Last Updated:November 10, 2025, 21:23 IST
Sticky Bomb in Delhi Lal Quila Blast : दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए आतंकी हमले में 11 लोगों की मौत के बाद सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं. आतंकी हमले में स्टिकी बम के इस्तेमाल की आशंका जताई जा रही है. क्या होता है स्टिकी बम? भारत में इसका बम का इस्तेमाल पहली बार कब हुआ था?
दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास आतंकी हमले में 11 लोगों की मौत, स्टिकी बम के इस्तेमाल की आशंका.... नई दिल्ली. दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए आतंकी हमले में 11 लोगों की मौत हो गई है. 24 से ज्यादा घायलों का एलएनजेपी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. कई घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है. धमाके के बाद कई गाड़ियों में आग लग गई. धमाका देर शाम करीब 6:32 बजे हुआ. गाड़ी रेड लाइट के पास खड़ी थी. शाम 6:55 बजे दिल्ली फायर ब्रिग्रेड को पहली कॉल मिली थी. आतंकी हमले में स्टिकी बम के इस्तेमाल की आशंका जताई जा रही है. चलती हुई गाड़ी में धमाके की आशंका जताई है. सवाल यह है कि क्या होता है स्टिकी बम?
2012 में इजरायली दूतावास की एक कार पर बाइक सवार आतंकियों ने स्टिकी बम से हमला किया था. यह भारत में हुआ अपने तरीके का पहला हमला था. इस घटना में एक इजरायली दूतावास के अधिकारी की पत्नी और ड्राइवर समेत कुल चार लोग घायल हो गए थे. दिल्ली पुलिस आज तक भी इस हमले की गुत्थी को सुलझा नहीं पाई है. मैगनेट युक्त यह बम चुंबक की मदद से एंबेसी की टोयोटा इनोवा कार पर चिपक गया था. इसके महज कुछ सेकंड बाद ही यह बम फट गया था.
जानकारी के मुताबिक, स्टिकी बम वैसे तो साइज में बहुत छोटा होता है लेकिन इससे होने वाला विस्फोट काफी घातक होता है. यह बम बहुत सस्ता होता है. यह ऐसा बम होता है जो गाड़ियों या किसी चीज की ओर फेंके जाने पर उससे चिपक जाता है. रिमोट के जरिए या टाइमर सेट करके इसमें विस्फोट कर दिया जाता है. इस बम को ‘मैग्नेटिक बम’ के नाम से भी जाना जाता है. सामान्य तौर पर स्टिकी बम में 50-10 मिनट का टाइमर होता है. स्टिकी बम महज दो हजार रुपये में बनाया जा सकता है. इस्तेमाल बहुत आसान है इसलिए आतंकी इसका खूब इस्तेमाल करते रहे हैं.
अफगानिस्तान में 2021 से आए दिन कारों में बम धमाकों इन्हीं स्टिकी बम से किए जाते थे. आतंकी अफगानिस्तान में ट्रैफिक सिग्नल पर या धार्मिक स्थलों के बाहर खड़ी गाड़ियों में स्टिकी बम चिपका देते थे. इसके लिए बच्चों का सहारा लेते थे. फिर दूर बैठकर मोबाइल से आतंकी हमले को अंजाम देते थे. दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान स्टिकी बम खूब किया गया था. ईरान में भी स्टिकी बम से कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया.
An accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M...और पढ़ें
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
November 10, 2025, 21:22 IST

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