Last Updated:December 30, 2025, 21:37 IST
सर्दी का मौसम तेज है, हर कोई सर्दी, बुखार, सिरदर्द, गले में दर्द जैसी परेशानियों से जूझ रहा है. हर दिन इन बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं और लोग अस्पताल भी जा रहे हैं. ये लक्षण आमतौर पर सर्दी-जुकाम जैसे लगते हैं, लेकिन ये सिर्फ सर्दी नहीं, बल्कि साइनस या साइनुसाइटिस भी हो सकता है. जानिए यह परेशानी सर्दी में क्यों बढ़ जाती है?
जानिए, सर्दी में साइनस के इंफेक्शन क्यों बढ़ जाते हैं? (AI)Sinus infection in winter: सर्दी का मौसम तेज है, हर कोई सर्दी, बुखार, सिरदर्द, गले में दर्द जैसी परेशानियों से जूझ रहा है. हर दिन इन बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं और लोग अस्पताल भी जा रहे हैं. ये लक्षण आमतौर पर सर्दी-जुकाम जैसे लगते हैं, लेकिन ये सिर्फ सर्दी नहीं, बल्कि साइनस या साइनुसाइटिस भी हो सकता है. अब सवाल है कि आखिर साइनस क्या है? क्या हैं इस परेशानी के लक्षण? सर्दियों में क्यो बढ़ जाती है साइनस की समस्या? कैसे करें इससे बचाव? आइए जानते हैं इस बारे में-
साइनस क्या है?
सर्दी के मौसम में ये समस्या ज्यादा होती है. साइनस मतलब नाक के आसपास की हवा से भरी जगहों में सूजन या इंफेक्शन. ये वायरस, बैक्टीरिया, फंगस या एलर्जी की वजह से होता है. इससे नाक बंद होना, चेहरे में दर्द, सिरदर्द जैसे लक्षण दिखते हैं. ये एक दिन में ठीक होने वाली समस्या नहीं है. जब ये होता है तो सिर भारी लगता है, नींद नहीं आती, चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है और बहुत चिड़चिड़ापन महसूस होता है.
सर्दी में साइनस के इंफेक्शन क्यों बढ़ते हैं?
ये साइनस आमतौर पर सर्दी या एलर्जी वाले मौसम में ज्यादा होते हैं. सर्दी में ठंडी और सूखी हवा नाक के अंदर की परत को सुखा देती है और उसकी नेचुरल सुरक्षा कमजोर हो जाती है. बढ़ता प्रदूषण, धुएं का ज्यादा संपर्क और वायरल इंफेक्शन भी इसकी वजह बनते हैं. स्टडीज के मुताबिक हर साल करीब 10-15% वयस्क साइनुसाइटिस से परेशान होते हैं. सर्दी और सूखी हवा नाक के अंदर की परत को सुखा देती है, जिससे धूल, एलर्जन और बैक्टीरिया को रोकने की ताकत कम हो जाती है. साथ ही, बढ़ता प्रदूषण हालात और खराब कर देता है. इसलिए खासकर अस्थमा, एलर्जी या साइनस की समस्या वाले लोग जल्दी इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं.
आम सर्दी साइनुसाइटिस में कैसे बदलती है?
साइनुसाइटिस आमतौर पर वायरल सर्दी से शुरू होता है, लेकिन बाद में जब नाक की नली सूज जाती है और बलगम ठीक से नहीं निकलता, तो बैक्टीरिया या वायरस साइनस में चले जाते हैं और इंफेक्शन हो जाता है. सही इलाज न मिले तो साइनुसाइटिस बढ़ सकता है या लंबे समय तक परेशान कर सकता है. ये रोजमर्रा की जिंदगी पर भी असर डालता है. बार-बार साइनस इंफेक्शन नींद खराब कर सकते हैं और इम्यूनिटी भी कमजोर कर सकते हैं.
साइनुसाइटिस का इलाज और बचाव
धूम्रपान करने वाले, बच्चे, बुजुर्ग और जिनको पहले से सांस की दिक्कत है, उन्हें ज्यादा खतरा होता है. इसलिए इलाज और बचाव जरूरी है. साइनस होने पर ज्यादातर लोग दवा लेते हैं, लेकिन दवा सिर्फ थोड़ी देर के लिए राहत देती है. साइनुसाइटिस में आपको ज्यादा पानी पीना चाहिए, भाप लेनी चाहिए, नेजल स्प्रे का इस्तेमाल करें और सबसे जरूरी ठंडी हवा से बचें, साथ ही प्रदूषित माहौल से भी दूर रहें. घर के अंदर हवा की क्वालिटी बनाए रखने के लिए जरूरत हो तो ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें. ज्यादा प्रदूषण वाले दिनों में मास्क पहनें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
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ललित कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी. इस दौरान वे मेडिकल, एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करते थे. पत्रकारिता क...और पढ़ें
First Published :
December 30, 2025, 21:37 IST

3 hours ago
