किसी भी अदालत को 'निचली' कहना संविधान के मूल्यों के विरुद्ध: सुप्रीम कोर्ट

6 hours ago

Last Updated:May 23, 2025, 22:38 IST

 सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी अदालत को ‘निचली अदालत’ कहना संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध है. जस्टिस अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने 1981 के एक हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए दो दोषियों को बरी करते हुए यह टिप्पणी की.

पीठ के लिए फैसला लिखने वाले न्यायमूर्ति ओका ने कहा, “फैसला सुनाने से पहले हम आठ फरवरी, 2024 के आदेश में दिए गए निर्देश को दोहराते हैं कि सुनवाई अदालत के रिकॉर्ड को ‘निचली अदालत के रिकॉर्ड’ के रूप में संदर्भित नहीं किया जाना चाहिए. किसी भी अदालत को ‘निचली अदालत’ के रूप में वर्णित करना हमारे संविधान के लोकाचार के खिलाफ है.”

न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने आदेश को प्रभावी बनाने के लिए पिछले वर्ष फरवरी में एक परिपत्र जारी किया था. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों को निर्देश का संज्ञान लेना चाहिए और उसके अनुसार कार्य करना चाहिए.

पीठ का फैसला दो दोषियों की अपील पर आया, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के अक्टूबर 2018 के फैसले को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में उनकी दोषसिद्धि और जेल की सजा को बरकरार रखा था.

शीर्ष अदालत ने कहा कि मई 1981 में पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ एक व्यक्ति की हत्या और एक महिला को घायल करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. अक्टूबर 1982 में सुनवाई अदालत ने दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि तीसरे आरोपी को बरी कर दिया गया. दोनों दोषियों ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने निष्पक्ष जांच नहीं की, क्योंकि उसने कुछ अभियोजन पक्ष के गवाहों के हलफनामों के रूप में महत्वपूर्ण सामग्री को दबा दिया. पीठ ने कहा, “भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है. यहां तक ​​कि पुलिस का भी यह दायित्व है कि वह निष्पक्ष जांच करे. यह निष्पक्षता का एक महत्वपूर्ण पहलू है.”

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Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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