Last Updated:December 14, 2025, 12:52 IST
लूथरा ब्रदर्स के डिपोर्टेशन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है.Goa Night Club Fire: गोवा के नाइट क्लब में छह दिसंबर को लगी भयानक आग में 25 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार लूथरा ब्रदर्स का थाईलैंड से निर्वासन लगभग पूरा हो चुका है. सौरभ और गौरव लूथरा को अगले 24 से 48 घंटों में भारत लाया जा सकता है. हादसे के कुछ ही घंटों बाद गोवा के अरपोरा स्थित बर्च बाय रोमियो लेन के मालिक सौरभ और गौरव थाईलैंड भाग गए थे. इसके बाद बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास ने थाई अधिकारियों के साथ समन्वय शुरू किया.
निर्वासन में कानूनी बाधाएं दूर
सूत्रों ने बताया कि लूथरा ब्रदर्स का थाईलैंड से निर्वासन लगभग पूरा हो चुका है. सभी कानूनी और प्रक्रियात्मक बाधाएं दूर कर दी गई हैं. थाई अधिकारियों ने पूरा सहयोग दिया है और दोनों की वीजा रद्द होने तथा हिरासत में लेने के बाद तेजी से कार्रवाई की. सूत्रों के मुताबिक अधिकारी भारतीय एजेंसियों के साथ निकट समन्वय में काम कर रहे हैं ताकि हस्तांतरण सुगम हो. भारत की एक बहु-एजेंसी टीम निर्वासन की हर स्टेज पर नजर रख रही है. इसमें जांच और आव्रजन से जुड़े अधिकारी शामिल हैं. एक सूत्र ने बताया कि वे किसी भी देरी या कानूनी जटिलता से बचना चाहते हैं.
भारतीय अधिकारियों ने कैसे की त्वरित कार्रवाई
गोवा पुलिस की जांच में पता चला कि आग बुझाने और फंसे लोगों को बचाने की कोशिश जारी होने के दौरान ही दोनों भाइयों ने थाईलैंड की उड़ानें बुक कर ली थीं. अधिकारियों के अनुसार सात दिसंबर की तड़के 1:17 बजे ट्रैवल पोर्टल के जरिए बुकिंग की गई, जब गोवा पुलिस और फायर सर्विसेज आग पर काबू पाने में जुटी थीं. इसके बाद इंटरपोल ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया.
भारतीय अधिकारियों ने पासपोर्ट एक्ट की धारा 10ए के तहत दोनों के पासपोर्ट रद्द कर दिए. इससे थाईलैंड में उनकी वैध आव्रजन स्थिति अपने आप खत्म हो गई. थाईलैंड के इमिग्रेशन एक्ट बीई 2522 के अनुसार बिना 92वैध दस्तावेज वाले विदेशियों को हिरासत में लेना अनिवार्य है. वीजा रद्द होने के बाद लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड में अवैध विदेशी नागरिक बन गए. इससे उनकी हिरासत हुई और थाई आव्रजन कानूनों के तहत त्वरित निर्वासन का रास्ता खुल गया. सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि निर्वासन इंटरपोल से जुड़ी स्थापित कानूनी प्रक्रियाओं के तहत हो रहा है. इससे थाईलैंड उन्हें मूल देश भेजेगा, जैसा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों में है. हिरासत और निर्वासन से जुड़ी स्थानीय अदालती औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. इससे भारतीय अधिकारियों को शारीरिक सुपुर्दगी का रास्ता साफ हो गया है.
First Published :
December 14, 2025, 12:52 IST

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