में पहुंची. साथ ही किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर पंकज कुमार शर्मा और एसएसपी नरेश सिंह भी मौके पर रवाना हुए ताकि राहत और बचाव का काम खुद देख सकें.

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर से बात कर हालात की जानकारी ली. उन्हें यह सूचना जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा ने दी थी.

घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की. उन्होंने उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी और बताया कि राहत-बचाव का काम तेजी से चल रहा है.

यात्रा की ड्यूटी पर तैनात एक सीआईएसएफ जवान की इस हादसे में मौत हो गई. इसके अलावा सीआईएसएफ के तीन और जवान अभी तक लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए बचाव दल लगातार कोशिश कर रहे हैं.

घटना होते ही रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच गईं. बड़े पैमाने पर राहत-बचाव अभियान चलाया जा रहा है ताकि मलबे में दबे लोगों को निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया जा सके और जो फंसे हैं उन्हें तुरंत निकाला जाए.

किश्तवाड़ में बादल फटने से भारी तबाही की आशंका है.