Last Updated:April 24, 2025, 17:18 IST
Vinay Narwal : बंगाल से कश्मीर हनीमून मानने गया एक कपल पहलगाम हमले से एक दिन पहले विनय नरवाल और उनकी पत्नी से मिला था. उनका भी प्लान पहले विनय नरवाल के साथ पहलगाम जाने का था लेकिन ऐन वक्त में उन्होंन...और पढ़ें

विनय नरवाल और उनकी पत्नी से कश्मीर में मिला था बंगाल का कपल और फिर कैसे बदला प्लान.
कृष्णानगर: जाको राखे साईंया मार सके ना कोय… पहलगाम आतंकी हमले में जिन लोगों की जान बची उन्हें इन लाइनों का मतलब असल में समझ में आ रहा है. ऐसा ही कुछ बंगाल के इस कपल के साथ हुआ जो हनीमून मनाने के लिए कश्मीर गए थे और उनकी वहां हनीमून पर आए नौसेना लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी, जो एक स्कूल टीचर हैं उनसे मुलाकात भी हुई थी और फिर दोनों ने साथ में बैसारन घाटी जाने का फैसला लिया था. फिर ऐसा क्या हुआ जो बंगाल का यह कपल बच गया, जानें डिटेल…
नवविवाहित सुदीप्त दास जो एक फोटोग्राफर हैं और उनकी डेंटिस पत्नी देबास्रुति के लिए पहलगाम के लिए हनीमून जाना जीवन भर नहीं भूलने वाला किस्सा हो गया है. सुदीप्त दास और देबास्रुति अपने हनीमून पर सोनमर्ग गए. यहां पर उन्हें नौसेना लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी जो एक स्कूल टीचर हैं मिली. नरवाल और उनकी पत्नी से यह कपल एक दिन पहले मिला था और उनके साथ कश्मीर घूमने का प्लान बनाया था.
क्यों बदला प्लान?
बंगाल के कपल ने बताया है कि विनय नरवाल की तरह, वे भी मंगलवार को बैसारन घाटी जाने वाले थे. हालांकि, सुदीप्त और देबास्रुति एक और टट्टू की सवारी नहीं करना चाहते थे क्योंकि वह पहले कर चुके थे और बहुत थक चुके थे. उन्होंने आखिरी समय पर अपनी घूमने की प्लानिंग बदल ली. पहले वह विनय नरवाल और उनकी पत्नी के साथ जाने वाले थे लेकिन आखिर वक्त में अपनी घूमने की प्लानिंग बदल ली और इसके बजाय एक स्थानीय काली मंदिर में पूजा करने का फैसला किया. वे मंदिर से बाहर निकले तो अपने ड्राइवर से इस त्रासदी के बारे में सुना.
विनय नरवाला को कैसे पहचाना?
इस कपल ने टीओआई से फोन पर बात करते हुए बताया कि सुदीप्त ने विनय और हिमांशी को उनकी तस्वीर से पहचाना, जो त्रासदी को दर्शाती हुई दुनिया भर में फैली हुई थी. यह जोड़ा केवल एक हफ्ते पहले ही शादी के बंधन में बंधे थे. उन्होंने स्विट्जरलैंड जाने की योजना बनाई थी, लेकिन वीजा में देरी के कारण उन्होंने पहलगाम के ‘मिनी-स्विट्जरलैंड’ का विकल्प चुना.
काली मंदिर में पूजा का था प्लान?
सुदीप्त ने कहा कि हम उनसे सोनमर्ग में मिले थे. हम भी उनकी तरह, पहलगाम में थे और बैसारन जाने की योजना बनाई थी. लेकिन हम कश्मीर में आने के बाद से कुछ समय से यात्रा कर रहे थे और कई टट्टू की सवारी कर चुके थे. हम एक और सवारी के विचार से थक गए थे. साथ ही मेरी पत्नी और मैं मंगलवार को काली मंदिर में पूजा करना चाहते थे. मंदिर से बाहर निकलने के बाद, हमारे ड्राइवर ने हमें पहले सूचित किया और हमें वहां से जाने के लिए कहा. हम पहलगाम में अपने होटल वापस भागे, अपना सामान इकट्ठा किया और उसी कार में श्रीनगर के लिए रवाना हो गए.
सुदीप्त की मां ने क्या कहा?
सुदीप्त की मां, पॉली ने कहा कि मेरा बेटा और उसकी पत्नी घटनाओं के इस मोड़ से टूट गए हैं. उन्होंने उस तस्वीर में दिख रहे जोड़े से मुलाकात की थी. वे बहुत दोस्ताना हो गए थे. वे भी उस जगह जाने वाले थे जहां गोलीबारी हुई थी. लेकिन उन्होंने आखिरी समय में अपनी प्लानिंग बदल दी. इस त्रासदी ने उन्हें सुन्न कर दिया है. वह इसके बारे में ज्यादा बात करने से इनकार कर रहे हैं.
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
April 24, 2025, 17:18 IST