ड्रोन की एंट्री से बदल गई तस्वीर, आसमान तक ही सीमित रह गई भारत-पाक की जंग

2 hours ago

DRONE WARFARE : भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अब लॉन्ग रेंज वेपन और ड्रोन वारफेयर तक सीमित हो गया है. भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. इस ऑपरेशन में पहली बार भारत ने कामिकाजी सुसाइडल ड्रोन का इस्तेमाल किया. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के कई मिलिट्री ठिकानों और सिविल इलाकों पर ड्रोन से हमले की कोशिश की. पाकिस्तान के ड्रोन लगातार घुसपैठ कर रहे थे और भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम उन्हें रोक रहा था. भारत और पाकिस्तान दोनों के पास ड्रोन की नई फौज है, लेकिन पाक के ड्रोन मार गिराए जाने के अलावा कुछ नहीं कर पाए.

ड्रोन का इस्तेमाल क्यों होता है?
ऐसिमेट्री वॉरफेयर के लिए ड्रोन सबसे बेहतर हथियार हैं. कम कीमत के ड्रोन से गहरी चोट पहुंचाई जा सकती है. छोटे क्वाडकॉप्टर, जिनकी कीमत कुछ हजार रुपये से लेकर लाखों तक होती है, विस्फोटक बांधकर बड़े हमले किए जा सकते हैं. इन्हें रोकने के लिए लाखों की एयर डिफेंस मिसाइल का इस्तेमाल करना पड़ता है.फाइटर जेट और भारी मिसाइलों के मुकाबले ड्रोन का इस्तेमाल सस्ता और सटीक होता है. ड्रोन फाइटर जेट के मुकाबले कम हथियारों से लैस होते हैं और दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल होते हैं. छोटे आकार के कारण ये रडार में पकड़ में नहीं आते. भारतीय सेना के पास ऐसे रडार भी हैं जो छोटे ड्रोन को आसानी से पकड़ सकते हैं.

भारत की ड्रोन आर्मी
हेरोन मिडियम एल्टीट्यूड ड्रोन: यह भारतीय सेना के पास ज्यादा एंड्योरेंस वाला ड्रोन है, जो 52 घंटे तक उड़ान भर सकता है. यह 250 किलो तक के सेंसर ले जा सकता है. इसकी खरीद भारत ने इजरायल से की है. यह सर्वेलांस ड्रोन है और खुफिया जानकारी जुटाने के लिए भी भेजा जा सकता है. यह 32,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है और कुछ हेरोन ड्रोन को कॉम्बेट ड्रोन में भी बदला जा सकता है.

सर्चर ड्रोन: यह एक टेक्टिकल यूएवी है, जिसे इजरायल से लिया गया है। यह 20,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और 18 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है. यह 70 किलो तक का पेलोड ले जा सकता है और रियल टाइम वीडियो और तस्वीरें देता है. यह दिन-रात दोनों समय काम कर सकता है.

हेरप और हारपी: ये लॉइंटरिंग एम्युनिशन हैं और सुसाइडल ड्रोन की तरह इस्तेमाल होते हैं. इन्हें कामिकाजी ड्रोन भी कहा जाता है. हारपी की रेंज 1,000 किलोमीटर है और यह 9 घंटे तक उड़ सकता है. इसमें 16 किलो तक का वॉरहेड होता है.

स्काई स्ट्राइकर: यह स्वदेशी और आत्मघाती ड्रोन है, जो 5 से 10 किलो तक के वॉरहेड के साथ 100 किलोमीटर तक ऑपरेट कर सकता है। यह दुश्मन के रडार से बच जाता है.

स्वॉर्म ड्रोन: भारतीय सेना ने हाल ही में स्वॉर्म ड्रोन को अपने जखीरे में शामिल किया है. कई छोटे ड्रोन को एक साथ एक मदर ड्रोन के जरिए ऑपरेट किया जा सकता है.

पाकिस्तान के ड्रोन पर नजर
Byker YIHA III: भारतीय सेना ने शनिवार सुबह अमृतसर के पास पाकिस्तान के Byker YIHA III ड्रोन को मार गिराया. यह तुर्की निर्मित ड्रोन है, जो हाई एक्सप्लोसिव पेलोड ले जा सकता है और कम ऊंचाई पर उड़ सकता है.

AKINCI: यह तुर्की से लिया गया आर्म्ड UAV है. पाकिस्तान इस ड्रोन की खरीद करने वाला दुनिया का पहला देश है. इसकी लंबाई 12.2 मीटर और विंड स्पैन 20 मीटर है. यह 40,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और 1,500 किलो विस्फोटक ले जा सकता है. यह 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है और ऑटोमेटिक नेविगेशन और रूट ट्रैकिंग सिस्टम से लैस है.

Bayraktar TB2: यह तुर्की का ड्रोन है, जो 27 घंटे तक उड़ सकता है. यह 150 किलो का पेलोड ले जा सकता है और लेजर गाइडेड एम्युनिशन दाग सकता है. यह 25,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और पाकिस्तान के मुरिद एयरबेस में तैनात है.

बुराक ड्रोन: यह पाकिस्तान का इनहाउस प्रोडक्ट है, जिसकी रेंज 200 किलोमीटर है और यह 50 किलो तक विस्फोटक ले जा सकता है. यह एयर टू ग्राउंड मिसाइल भी दाग सकता है और 12 घंटे तक हवा में रह सकता है.

शाहपर: पाकिस्तान के पास शाहपर सीरीज के ड्रोन हैं, जो सर्वेलांस और अटैक दोनों के लिए इस्तेमाल होते हैं. Shahpar-2 14 घंटे तक उड़ सकता है और 250 किलो विस्फोटक ले जा सकता है.

CH-4 ड्रोन: यह चीनी ड्रोन है, जिसे CH-4 रेनबो के नाम से भी जाना जाता है. इसके विभिन्न वेरियंट 30 से 35 घंटे तक उड़ सकते हैं और 345 किलो का पेलोड ले जा सकते हैं.

विंग लूंग 2: पाकिस्तान ने चीन से विंग लूंग-II ड्रोन सिस्टम भी खरीदा है. इसे अमेरिकी MQ-9 ड्रोन की कॉपी कहा जाता है. इसकी टॉप स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह 4,000 किलोमीटर तक उड़ सकता है. यह 32 घंटे तक उड़ान भर सकता है.

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