Last Updated:May 10, 2025, 23:43 IST
China Backs Pakistan: भारतीय एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर के लिए भारत से सहमति बनाई. चीन ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत को चेतावनी दी. वांग यी ने अजीत डोभाल से भी बात की और शांति की उम्मीद जताई...और पढ़ें

चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया है. (फोटो AP/PTI)
China Backs Pakistan: भारतीय वायुसेना की तबाही मचाती एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत के सामने सीजफायर के लिए गिड़गिड़ा रहा था. भारत के साथ सीजफायर पर सहमति बन गई. इस बीच अब उसे चीन में नया सहारा दिख रहा है. पाकिस्तान की पिटाई से बौखलाए चीन ने भारत को घुमा-फिराकर चेतावनी देने की कोशिश की है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शनिवार को पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार से बातचीत में कहा कि बीजिंग “पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय स्वतंत्रता” का समर्थन करता रहेगा.
हालांकि यह बयान तब आया है जब पाकिस्तान की सेना और आतंकी ढांचे को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत बुरी तरह तबाह कर दिया है. और दोनों देशों के बीच इसके बाद सैन्य टकराहट देखने को मिला. पाकिस्तान ने भारत पर कई नाकाम हमलेक करने की कोशिश की. इसके जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की. भारत के प्रहारों से हिला पाकिस्तान अब दुनिया के सामने खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश कर रहा है और चीन उसी एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है.
वहीं वांग यी ने शनिवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी फोन पर बात की. चीन ने इस बातचीत की जानकारी देते हुए बताया कि डोभाल ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को जरूरी बताया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध भारत की पसंद नहीं है और यह किसी भी पक्ष के हितों की पूर्ति नहीं करता है. भारत और पाकिस्तान दोनों ही युद्धविराम को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की जल्द बहाली की उम्मीद करते हैं.
चीन के बदले सुर
वांग यी ने पहलगाम आतंकवादी हमले की चीन की निंदा और आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति उसके विरोध को व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान जटिल और अस्थिर अंतर्राष्ट्रीय स्थिति को देखते हुए, एशिया में शांति और स्थिरता हासिल करना मुश्किल है और इसे संजोया जाना चाहिए. भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी देश हैं जिन्हें स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है और दोनों ही चीन के पड़ोसी भी हैं.
उन्होंने कहा कि चीन डोभाल के इस कथन की सराहना करता है कि युद्ध भारत की पसंद नहीं है और ईमानदारी से उम्मीद करता है कि दोनों पक्ष शांत रहेंगे और संयम बरतेंगे, बातचीत और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को सुलझाएंगे और आगे बढ़ने से बचेंगे. चीन भारत और पाकिस्तान द्वारा बातचीत के माध्यम से एक व्यापक और स्थायी युद्धविराम हासिल करने का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि यह दोनों देशों के मौलिक हितों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की साझा आकांक्षाओं में है.
चीन क्यों कर रहा है पाकिस्तान का समर्थन?
गौरतलब है कि चीन और पाकिस्तान की दोस्ती सिर्फ कूटनीतिक नहीं बल्कि रणनीतिक और आर्थिक स्वार्थ से जुड़ी हुई है. चीन का चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पाकिस्तान के बलूचिस्तान से होकर गुजरता है, जहां सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तानी सेना पर है. ऐसे में भारत द्वारा पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को ध्वस्त किए जाने से CPEC के लिए खतरा बढ़ गया है. चीन को डर है कि भारत की बढ़ती आक्रामकता उसके अरबों डॉलर के निवेश पर असर डाल सकती है. यही वजह है कि चीन अब पाकिस्तान की ढाल बनकर खड़ा दिख रहा है.
इशाक डार से बातचीत में चीन ने जताई ‘हमदर्दी’
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अनुसार वांग यी ने इशाक डार से फोन पर बातचीत की और “बदलते क्षेत्रीय हालात” पर चर्चा की. डार ने चीन को बताया कि भारत की ओर से किए गए हमलों के बाद पाकिस्तान ने क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए सीजफायर की पेशकश की है. लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान ने भारत से सीधे-सीधे मार खाकर ही सीजफायर की मांग की थी.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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