Former Russian banking tycoon Oleg Tinkov : बिजनेस जगत में कभी-कभी अजीबोगरीब घटनाएं देखने को मिलती हैं. हाल ही में ऐसा ही हुआ जब एक जाने-माने बिजनेसमैन का एक बयान अचानक उसके लिए आफत बन गया. उसके शब्दों ने न केवल मीडिया और निवेशकों में हलचल मचा दी. बल्कि उसकी साख और कारोबार पर भी बड़ा असर डाला. रूस के पूर्व बैंकिंग टाइकून ओलेग टिंकोव को बड़ा झटका लगा है.
रूस के पूर्व बैंकिंग टाइकून ओलेग टिंकोव ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध की आलोचना करने वाली एक इंस्टाग्राम पोस्ट की वजह से उन्हें अपनी पर्सनल दौलत का करीब $9 बिलियन (करीब 80,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है. उन्हें टिंकॉफ बैंक में अपना हिस्सा उसकी कीमत के बहुत कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर किया गया.
टिंकोव के मुताबिक, अप्रैल 2022 में पोस्ट पब्लिश होने के एक दिन के अंदर उनके बैंक के सीनियर अधिकारियों से क्रेमलिन से जुड़े अधिकारियों ने संपर्क किया और उन्हें एक सख्त अल्टीमेटम दिया गया, जिसके आखिर में उन्हें अपनी होल्डिंग बेचनी पड़ी और रूस छोड़ना पड़ा.
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कौन हैं ओलेग टिंकोव?
ओलेग टिंकोव टिंकॉफ बैंक के फाउंडर हैं. ये रूस के सबसे बड़े प्राइवेट डिजिटल लेंडर्स में से एक है. पिछले कुछ सालों में उन्होंने कंज्यूमर बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज के जरिए अरबों डॉलर की दौलत बनाई. वे रूस के सबसे अमीर बिजनेसमैन में से एक हैं. टिंकॉफ बैंक को रूस के प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ी सफल बैंक माना जाता है. इस घटना बाद में टिंकोव एक्टिव मैनेजमेंट से पीछे हट गए और लंबे समय तक रूस से बाहर रहे.
टिंकोव ने क्या लिखा था?
टिंकोव ने लिखा था, 'मैं इस पागलपन भरे युद्ध का एक भी लाभार्थी नहीं देख पा रहा हूं. निर्दोष लोग और सैनिक मारे जा रहे हैं.'
इंस्टाग्राम पोस्ट और उसके बाद क्या हुआ?
BBC और फॉर्च्यून की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल 2022 में टिंकोव ने यूक्रेन में युद्ध की निंदा करते हुए एक इंस्टाग्राम पोस्ट पब्लिश की, जिसमें इसे 'पागलपन' बताया. उन्होंने रूस की मिलिट्री तैयारियों की भी आलोचना की और संघर्ष को खत्म करने की अपील की. टिंकोव ने बाद में BBC को बताया कि पोस्ट पब्लिश होने के अगले दिन, टिंकॉफ बैंक के सीनियर अधिकारियों को क्रेमलिन से जुड़े अधिकारियों का फोन आया.
भारी नुकसान
टिंकोव के मुताबिक, उन्हें अप्रैल 2022 में टिंकॉफ बैंक की पेरेंट कंपनी TCS ग्रुप में अपना लगभग 35% हिस्सा बेचने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कहा कि इस डील में उनकी होल्डिंग की कीमत लगभग 3% लगाई गई. फॉर्च्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, टिंकोव ने कहा है कि इस जबरन बिक्री से दशकों में जमा की गई उनकी दौलत का लगभग $9 बिलियन खत्म हो गया. इस घटना के बाद टिंकोव रूस छोड़कर चले गए और बाद में उन्होंने अपनी रूसी नागरिकता छोड़ दी.

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