Last Updated:July 19, 2025, 21:57 IST
Pashchim Champaran News: वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व में जंगल सफारी बंद होने के बावजूद भी पर्यटक वन्य जीवों का दीदार कर पा रहे हैं.दरअसल, बरसात और वन्य जीवों के मीटिंग सीजन होने की वजह से हर वर्ष मॉनसून के समय सफारी...और पढ़ें

शनिवार को मादा भालू अपने 2 नन्हें शावकों के साथ मस्ती करते नजर आई.
पश्चिम चम्पारण: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी बंद होने के बावजूद भी पर्यटक वन्य जीवों का दीदार कर पा रहे हैं. दरअसल, बरसात और वन्य जीवों के मीटिंग सीजन होने की वजह से हर वर्ष मानसून के समय सफारी पर रोक लगा दी जाती है. ऐसे में जंगल में घनघोर शांति फैल जाती है, जिससे कोर एरिया में रहने वाले वन्य जीव बाहर निकल मुहाने तक आने लगते हैं. शनिवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब बच्चे को पीठ पर लादे एक मादा स्लॉथ बियर जंगल के बाहरी क्षेत्र में घूम रही थी.
शावकों के साथ मस्ती करते दिखी मादा भालू
बता दें कि यह मामला VTR के डिविजन एक के अंतर्गत आने वाले गोवर्धना रेंज का है. जहां इंसानी चहल पहल बंद होने की वजह से वन्य जीव निडर होकर अपने शावकों के साथ जंगल का दौरा करते नज़र आ रहे हैं. बीते कुछ दिनों से कभी तेंदुआ तो कभी स्लॉथ बियर को अक्सर आराम फरमाते या कुछ रोचक एक्टिविटी करते हुए देखा जा रहा है. शनिवार को भी मादा भालू अपने 2 नन्हे शावकों के साथ मस्ती करते नजर आई. एक शावक उसकी पीठ पर सवार था, तो दूसरा उसके आगे दौड़ रहा था. स्थानीय लोगों ने बताया कि जैसे ही मादा भालू ने आसपास हल्की सी आहट सुनी, वह सतर्क हो गई और कुछ ही देर में अपने शावकों को समेट कर जंगल के अंदर लौट गई.
VTR में स्लॉथ बियर की भरमार
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बिहार के इकलौते टाइगर रिजर्व वाल्मीकि में स्लॉथ बियर का घना बसेरा है. हालांकि, ये टाइगर रिजर्व मुख्य रूप से बाघों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यहां आने वाले पर्यटकों का विशेष ध्यान स्लॉथ बियर ही आकर्षित करते हैं. इनका रंग काला होता है और इनकी छाती पर अंग्रेज़ी के ‘V’ अक्षर की आकृति बनी होती है.स्लॉथ बियर एकमात्र ऐसे वन्य जीव हैं, जो इंसानों की तरह ही अपने बच्चों को पीठ पर बैठाकर/ उठाकर घूमते हैं. जरूरत पड़ने पर इंसानों की तरह ही स्लॉथ बियर भी दो पैरों पर खड़े हो जाते हैं. ऐसा मामला उस वक्त सबसे ज्यादा देखने को मिलता है, जब वो किसी से द्वंद के मूड में होते हैं, या फिर किसी बात को लेकर बेहद उत्साहित होते हैं.
शक्तिशाली और समझदार
ज्यादातर लोगों को लगता है कि स्लॉथ बियर शाकाहारी होते हैं, लेकिन आपको बताते चलें कि ये मुख्य रूप से सर्वाहारी होते हैं. इनके पसंदीदा आहार में दीमक, मिट्टी के नीचे उगने वाले जंगली मशरूम (भुटकी) और शहद शामिल है. अभिषेक बताते हैं कि बाघों की तरह ही स्लॉथ बियर के केनाइन भी करीब 3 इंच और नाखून भी 3 इंच तक लंबे होते हैं. गलती से भी यदि ये अपनी पूरी क्षमता से किसी इंसान पर हमला कर दें, तो एक बार में ही जान जाने की प्रबल संभावना रहती है.
अवैध शिकार से विलुप्ति का खतरा
हालांकि, ये वन्य जीव पश्चिम चम्पारण के अलावा जमुई, मुंगेर, कैमूर और भारत सहित नेपाल, भूटान, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देशों में भी खूब पाए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी हो रहे अवैध शिकार की वजह से IUCN द्वारा इन्हें रेड लिस्ट की श्रेणी में रखा गया है. वाइल लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत इन्हें शेड्यूल–01 की श्रेणी में रखा गया है. ऐसे में उन्हें पकड़ने या छेड़ने पर आपको सात साल की सजा और 1 लाख रुपए का जुर्माना या फिर कुछ मामलों में दोनों का भुगतान करना पड़ सकता है.
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले...और पढ़ें
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले...
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Location :
Bettiah,Pashchim Champaran,Bihar