Last Updated:October 27, 2025, 09:34 IST
What is Change in RERA Law : मकान खरीदारों के संगठन ने रेरा कानून में बदलाव की मांग की है. उनका कहना है कि बिल्डर अभी कानून की खामियों का फायदा उठाकर मकान खरीदारों के साथ खेल करते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं.
ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए रेरा कानून में बदलाव की मांग की है. नई दिल्ली. जब से रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) बना है, मकान खरीदारों के हक काफी हद तक सुरक्षित हुए हैं. लेकिन, आज भी इस कानून में कई ऐसे झोल हैं, जिनका फायदा रियल एस्टेट के खिलाड़ी उठाते हैं. अब घर खरीदारों के संगठन एफपीसीई ने इस कानून में कुछ और बदलाव करने की मांग उठाई है. उनका कहना है कि इससे बिल्डरों पर शिकंजा और मजबूत होगा और मकान खरीदारों के हित और ज्यादा सुरक्षित हो सकेंगे.
ग्राहकों के हितों को अधित सुरक्षित बनाने के लिए घर खरीदारों के संगठन एफपीसीई ने मांग की है कि रियल एस्टेट कानून ‘रेरा’ में संशोधन किया जाना चाहिए, ताकि बिक्री के लिए परियोजनाएं शुरू करने की अनुमति देने से पहले बिल्डरों के पिछले रिकॉर्ड की पुष्टि करने की व्यवस्था शामिल की जा सके. संगठन ने यह भी मांग की है कि कानून में एक नया प्रावधान जोड़ा जाए, जिसके तहत बिल्डरों द्वारा वादे के अनुसार सुविधाएं और सुविधाजनक व्यवस्थाएं न देने की स्थिति में खरीदारों को मुआवजा दिया जाए.
बुकिंग कैंसिल पर आसान हो रिफंड
एफपीसीई ने आग्रह किया है कि यदि संपत्ति खरीदार किसी यूनिट की बुकिंग रद्द करते हैं तो रिफंड के लिए एक समान नियम बनाया जाए. फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट्स (एफपीसीई) के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोज लाल को पत्र लिखकर रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (रेरा) में संशोधन की मांग की है, ताकि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए नियामक संस्थाओं को अधिक अधिकार दिए जा सकें.
कानून की खामियों का फायदा उठा रहे बिल्डर
सेंट्रल एडवाइजरी कमेंटी के सदस्य अभय उपाध्याय ने केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में रेरा कानून की गंभीर खामियों को उजागर किया है. उन्होंने बताया कि इन खामियों की वजह से ही देशभर में होमबायर्स के साथ अन्याय हो रहा है और बिल्डर मकान खरीदारों को चूना लगा रहे हैं. लिहाजा इस कानून में एक अलग सेक्शन शामिल किया जाए, जो बिल्डरों के वादे न पूरे करने पर उन्हें विशेष रूप से एट्रेस करें.
बिल्डरें से जमा कराई जाए अलग राशि
एफपीसीई ने कहा कि नया कानून बनाने में कुछ समय लगता है, तब तक मंत्रालय सभी रेरा अथॉरिटीज को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी करे. इसके तहत बिल्डर्स अधूरी सुविधाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त राशि एस्क्रो अकाउंट में जमा कराएं और प्राधिकरण समय पर इन सुविधाओं की निगरानी और अनुपालन सुनिश्चित कराए. साथ ही ऐसा मैकेनिज्म भी बनाया जाए जो नए प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन से पहले प्रमोटर के ट्रैक रिकॉर्ड की जांच करे.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 27, 2025, 09:34 IST

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