Last Updated:August 14, 2025, 16:27 IST
Delhi Stray Dog Census: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया, लेकिन तीन साल से कुत्तों की गिनती रुकी है. आखिरी सर्वे साल 2016 में हुआ था.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि शहर की सड़कों पर घूम रहे सभी आवारा कुत्तों को नगर निकाय हटाकर शेल्टर में शिफ्ट करें. लेकिन असली दिक्कत ये है कि दिल्ली नगर निगम को खुद नहीं पता कि यहां ऐसे कुत्तों की सही संख्या कितनी है. कोई कहता है 3 लाख, कोई कहता है 5 लाख, और कुछ का अनुमान है करीब 10 लाख. यानी लगभग हर 25 लोगों पर एक कुत्ता!
तीन साल से अटका हुआ सर्वे
नगर निगम ने कुत्तों की गिनती के लिए सर्वे की योजना तो बनाई थी, लेकिन पिछले तीन साल से ये काम पैसे की कमी की वजह से अटका हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि बिना गिनती के ये तय करना मुश्किल है कि कितने कुत्तों की नसबंदी करनी है और इसके लिए कितनी व्यवस्था करनी होगी.
आखिरी गिनती कब हुई थी?
दिल्ली में आखिरी बार कुत्तों की गिनती 2016 में हुई थी, वो भी सिर्फ दक्षिणी निगम के कुछ इलाकों में. उस सर्वे में 1,89,285 कुत्ते मिले थे, जिनमें करीब 40% नर और 28% मादा कुत्तों की वैक्सीनेशन हो चुकी थी. उससे पहले, 2009 में पूरे दिल्ली में हुए सर्वे में 5,60,000 कुत्ते गिने गए थे.
हर जगह अलग-अलग आंकड़े
2019 में दिल्ली विधानसभा की एक सब-कमेटी ने अनुमान लगाया कि शहर में करीब 8 लाख आवारा कुत्ते हैं. अब अधिकारियों का मानना है कि ये संख्या 10 लाख के आसपास हो सकती है. इतनी बड़ी तादाद में कुत्तों को शिफ्ट करने के लिए बहुत बड़ी जगह और इंतजाम चाहिए.
जगह और खाना… कैसे होगा इंतजाम?
अगर मान लें कि हर कुत्ते के लिए 10 वर्ग फुट जगह चाहिए, तो करीब 1 करोड़ वर्ग फुट का शेल्टर स्पेस लगेगा. इसके अलावा, इतने कुत्तों को रोजाना खाना खिलाना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश तो दे दिया, लेकिन जमीन, शेल्टर और खाने का इंतजाम कैसे होगा, ये साफ नहीं है.
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 14, 2025, 16:27 IST