Last Updated:May 31, 2025, 11:48 IST
INFORMATION WAREFARE : सूचना और इंटरनेट क्रांती के दौर में लोगों के जीवन को काफी सहूलियतें मिली. जितनी सहूलियत उतनी मुसीबत भी नसीब हुई. गतल जानकारियों का तो मानों समंदर सा बन गया है सोशल मीडिया. इसकी का फायदा प...और पढ़ें

पाकिस्तान और फेक न्यूज से एक साथ लड़ रही थी सेना
हाइलाइट्स
ऑपरेशन सिंदूर में 15% समय फर्जी खबरों से निपटने में लगा.CDS ने इंफॉर्मेशन वारफेयर स्पेशल यूनिट की जरूरत बताई.पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान फेक नैरेटिव फैलाए.INFORMATION WAREFARE : आज के समय में जंग की नई तकनीकों के साथ-साथ इंफॉर्मेशन वारफेयर को भी अगले स्तर तक ले जाना जरूरी हो गया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने फेक नैरेटिव फैलाने की बहुत कोशिश की, जिसे भारत सरकार और सेना ने फैक्ट चेक के जरिए नाकाम कर दिया. CDS जनरल अनिल चौहान ने भी इसकी पुष्टि की. सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान CDS ने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान करीब 15% समय झूठी और फर्जी खबरों का जवाब देने में लग गया.
इंफॉर्मेशन वारफेयर स्पेशल यूनिट की जरूरत
दुनिया में फेक नैरेटिव के जरिए जंग के रुख को बदलने की कोशिशें जारी हैं. ऑपरेशन सिंदूर से पहले हुए पहलगाम हमले के कुछ ही घंटों बाद अलग-अलग सोशल मीडिया हैंडल से फेक नैरेटिव फैलाने के लिए वीडियो पोस्ट होने लगे थे. यह पाकिस्तान की ISPR (इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस) की तरफ से किया गया. इसके बाद जब ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया गया, तो फिर से झूठी और फर्जी खबरों से सोशल मीडिया भर गया. सेना और प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की तरफ से हर झूठी खबर का फैक्ट चेक किया जा रहा था. CDS ने कहा कि भारत को इंफॉर्मेशन वारफेयर के लिए एक अलग और स्पेशल शाखा बनाने की जरूरत है. जनरल अनिल चौहान ने यह भी कहा कि भारत की रणनीति फैक्ट बेस्ड कम्युनिकेशन पर टिकी रही, भले ही इससे जवाब देने में थोड़ी देरी हुई हो. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के एलान में दो महिला अफसरों ने बातचीत की, क्योंकि उस समय सभी सीनियर अफसर ऑपरेशन में व्यस्त थे.
झूठ की दुकान चलाता है पाकिस्तान
पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की. इसकी सबसे पहले जानकारी पाकिस्तानी DGISPR (इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस) मेजर जनरल आसिफ गफूर ने दी. इसके बाद से पाकिस्तान का ISPR सक्रिय हो गया था. झूठे और भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने का वह उनका गोल्डन टाइम था. गफूर की सरपरस्ती में पाक के झूठ की फैक्ट्री खूब फली फूली. ISPR पाकिस्तानी सेना की मीडिया और पब्लिक रिलेशंस विंग है, जो ISI के अंडर काम करती है. पाकिस्तान की तरफ से फैलाई जाने वाली झूठी जानकारियों पर भारतीय सेना की पूरी नजर रहती है और तुरंत उसकी रोकथाम भी शुरू कर दी जाती है. भारत ने कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल को भी भारत में ब्लॉक कर दिया है.
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