गोवा से भी छोटा देश सिंगापुर, इस मामले में अमेरिका से भी अहम, कितना है कारोबार

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Last Updated:September 03, 2025, 11:34 IST

India-Singapore Business : भारत और सिंगापुर के बीच बड़ी कारोबारी साझेदारियां हैं, जिसका लाभ दोनों देशों की कंपनियां उठाती हैं. भारत में सिंगापुर की सैकड़ों कंपनियां काम कर रही हैं तो सिंगापुर में भारत की भी करी...और पढ़ें

गोवा से भी छोटा देश सिंगापुर, इस मामले में अमेरिका से भी अहम, कितना है कारोबारभारत और सिंगापुर के बीच पिछले साल 34 अरब डॉलर का कारोबार हुआ था.

नई दिल्‍ली. सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वॉन्‍ग भारत की यात्रा पर आ रहे हैं. अमेरिका के साथ जारी टैरिफ वॉर के बीच वॉन्‍ग की यह यात्रा काफी अहम मानी जा रही है. सिंगापुर वैसे तो भारत के सबसे छोटे राज्‍य गोवा से भी छोटा है, लेकिन व्‍यापारिक लिहाज से यह अमेरिका जैसे देशों से भी ज्‍यादा अहमियत रखता है. सिंगापुर और भारत के बीच कितना कारोबार होता है और किस मामले में यह दुनिया के बाकी देशों से ज्‍यादा अहमियत रखता है.

सिंगापुर वैसे तो छोटा सा देश है, लेकिन व्‍यापारिक लिहाज से यह काफी महत्‍वपूर्ण है. इसकी अहमियत का अंदाजा ऐसे ही लगा सकते हैं कि सिंगापुर हमारे लिए 10 प्रमुख व्‍यापारिक साझेदारों में शामिल है. वित्‍तवर्ष 2024-25 में दोनों देशों का कुल कारोबार करीब 34 अरब डॉलर का रहा था. इसमें से हमारा आयात 21.29 अरब डॉलर तो निर्यात 12.98 अरब डॉलर का था. इस लिहाज से सिंगापुर के साथ हमारा व्‍यापार घाटा 8.31 अरब डॉलर का रहा है.

क्‍या खरीदता और क्‍या बेचता है भारत
सिंगापुर से ज्‍यादातर इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, मशनरी, रसायन और पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट का आयात किया जाता है. इसके बदले में भारत ज्‍वैलरी, फार्मा प्रोडक्‍ट और एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍ट का निर्यात करता है. साल 2005 में भारत और सिंगापुर के बीच व्‍यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) हुआ था. इसके तहत दोनों देश व्‍यापार, निवेश और सेवाओं को बढ़ावा देते हैं. इस समझौते में एक-दूसरे पर कम टैरिफ लगाने के साथ व्‍यापार को सुगम बनाने और निवेश को लेकर सहमति बनी थी.

सिंगापुर से आता है सबसे ज्‍यादा एफडीआई
प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई के मामले में सिंगापुर हमारे लिए सबसे अहम है. साल 2000 से 2023 तक सिंगापुर से भारत में करीब 159 (करीब 14 लाख करोड़ रुपये) अरब डॉलर का एफडीआई आया है. यह इस अवधि में मिले कुल एफडीआई का करीब 25 फीसदी है. एफडीआई के मामले में सिंगापुर ने अमेरिका, यूरोप सहित तमाम अन्‍य देशों को भी पीछे छोड़ दिया है. आज भी सिंगापुर हमारे लिए एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत है.

सिंगापुर में कितनी भारतीय कंपनियां
सिंगापुर दुनिया का सबसे बड़ा फाइनेंशियल सेंटर है, जहां भारत ही नहीं अन्‍य देशों की कंपनियां भी पूंजी जुटाने आती हैं. सिंगापुर का मजबूत स्‍टार्टअप इकोसिस्‍टम भारतीय कंपनियों के लिए एक लॉन्चिंग पैड की तरह काम करता है. भारत-सिंगापुर डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के तहत भारतीय कंपनियों को टैक्‍स में बड़ा लाभ मिलता है. यही वजह है कि आज करीब 9 से 10 हजार भारतीय कंपनियां सिंगापुर में रजिस्‍टर हैं. इसमें टाटा, रिलायंस, इन्‍फोसिस, विप्रो, महिंद्रा जैसी दिग्‍गज कंपनियां भी शामिल हैं. सिंगापुर में कॉरपोरेट टैक्‍स महज 17 फीसदी है, जिसकी वजह से कंपनियों को यहां कारोबार करके ज्‍यादा टैक्‍स बचाने में मदद मिलती है. सिंगापुर आज भारतीय स्‍टार्टअप के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है.

सिंगापुर की कितनी कंपनियां भारत में
सिंगापुर की भी कई कंपनियां भारत में काम करती हैं. बैंकिंग, लॉजिस्टिक्‍स, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, डाटा सेंटर, टेलीकॉम, एग्रीकल्‍चर, इंजीनियरिंग, कंस्‍ट्रक्‍शन और मैन्‍युफैक्‍चरिंग जैसे सेक्‍टर्स में सिंगापुर की कंपनियां काम करती हैं. सिंगापुर की कुछ बड़ी कंपनियों में डीबीएस बैंक, सिंगटेल ग्‍लोबल, एसटीटी ग्‍लोबल डाटा सेंटर, फ्लेक्सट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजीज, L&W कंस्ट्रक्शन, APL लॉजिस्टिक्स, ओलम एग्रो, क्वेस्ट ग्लोबल इंजीनियरिंग सर्विसेज और यूनाइटेड ओवरसीज बैंक शामिल हैं.

परचेजिंग पॉवर में दूसरा सबसे मजबूत देश
सिंगापुर और भारत की व्‍यापारिक स्थिति तो मजबूत है ही, यह देश अपनी ताकतवर परचेजिंग पॉवर के लिए भी जाना जाता है, जो सीधे तौर पर दमदार प्रति व्‍यक्ति आय को दिखाता है. सिंगापुर के जरिेये भारत को आसियान देशों के साथ संबंध मजबूत करने में मदद मिलती है. साल 2024 में सिंगापुर की नॉमिनल जीडीपी 514 अरब डॉलर थी, लेकिन परचेजिंग पॉवर में यह दुनिया का दूसरा सबसे मज‍बूत देश है. सिंगापुर की अर्थव्यवस्था इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, वित्तीय सेवाएं, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स पर आधारित है. यहां प्राकृतिक संसाधन तो कम है, लेकिन तकनीक और कौशल के दम पर यह देश लगातार मजबूत हो रहा है. इस देश को ‘आधुनिक चमत्‍कार’ कहा जाता है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 03, 2025, 11:34 IST

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