इस ऐतिहासिक कुएं का बाबा साहब ने किया था उद्घाटन, आज भी लोग पानी पीते हैं!

4 weeks ago

Last Updated:April 14, 2025, 10:36 IST

Ambedkar Jayanti 2025: सोलापुर के वलसंग गांव में 1937 में बाबासाहेब ने दलितों के लिए कुएं का उद्घाटन किया था. 24 जनवरी को गांव में उत्सव मनाया जाता है.

इस ऐतिहासिक कुएं का बाबा साहब ने किया था उद्घाटन, आज भी लोग पानी पीते हैं!

सोलापुर के वलसंग के ऐतिहासिक कुएं की कहानी

हाइलाइट्स

सोलापुर में आंबेडकर जयंती पर बाबासाहेब को याद किया गया.वलसंग गांव में 1937 में बाबासाहेब ने दलितों के लिए कुएं का उद्घाटन किया.24 जनवरी को वलसंग गांव में उत्सव मनाया जाता है.

सोलापुर: आज आंबेडकर जयंती है. हर अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया है. बता दें कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और सोलापुर का एक खास रिश्ता है. इसलिए बाबासाहेब कई बार विभिन्न कारणों से सोलापुर आए थे. आज भी सोलापुर की कई चीजें और इमारतें बाबासाहेब के इतिहास की गवाही देती हैं. वलसंग में एक ऐसा ही कुआं है, जिसका उद्घाटन बाबासाहेब ने खुद किया था और पानी भी पिया था. अंबेडकर जयंती के मौके पर सोलापुर के इस ऐतिहासिक कुएं के बारे में गांव के निवासी सिद्धाराम वाघमारे ने जानकारी दी है.

लोकल 18 से बात करते हुए सिद्धाराम वाघमारे ने बताय कि महाराष्ट्र के अन्य स्थानों की तरह, बीसवीं सदी की शुरुआत में दक्षिण सोलापुर तालुका के वळसंग में भी दलितों को गांव के पानी के स्रोत से पानी भरने की मनाही थी. तब डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रेरणा से वलसंग के दलित समुदाय ने श्रमदान और लोकवर्गणी से कुआं खोदा. 1937 में दलित बस्ती के इस कुएं का काम पूरा हुआ.

गांववालों का निर्णय और बाबासाहेब का आगमन
कुएं का काम पूरा होते ही यह चर्चा थी कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर सोलापुर जिले में आने वाले हैं. इसलिए जब तक बाबासाहेब आंबेडकर वलसंग आकर कुएं के पानी को स्पर्श नहीं करते, तब तक कोई भी कुएं का पानी नहीं पिएगा, ऐसा निर्णय गांव के दलित समुदाय ने लिया था. आखिरकार, तत्कालीन सामाजिक कार्यकर्ता भुजंगप्पा रुई, तेजप्पा वाघमारे, ओंकारी गायकवाड, विजय गायकवाड के प्रयासों से 24 अप्रैल 1937 को बाबासाहेब आंबेडकर वलसंग आए.

बाबासाहेब के वलसंग आने पर उनकी गांव में मिरवणूक (जुलूस) निकालने का निर्णय हुआ. स्वतंत्रता सेनानी गुरुसिद्धप्पा अंटद ने अपनी बैलगाड़ी बाबासाहेब की मिरवणूक के लिए उपलब्ध कराई. मिरवणूक के बाद बाबासाहेब ने रेशमी रस्सी से पानी खींचकर चांदी के गिलास में पानी पिया. तब से आज भी यहां के लोग इसी कुएं का पानी पीते हैं.

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24 जनवरी का दिन उत्सव के रूप में मनाया जाता है
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 24 जनवरी 1937 को वलसंग गांव का दौरा किया था. तब से दलित समुदाय 24 जनवरी को बड़े उत्साह से मनाता है. गांव में हर जगह रंगोली बनाई जाती है. मिठाई बांटी जाती है. साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. बाबासाहेब की इस ऐतिहासिक यात्रा की धरोहर को वलसंग के लोग उत्सव के रूप में आज भी संजोए हुए हैं. साथ ही वलसंग का कुआं आज भी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के इतिहास की गवाही देता है.

Location :

Solapur,Maharashtra

First Published :

April 14, 2025, 10:36 IST

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इस ऐतिहासिक कुएं का बाबा साहब ने किया था उद्घाटन, आज भी लोग पानी पीते हैं!

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