देश में घट रही एटीएम की संख्‍या, आरबीआई ने बताया-अब कितने रह गए कुल ATM

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Last Updated:December 30, 2025, 05:41 IST

ATM in India : रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट में बताया है कि देश में एटीएम की संख्‍या में पिछले एक साल के दौरान गिरावट आई है. सबसे ज्‍यादा कमी निजी बैंकों के एटीएम में दिखी, जो करीब 2.5 हजार से भी ज्‍यादा है. हालांकि, इस दौरान नई बैंक शाखाएं खुलने में तेजी आई.

देश में घट रही एटीएम की संख्‍या, आरबीआई ने बताया-अब कितने रह गए कुल ATMदेश में एटीएम की संख्‍या तेजी से घटती जा रही है.

नई दिल्‍ली. रिजर्व बैंक ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया है कि एक तरफ तो देश में बैंकों के नए-नए ब्रांच खुलते जा रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर एटीएम की संख्‍या में लगातार गिरावट आती जा रही है. आरबीआई ने बताया है कि महज एक साल के भीतर देशभर में करीब 3 हजार एटीएम बंद हो चुके हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह डिजिटल भुगतान का बढ़ता दायरा है. डिजिटल भुगतान ने अब कैश के इस्‍तेमाल को काफी कम कर दिया है.

आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पैसे की निकासी के लिए इस्तेमाल होने वाली एटीएम की संख्या में वित्तवर्ष 2024-25 के दौरान कुल गिरावट आई, जबकि बैंक शाखाओं की संख्‍या में बढ़ोतरी दर्ज की गई. आरबीआई ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में बताया कि देशभर में मार्च, 2025 तक कुल 2,51,057 एटीएम सक्रिय थे जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 2,53,417 था. इस तरह, सालभर में ही करीब 3 हजार एटीएम बंद हो चुके हैं.

अब कितने रह गए एटीएम
आरबीआई ने बताया कि निजी क्षेत्र के बैंकों के एटीएम नेटवर्क में तुलनात्मक रूप से अधिक गिरावट आई है. निजी बैंकों के एटीएम सालभर पहले के 79,884 से घटकर 77,117 रह गए. इसका मतलब है कि इस संख्‍या में करीब ढाई हजार एटीएम की गिरावट आई है. वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एटीएम 1,34,694 से घटकर 1,33,544 रह गए. इसका मतलब है कि सरकारी बैंकों के एटीएम की संख्‍या में भी करीब 1 हजार की गिरावट दिख रही है.

क्‍या है एटीएम कम होने की वजह
रिपोर्ट कहती है कि एटीएम की संख्या घटने के पीछे डिजिटलीकरण के बढ़ते कदम और दोनों तरह के बैंकों द्वारा एटीएम की बंदी मुख्य कारण रहे. हालांकि, इसी दौरान स्वतंत्र रूप से संचालित व्हाइट लेबल एटीएम की संख्या बढ़कर 36,216 हो गई है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एटीएम ग्रामीण, कस्बाई, शहरी एवं महानगरीय क्षेत्रों में समान रूप से वितरित हैं, जबकि निजी एवं विदेशी बैंकों का ध्यान मुख्य रूप से शहरी एवं महानगरीय क्षेत्रों पर केंद्रित है.

कितनी नई बैंक शाखाएं खुलीं
आरबीआई ने बताया कि पिछले वित्तवर्ष में बैंक शाखाओं की संख्या बढ़कर 1.64 लाख तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.8 फीसदी अधिक है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने नई शाखाएं खोलने में सक्रिय भूमिका निभाई और अपनी दो-तिहाई नई शाखाएं ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में खोलीं. निजी बैंकों की हिस्सेदारी नए शाखाओं में 67.3 फीसदी से घटकर 51.8 फीसदी रह गई.

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Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

December 30, 2025, 05:30 IST

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