अब मैं बर्बाद हो चुकी हूं... बिहार चुनाव में हार से टूट गईं आरजेडी की 'स्टार'!

1 hour ago

पटना. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की महिला नेता सीमा कुशवाहा पार्टी की हालिया विधानसभा चुनाव हार से गहराई तक आहत नजर आ रही हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर चंद घंटे के भीतर लगातार कई ट्वीट करके अपनी हताशा और पीड़ा का इजहार किया है. “जो भी बद्दुआ दे रहा है, बस कर दो अब मैं बर्बाद हो चुकी हूं!” गहरी पीड़ा लिए इन शब्दों के साथ जब सीमा कुशवाहा ने अपना पोस्ट किया तो उनकी यह भावुक अपील न केवल वायरल हो गई, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी बहस छेड़ दी है कि क्या RJD की हार ने कुशवाहा जैसे युवा नेताओं का मनोबल तोड़ दिया है?

सीमा कुशवाहा ने बयां किया दर्द

बिहार विधानसभा उपचुनाव के परिणामों से निराश होकर सीमा कुशवाहा ने अपने एक्स हैंडल पर एक के बाद एक चार ट्वीट कर अपनी हताशा जाहिर की. इसमें वह न केवल हार से निराश दिख रही हैं, बल्कि संघर्ष के नये दौर के लिए संदेश भी दे रही हैं. अपनी पहली पोस्ट में, सीमा लिखती हैं- “जो भी बद्दुआ दे रहा है, बस कर दो- अब मैं बर्बाद हो चुकी हूं.” यह बयान उनकी राजनीतिक और निजी निराशा का माना जा रहा है. यहां वह बता रही हैं कि चुनाव में मिली हार ने उनको गहरा आघात दिया है.

सीमा कुशवाहा ने RJD की विधानसभा चुनाव हार पर सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा साझा की

न्याय किताबों में रह जाता है..

दूसरे ट्वीट में, उन्होंने यह कहा है कि जब “रिश्वत रास्ता बन जाए, तो न्याय सिर्फ किताबों में रह जाए.” उनका मानना है कि राजनीतिक खेल और भ्रष्टाचार ने न्याय की तस्वीर को धुंधला कर दिया है. सीमा कुशवाहा का यह पोस्ट नीतीश सरकार की 10 हजार वाली योजना पर सीधा प्रहार है. इसके बाद तीसरे ट्वीट में वह एक शू स्टोर में बैठी हैं और वहां की तस्वीर साझा करते हुए लिखती हैं कि- ”सैंडल पहन कर चला जा सकता है लेकिन जब जिंदगी में दौड़ लगानी होती है तो औरत को भी जूता ही पहनना पड़ता है.” यह पोस्ट उनके लिए एक बड़े न्याय-संघर्ष की ओर इशारा है.

चुनावी हार से टूटी सीमा कुशवाहा, भावुक पोस्ट्स ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी.

सीमा कुशवाहा के ट्वीट्स चर्चा में

उनके चौथे ट्वीट में सीमा ने लिखा कि “भगवान का लिखा सब कुछ सहना पड़ेगा, क्योंकि परेशानियां बेची नहीं जातीं, और सुकून कभी खरीदा नहीं जाता.” सीमा के ये शब्द उनकी मजबूरी और परिस्थितियों को मान लेने का भाव उजागर करते हैं. दुख और गम को अकेले झेलने की उनकी भावना स्पष्ट है. बता दें कि सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स वाली यह महिला नेता अपनी रील्स और बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं, लेकिन आज पार्टी की करारी हार के सदमे में डूब गई हैं.

चुनावी हार से टूटी सीमा कुशवाहा

सीमा कुशवाहा रोहतास जिले की निवासी हैं और RJD में सक्रिय भूमिका निभाती रही हैं. पिछले चुनावों में उन्हें पार्टी की टिकट नहीं मिली थी, लेकिन उन्होंने पार्टी के लिए प्रचार किया था, विशेष रूप से भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव के पक्ष में. उनके फॉलोअर्स और समर्थकों में यह पोस्ट्स चर्चा का विषय बनी हुई हैं. कुछ लोग उनकी चिंता और उदासी से सहानुभूति रखते हैं तो कई अन्य राजनीति की कठिनाइयों और हार के बाद होने वाली मानसिक पीड़ा पर सवाल उठा रहे हैं.

बिहार की राजनीति में नया सवाल

जानकारों के मुताबिक, सीमा कुशवाहा का यह भावुक रिएक्शन न केवल व्यक्तिगत असफलता की निशानी है, बल्कि यह उस बड़े नैतिक संकट को भी दर्शाता है जो उन्होंने चुनाव के बाद अनुभव किया है. वह बताती हैं कि जीत-हार सिर्फ वोटों का खेल नहीं है, उनके लिए यह सम्मान, न्याय और जीवन का सवाल भी है. बहरहाल, अब यह देखना अभी बाकी है कि राजद नेतृत्व उनकी इन भावनात्मक पोस्ट्स पर किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं. क्या उनकी आवाज को फिर से राजनीतिक मंच मिलेगा या यह बस हार की पीड़ा का व्यक्तिगत इजहार रह जाएगी.

कौन हैं सीमा कुशवाहा?

सीमा कुशवाहा रोहतास जिले के कोचस की रहने वाली हैं और बिहार की राजनीति में सोशल मीडिया की ‘पावरहाउस’ और ‘स्टार’ मानी जाती हैं. फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं, जहां वे सामाजिक मुद्दों से लेकर राजनीतिक टिप्पणियों तक सब कुछ शेयर करती हैं. राजनीतिक सफर की शुरुआत मुकेश सहनी की VVIP पार्टी से हुई, फिर 2020 में उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा में प्रदेश महासचिव बनीं. लेकिन, 2022 में वे RJD में शामिल हो गईं और रोहतास जिला परिषद सदस्य के रूप में सक्रिय रहीं. इस बार के उपचुनाव में उन्हें सासाराम से टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बजाय, उन्होंने छपरा से RJD प्रत्याशी और भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव के पक्ष में जोरदार प्रचार किया. रैलियों में उत्साह से भरीं सीमा ने वोटरों से अपील की, लेकिन परिणाम ने सब कुछ उलट दिया.

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