Last Updated:July 15, 2025, 11:54 IST
AIMIM Owaisi News: सुप्रीम कोर्ट में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) की पॉलिटिकल पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग पर सुनवाई हो रही है. सीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि आखिर क्यों ये पार्टी भा...और पढ़ें

ओवैसी की पार्टी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एआईएमआइएम की पॉलिटिकल पार्टी की रजिस्ट्रेशन रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सीनियर वकील विष्णु शंकर ने शीर्ष कोर्ट में दलील दी, ‘पार्टी का गठन और उसका संविधान धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है. धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगे जा सकते है. मगर ये पार्टी मुस्लिम शिक्षा और शरिया कानून की वकालत करती है.‘ याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए टिप्पणी करते हुए कहा, ‘अगर कोई प्रत्याशी धार्मिक आधार पर वोट मांगता है तो उसे चुनौती दी सकती है.’
याचिकार्ता तिरुपति नरसिम्हा मुरारी ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उनके याचिका में चुनाव आयोग द्वारा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) को राजनीतिक दल के रूप में मान्यता दिए जाने पर सवाल उठाया गया था. इस याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची ने सुनवाई की. इस याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘अगर याचिकाकर्ता धार्मिक या जातीय आधार पर वोट मांगने वाली सभी पार्टियों के खिलाफ बात रखना चाहता है, तो ऐसी याचिका दाखिल करे जिसमें व्यापक विषय उठाया जाए.’
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर वकील विष्णु शंकर जैन सुप्रीम कोर्ट में बहस किया. उन्होंने कोर्ट में तर्क दिया कि यह पार्टी मुसलमानों के लिए बनाई गई है. इसके संविधान में कहा गया है कि वह मुसलमानों के बीच इस्लामिक शिक्षा को बढ़ावा देगी. यह एक राजनीतिक दल है, जो भविष्य में सत्ता में आ सकती है. भेदभाव तो यह है कि यदि मैं हिन्दू नाम से रजिस्ट्रेशन के लिए ECI (चुनाव आयोग) के पास जाऊं तो? हालांकि, सुनवाई कर रहे जजों की पीठ ने उनके दलील से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि आप उचित मंच पर आएं.
सुनवाई कर रहे जस्टिस सूर्यकांत ने विष्णु शंकर की दलील पर जवाब देते हुए कहा कि यदि इलेक्शन कमीशन (ECI) वेदों की शिक्षा या किसी अन्य चीज़ को लेकर आपत्ति उठाता है, तो आप उचित मंच पर जाएं. कानून इसकी व्यवस्था करेगा. प्राचीन ग्रंथों, किताबों या साहित्य को पढ़ने में कोई आपत्ति नहीं है. कानून में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi