एक नारे के बाद भड़की हिंसा, 188 परिवारों का पलायन; MV-26 कैसे बना भूतिया गांव?

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Last Updated:December 13, 2025, 20:10 IST

Odisha Malkangiri Violence: ओडिशा के मलकानगिरी में एक आदिवासी महिला की हत्या के बाद भड़की हिंसा ने MV-26 को 'घोस्ट विलेज' बना दिया. 188 परिवार गांव छोड़कर भागे, 150 से ज्यादा घर जला दिए गए. प्रशासन ने SIT बनाई, निषेधाज्ञा लागू है और राहत कार्य जारी हैं.

एक नारे के बाद भड़की हिंसा, 188 परिवारों का पलायन; MV-26 कैसे बना भूतिया गांव?मलकानगिरी हिंसा के बाद MV-26 गांव खाली हो गया. (फोटो PTI)

Odisha News: ओडिशा के मलकानगिरी जिले का गांव-26 (MV-26) में सन्नाटा पसरा हुआ है. जली हुई कच्ची दीवारें, बिखरा घरेलू सामान और वीरान गलियां… यही बचा है इस बस्ती में. यहां कभी 188 परिवार रहते थे. एक आदिवासी महिला की नृशंस हत्या के बाद भड़की हिंसा ने ऐसा माहौल बनाया कि पूरा गांव जान बचाकर पलायन को मजबूर हो गया. कुछ ही घंटों में MV-26 एक ‘घोस्ट विलेज’ में बदल गया.

यह सिर्फ आगजनी की घटना नहीं, बल्कि सामाजिक तनाव, अविश्वास और कानून-व्यवस्था की चुनौती का गंभीर संकेत है. प्रशासन ने जांच तेज की है, सुरक्षा बल तैनात हैं, लेकिन सवाल कायम है आखिर MV-26 यहां तक कैसे पहुंचा?

क्या है पूरा मामला?

मामले की जड़ में लेक पाडियामी (51) की हत्या है, जो पास के गांव राखलगुड़ा की निवासी थीं. वह 1 दिसंबर से लापता थीं और 4 दिसंबर को उनका क्षत-विक्षत शव नदी किनारे मिला. आरोप है कि उनकी हत्या कर सिर धड़ से अलग किया गया. इस घटना के बाद 8 दिसंबर की सुबह हथियारों से लैस आदिवासी भीड़ ने MV-26 पर धावा बोल दिया.

हिंसा कैसे भड़की और गांव क्यों खाली हुआ?

स्थानीय स्तर पर यह आशंका फैली कि हत्या में MV-26 के कुछ लोग शामिल हैं. इसी शक के आधार पर भीड़ ने गांव में आगजनी की. 150 से ज्यादा घर जला दिए गए, कई लोग घायल हुए और भय के चलते 188 परिवार रातों-रात गांव छोड़कर भाग गए. आज गांव पूरी तरह खाली है और सुरक्षा बलों की गश्त जारी है.

कुछ परिवार 9 दिसंबर को नुकसान देखने लौटे, लेकिन डर के कारण फिर निकल गए.

MV-26 के लोग कौन हैं?

MV-26 में रहने वाले अधिकांश लोग दशकों पहले बांग्लादेश से आए हिंदू प्रवासी हैं, जिन्हें भारतीय नागरिकता मिली थी. उन्होंने यहां नई जिंदगी बसाई थी. बुजुर्गों का कहना है कि 50 साल की मेहनत कुछ घंटों में राख हो गई. समुदाय ने हत्या की निंदा करते हुए दोषियों को सख्त सजा की मांग की है.

प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई

घटना के बाद जिला प्रशासन ने विशेष जांच टीम (SIT) बनाई. ओडिशा के डीजीपी वाई. बी. खुरानिया ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इलाके का दौरा किया ताकि हालात बिगड़ने और माओवादियों द्वारा हालात का फायदा उठाने की आशंका को रोका जा सके. दोनों गांवों राखलगुड़ा और MV-26—में निषेधाज्ञा लागू है. इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित की गईं.

अब तक की कार्रवाइयां

हत्या के आरोप में सुभा रंजन मंडल (42) की गिरफ्तारी. MV-26 और राखलगुड़ा में निषेधाज्ञा. सुरक्षा बलों की लगातार गश्त. SIT का गठन और फॉरेंसिक जांच. शांति बैठक: दोनों पक्षों ने सहयोग पर सहमति जताई. राहत कार्य: अस्थायी शेल्टर, भोजन, कंबल और जरूरी सामग्री.

राजनीतिक गूंज और विधानसभा में बहस

मामला ओडिशा विधानसभा तक पहुंचा. विपक्षी बीजद ने इसे गंभीर कानून-व्यवस्था का मुद्दा बताया और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से बयान की मांग की. सरकार की ओर से कहा गया कि स्थिति पर त्वरित कार्रवाई हुई है और शांति बहाल करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं.

डर के साये में लौटने की दुविधा

कुछ परिवार 9 दिसंबर को नुकसान देखने लौटे, लेकिन डर के कारण फिर निकल गए. बंगाली सेटलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि समुदाय न्याय चाहता है, बदला नहीं. उनका कहना है कि पूरे गांव को जला देना किसी भी अपराध का समाधान नहीं.

आगे की राह क्या?

प्रशासन का कहना है कि राहत और पुनर्वास पर काम जारी है. शांति बहाली के साथ-साथ भरोसा लौटाना सबसे बड़ी चुनौती है. इस घटना ने यह भी दिखाया कि अफवाह, अविश्वास और त्वरित न्याय की भावना कैसे सामूहिक हिंसा में बदल सकती है.

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Sumit Kumar

सुमित कुमार News18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. वे पिछले 3 साल से यहां सेंट्रल डेस्क टीम से जुड़े हुए हैं. उनके पास जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री है. News18 हिंदी में काम करने से पहले, उन्ह...और पढ़ें

First Published :

December 13, 2025, 20:10 IST

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