केरल की बेटी निमिषा प्रिया को मिला जीवनदान, यमन में टल गई फांसी की सजा

9 hours ago

Last Updated:July 15, 2025, 13:51 IST

Nimisha Priya Fansi News LIVE: निमिषा प्रिया की फांसी टालने को आखिरी कवायद जारी है. मुस्लिम नेता के दखल से यमन में हलचल बढ़ गई है. आज अहम मीटिंग है.

केरल की बेटी निमिषा प्रिया को मिला जीवनदान, यमन में टल गई फांसी की सजा

केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी की सजा मिली है.

हाइलाइट्स

नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी की सजा मिली है.ब्लड मनी ही निमिषा प्रिया की आखिरी उम्मीद है.केरल सरकार ने मोदी से मदद की अपील की है.

Nimisha Priya Fansi News LIVE: केरल की रहने वालीं निमिषा प्रिया पर फांसी की तलवार लटकी है. निमिषा को बचाने के लिए परिवार हर संभव कोशिश कर रहा है. भारत से लेकर यमन तक में निमिषा प्रिया को बचाने की कवायद जारी है. हालांकि, केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया की उम्मीदों को झटका लगता दिख रहा है. सुप्रीम कोर्ट से भी सोमवार को फांसी से बचाने की उम्मीद खत्म हो गई. खुद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कह दिया कि यमन में नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर सकती.

केरल के पल्लकड़ की रहने वाली निमिषा प्रिया को यमन में फांसी की सजा मिली है. 16 जुलाई को उन्हें फांसी दी जानी है. उनकी जान बचाने के लिए भारत सरकार, परिवार और विभिन्न संगठन हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. इस बीच शरिया कानून के तहत ‘ब्लड मनी’ के जरिए मृतक के परिवार से माफी की उम्मीद अब आखिरी रास्ता बनी हुई है. अगर मृतक का परिवार ब्लड मनी स्वीकार कर लेता है तो निमिषा प्रिया फांसी के फंदे से बच सकती है. फिलहाल, परिवार और सरकार इस कोशिश में लगे हैं कि किसी तरह ब्लड मनी से मामला सुलझ जाए.

निमिषा को बचाने की आखिरी कोशिश

यमन में निमिषा प्रिया को बचाने के लिए कोशिशें तेज हैं. निमिषा प्रिया को बचाने के लिए यमन की राजधानी सना में आखिरी दौर की बैठक हो रही है. भारत के एक मुफ्ती और सुन्नी मुस्लिम समाज के नेता एपी अबू बकर मुसलियार ने इस मामले में दखल दिया है. उन्होंने यमन सरकार से निमिषा प्रिया को माफ करने की अपील की है. इतना ही नहीं, मृतक तलाल अबदो मेहदी के परिवार से भी संपर्क साधा गया है. आज हो रही मीटिंग में निमिषा के वकील सुभाष चंद्रन रहेंगे. उधर से मृतक तलाल अबदो मेहदी के परिवार और हुडैदा स्टेट कोर्ट के चीफ जस्टिस, यमन शूरा काउंसिल के सदस्य शेख़ हबीब उमर मौजूद रहेंगे.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया की उम्र 38 साल है. निमिषा प्रिया 2008 में नर्सिंग के लिए यमन गई थीं. साल 2015 में उन्होंने यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक खोला था. निमिषा का आरोप है कि महदी ने उनके पासपोर्ट को जब्त कर लिया, उन्हें प्रताड़ित किया और क्लिनिक की कमाई हड़प ली. इसके बाद 2017 में अपने पासपोर्ट को वापस पाने के लिए निमिषा ने महदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया, जिसकी ओवरडोज से उनकी मौत हो गई.

आखिरी उम्मीद क्या

इसके बाद निमिषा ने अपनी सहयोगी हनान के साथ मिलकर शव को टुकड़ों में काटकर पानी की टंकी में फेंक दिया. यमन की अदालत ने 2018 में निमिषा को मौत की सजा सुनाई, जिसे 2023 में यमन के सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा. हाल ही में यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने इस सजा को मंजूरी दी. अब अगर मृतक का परिवार ब्लड मनी लेकर माफी देने को राजी नहीं हुआ तो 16 जुलाई को सना केंद्रीय कारागार में निमिषा को फांसी दी जा सकती है.

सुप्रीम कोर्ट से झटका

इधर, निमिषा को फांसी से बचाने के लिए 14 जुलाई यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच के सामने कहा कि इस मामले में सरकार ज्यादा कुछ करने की स्थिति में नहीं है. जितनी कोशिश की जा सकती थी, सरकार ने उतनी की. यमन दुनिया के दूसरे देशों जैसा नहीं है. ब्लड मनी पूरी तरह से निजी समझौता है. अटॉर्नी जनरल ने आगे कहा, ‘एक दायरे के तहत भारत सरकार जहां तक जा सकती है, हम वहां तक गए हैं. यमन दुनिया के किसी भी दूसरे हिस्से जैसा नहीं है. हम सार्वजनिक रूप से बात करके स्थिति को और जटिल नहीं बनाना चाहते. हम निजी स्तर पर कोशिश कर रहे हैं. कुछ शेख और वहां के प्रभावशाली लोगों के जरिए ये सब किया जा रहा है.’

सरकार ने क्या कहा

अटार्नी जनरल (एजी) ने कहा कि केंद्र सरकार स्थिति को जटिल नहीं करना चाहती और निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि सरकार ने यमनी अधिकारियों से फांसी की सजा को टालने का अनुरोध किया था, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. एजी वेंकटरमणी ने कहा, ‘हमें अनौपचारिक रूप से सूचना मिली थी कि फांसी को कुछ समय के लिए रोका जा सकता है, लेकिन यह काम करेगा या नहीं, यह पक्का नहीं है.’

3 साल से जेल में निमिषा

भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहद की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है. वे पिछले तीन साल से जेल में है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यमनी राष्ट्रपति राशद अल-अलीमी के आदेश के बाद उनकी फांसी बुधवार को हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी देश में फांसी रोकने का आदेश देने में असमर्थता जताते हुए मामले में अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई तय की है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र से उस तारीख को नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

केरल सरकार की मोदी से अपील

इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे निमिषा प्रिया की जान बचाने के लिए संबंधित अधिकारियों के जरिए हस्तक्षेप करें. निमिषा की मां, प्रेमा कुमारी (57) अपनी बेटी की सजा माफ कराने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं. उन्होंने पीड़ित परिवार को खून का पैसा देने के लिए सना की यात्रा भी की है। उनके प्रयासों को यमन में रहने वाले एनआरआई सामाजिक कार्यकर्ताओं के समूह ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ का समर्थन प्राप्त है.

Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

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