ऑपरेशन सिंदूर का पाकिस्तान में ऐसा डर, जैश और हिजबुल ने बदल लिए ठिकाने

4 weeks ago

Last Updated:September 19, 2025, 17:45 IST

Jaish E Mohammed News: ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान में जैश और लश्कर के आतंकी इतना डरे हुए हैं कि वह अपने पुराने ठिकानों पर फिर से नहीं जा रहे हैं. इन आतंकियों ने अब अपने लिए नए ठिकाने ढूंढ लिए हैं इसलिए उन्होंने पीओके का इलाका छोड़ दिया है. जानें अब क्या है आतंकियों का नया ठिकाना और क्यों?

ऑपरेशन सिंदूर का पाकिस्तान में ऐसा डर, जैश और हिजबुल ने बदल लिए ठिकानेपाकिस्तान में जैश और लश्कर के आतंकियों ने ठिकाने बदले

नई दिल्ली. ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय स्ट्राइक से पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) में 9 बड़े आतंकी ठिकाने तबाह होने के बाद अब आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन (HM) ने ठिकाना बदल लिया है. दोनों ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (KPK) इलाके को नया अड्डा बना लिया है. वजह साफ है PoK अब सुरक्षित नहीं रहा, जबकि KPK यानी खेबर पख्तूनख्वा अफगान बॉर्डर के नजदीक पहाड़ी इलाका है और यहां कैम्प गहराई में होने के कारण जायदा सुरक्षित है. यहां अफगान युद्ध के दौरान बनाये गए हाइडआउट भी मौजूद हैं. खास बात ये कि ये सब कुछ पाक आर्मी और पाकिस्तानी राजनीतिक संरक्षण में हुआ है.

मंसेहरा में खुली जेहादियों की भर्ती

14 सितम्बर को भारत-पाक क्रिकेट मैच से कुछ घंटे पहले KPK के मंसेहरा जिले के गढ़ी हबीबुल्लाह कस्बे में जैश ने खुलेआम भर्ती अभियान चलाया. इसे ‘धार्मिक सभा’ का नाम दिया गया, लेकिन असल मकसद लोगों को कट्टरपंथ की तरफ खींचना और भर्ती करना था यानी कट्टरपंथी स्पीच देकर उनका ब्रेनवॉश करना. सभा में जैश का बड़ा कमांडर और भारत में वांछित आतंकी मौलाना मुफ्ती मसूद इलियास कश्मीरी उर्फ अबू मोहम्मद मौजूद था. मंच से उसने ओसामा बिन लादेन की तारीफ की. KPK को ‘मुजाहिदीन का गढ़’ बताया और दावा किया कि पाकिस्तानी आर्मी खुद जैश के मारे गए आतंकियों के जनाज़ों में शामिल होती है.

इस कार्यक्रम का असली मकसद जैश के मरकज शोहदा-ए-इस्लाम ट्रेनिंग कैंप के लिए भर्ती करना था. खास बात ये रही कि सभा में हथियारबंद जैश के लोग मौजूद थे और पुलिस भी सुरक्षा दे रही थी यानी राज्य की खुली मिलीभगत साफ दिखी.

जैश का अगला ठिकाना पेशावर

जैश अब 25 सितम्बर को पेशावर में एक बड़ा कार्यक्रम करने जा रहा है. यह सभा मसूद अजहर के भाई यूसुफ अजहर की मौत की बरसी पर होगी. इस बार जैश नए नाम अल-मुराबितून का इस्तेमाल करेगा, ताकि दुनिया की नजरों से बचा जा सके. ‘अल-मुराबितून’ का मतलब है इस्लाम की जमीन के रक्षक है.

हिजबुल का नया कैंप

जैश के साथ-साथ हिजबुल मुजाहिदीन भी KPK में जम चुका है. लोअर दिर जिले के बंदाई इलाके में उसने नया ट्रेनिंग कैंप बनाया है, जिसका नाम रखा गया है HM 313. यह नाम इस्लामिक इतिहास की गजवा-ए-बदर और अल-कायदा की ब्रिगेड 313 से जुड़ा हुआ है. इस कैंप के लिए जमीन अगस्त 2024 में खरीदी गई थी और अब यहां दीवारें खड़ी कर ट्रेनिंग की तैयारी हो रही है.

मसूद इलियास कश्मीरी कौन है?

• जन्म: रावलकोट (PoK)
• 2001 से जैश से जुड़ा, अफगानिस्तान में NATO के खिलाफ लड़ा।
• 2018 के सुंजवान आर्मी कैंप हमले का मास्टरमाइंड।
• फिलहाल KPK और कश्मीर का अमीर यानी सबसे बड़ा कमांडर है।
• जैश और लश्कर का संयुक्त ग्रुप PAFF (People’s Anti-Fascist Front) भी वही चलाता है।

हाल में इसके कई वीडियो सामने आए जिसमें इसने अपने हो आर्मी चीफ पर खुलासा किया कि असीम मुनीर ने ही सभी पाक सेना के जनरल्स को आदेश दिया था कि ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियो के जनाजे में शामिल हों.

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First Published :

September 19, 2025, 17:45 IST

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