India-Bhutan Relations: भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग टोबगे अपने पत्नी ओम ताशी डोमा के साथ 3-6 सितंबर 2025 तक भारत दौरे पर हैं. अपनी इस यात्रा में वह बिहार और अयोध्या जाएंगे. बता दें कि पीएम टोबगे 5 सितंबर 2025 को अयोध्या का दौरा करने वाले हैं. इस दौरान वह राम जन्मूभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. आज वह सबसे पहले बिहार आएंगे.
अयोध्या पहुंचेंगे भूटान के प्रधानमंत्री
जिला मजिस्ट्रेट (DM) निखिल टीकाराम फंडे ने पीएम के दौरे की जानकारी देते हुए बताया कि भूटान के प्रधानमंत्री का अयोध्या में भव्य स्वागत किया जाएगा. उस दिन दोपहर में शहर से निकलने से पहले वह एक विशेष भोज मे शामिल होंगे. उन्होंने कहा,' 5 सितंबर 2025 को भूटान के प्रधानमंत्री सुबह लगभग 9:30 बजे अयोध्या पहुंचेंगे. प्रोटोकॉल के अनुसार उनका भव्य स्वागत किया जाएगा. इसके बाद वह राम जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना करने और मंदिर का अवलोकन करने जाएंगे. उनके सम्मान में एक विशेष भोज का आयोजन किया जाएगा और उनका दोपहर लगभग 1:30 बजे प्रस्थान करने का कार्यक्रम है.'
फरवरी में भारत आए थे टोबेगो
विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम शेरिंग टोबेगो अपनी भारत यात्रा में दिल्ली पहुंचने से पहले गया और अयोध्या के कार्यक्रम में शामिल होंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली में रहने के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर भूटान के पीएम से मुलाकात करेंगे. बता दें कि टोबगो इससे पहले 20-21 फरवरी 2025 को भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए थे. यहां उन्होंने स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) के पहले लीडरशिप कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया था.
भारत-भूटान के मजबूत संबंध
विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम टोबगो की पिछली भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे मुलाकात की थी. इसके अलावा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा और केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भूटानी नेता से मुलाकात की थी. विदेश मंत्रालय का कहना है कि लगातार होने वाली ये यात्राएं भारत और भूटान के बीच निरंतर घनिष्ठ सहयोग और मजबूत होते संबंधों को दर्शाती है.
FAQ
भूटान के प्रधानमंत्री कब भारत दौरे पर आ रहे हैं?
भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग टोबगे अपनी पत्नी ओम ताशी डोमा के साथ 3-6 सितंबर 2025 तक भारत दौरे पर हैं.
भूटान और भारत के बीच संबंध कैसे हैं?
दोनों देशों के बीच मजबूत और घनिष्ठ संबंध हैं, जो नियमित उच्च-स्तरीय यात्राओं और सहयोग के माध्यम से मजबूत होते जा रहे हैं.