इस तस्वीर को याद रखना पाकिस्तान, 1971 में ऐसे ही बांधकर आए थे तुम्‍हारे जवान

3 hours ago

Last Updated:May 09, 2025, 00:52 IST

इतिहास गवाह है कि भारत न सिर्फ अपने सैनिकों की शहादत का बदला लेना जानता है, बल्कि दुश्मन को उसकी भाषा में जवाब देना भी जानता है. यकीन न हो तो पाक‍िस्‍तान के हुक्‍मरान ये तस्‍वीर जरूर देख लें.

इस तस्वीर को याद रखना पाकिस्तान, 1971 में ऐसे ही बांधकर आए थे तुम्‍हारे जवान

1971 :: खुलना की लड़ाई के दौरान पकड़े गए पाकिस्तानी सैनिकों को उतारने की निगरानी करते भारतीय सैनिक.

हाइलाइट्स

1971 में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया.खलना की लड़ाई में भारतीय सेना ने बड़ी जीत हासिल की.यह तस्वीर भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है.

भारत-पाक‍िस्‍तान जंग के बीच एक तस्‍वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. यह कोई आम तस्वीर नहीं है. यह उस ऐतिहासिक पल की गवाही है जब 1971 के भारत-पाक‍िस्‍तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने खलना (Khulna, पूर्वी पाकिस्तान, अब बांग्लादेश) की लड़ाई में बड़ी जीत हासिल कर पाकिस्तानी सैनिकों को बांधकर बंदी बना लिया था.

इस तस्वीर में दिख रहे पाकिस्तानी सैनिक भारतीय सेना की निगरानी में ट्रक से उतारे जा रहे हैं. कुछ के हाथ पीछे बंधे हैं और चेहरे पर हार का स्पष्ट भाव दिख रहा है, वहीं एक भारतीय सैनिक बंदूक लिए पहरा दे रहा है. यह नजारा भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है.

1971 :: Indian Soldier Supervises Unloading of Pakistani Soldiers Captured During Battle of Khulna pic.twitter.com/0QdN4jRqx2

— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) May 8, 2025

खलना की वो लड़ाई
खलना, बांग्लादेश का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर, उस समय पाकिस्तानी सेना का अहम ठिकाना हुआ करता था. भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी ने मिलकर यहां जबरदस्त सैन्य कार्रवाई की थी. इस लड़ाई में सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया. यह युद्ध 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ और 16 दिसंबर को पाकिस्तान की ऐतिहासिक हार के साथ समाप्त हुआ, जब 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर कर द‍िया. यह सेकेंड वर्ल्‍ड वार के बाद सबसे बड़ा आर्मी सरेंडर था.

यह तस्वीर क्यों अहम है?
खलना की जंग खास इसलिए थी क्योंकि यहां पाकिस्तान ने आखिरी दम तक मुकाबला किया, लेकिन अंततः भारतीय सेना ने रणनीतिक बढ़त लेते हुए उन्हें घेरकर बंदी बना लिया. यह केवल एक युद्धबंदी की तस्‍वीर नहीं है, बल्कि इंडियन आर्मी का गौरवपूर्ण अध्‍याय है. यह उन लोगों को याद दिलाती है जो आज भी भारत की ताकत को कम आंकते हैं.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

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