अजित पवार की फडणवीस से कट्टी, महायुति से होंगे अलग? महाराष्‍ट्र में खलबली

4 weeks ago

Last Updated:September 19, 2025, 13:35 IST

Maharashtra Politics: महाराष्‍ट्र में स्‍थानीय निकाय यानी लोकल बॉडी के चुनाव होने वाले हैं. उससे पहले एनसीपी के चीफ और प्रदेश के डिप्‍टी सीएम अजित पवार ने मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और नितिन गडकरी की मांद में जाकर कहा कि यह इलाका किसी एक पार्टी का गढ़ नहीं है. उनके इस बयान के बाद महाराष्‍ट्र की सियासत में कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है.

अजित पवार की फडणवीस से कट्टी, महायुति से होंगे अलग? महाराष्‍ट्र में खलबलीअजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस और नितिन गडकरी के गढ़ में जाकर ऐसी बात कही है, जिससे महाराष्‍ट्र की सियासत गरमा गई है.

Maharashtra Politics: क्‍या डिप्‍टी सीएम अजित पवार का मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कट्टी हो गई है? या फिर एनसीपी सुप्रीमो महायुति से अलग राह अपनाने की तैयारी कर रहे हैं? अजित पवार के एक बयान से महाराष्‍ट्र की राजनीति में ऐसे अनेक सवाल उठने लगे हैं. विदर्भ को भाजपा खासकर मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का गढ़ माना जाता है. डिप्‍टी सीएम अजित पवार उसी विदर्भ में अपनी पार्टी का चिंतन शिविर आयोजित करने जा रहे हैं. इससे पहले उन्‍होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि विदर्भ को किसी पार्टी का स्‍थाई गढ़ नहीं कहा जा सकता है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस क्षेत्र में अतीत में विभिन्‍न समय पर अलग-अलग परिणाम सामने आ चुके हैं. अजित पवार का यह बयान महाराष्‍ट्र में होने वाले स्‍थानीय निकाय चुनाव (Maharashtra Local Polls) से ठीक पहले आया है.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार ने विदर्भ पर अपने ताजा बयान से प्रदेश की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है. पवार ने कहा कि विदर्भ को किसी एक दल का स्थायी गढ़ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इस क्षेत्र ने हर चुनाव में अलग-अलग नतीजे दिए हैं. उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब एनसीपी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले विदर्भ में अपना पहला चिंतन शिविर आयोजित करने जा रही है. विदर्भ को लंबे समय से भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है, खासकर क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसी क्षेत्र से आते हैं. लेकिन, अजित पवार के बयान से साफ है कि एनसीपी इस धारणा को तोड़ने की कोशिश कर रही है. अजित पवार ने कहा, ‘विदर्भ ने हर चुनाव में अलग-अलग फैसले दिए हैं. आज भले ही भाजपा देश और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन सभी दल यहां मेहनत कर रहे हैं. भाजपा, शिवसेना और एनसीपी सभी दलों के कार्यकर्ताओं को आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से उम्मीदें हैं.’

अजित पवार का इशारा

अजित पवार ने यह भी इशारा किया कि भले ही भाजपा को विदर्भ में स्वाभाविक बढ़त हासिल हो, लेकिन महायुति गठबंधन के अन्य घटक दल (एनसीपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना) भी बराबरी की हिस्सेदारी चाहते हैं. शरद पवार ने कहा, ‘तीनों दलों के नेता साथ बैठकर तालमेल बैठाने की कोशिश करेंगे. हमारे कार्यकर्ताओं को भी इन चुनावों में अवसर मिलने चाहिए.’ इधर, एनसीपी के विदर्भ से संगठनात्मक मंथन की शुरुआत करने के फैसले ने राजनीतिक हलकों में सवाल खड़े कर दिए हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे से जब पूछा गया कि पारंपरिक रूप से पश्चिमी महाराष्ट्र एनसीपी का गढ़ रहा है, तो फिर पहला शिविर विदर्भ में क्यों, तो उन्होंने पिछले विधानसभा चुनावों का हवाला दिया. तटकरे ने कहा, ‘हमने यहां आठ सीटों पर चुनाव लड़ा और सात पर जीत हासिल की. हमारी स्ट्राइक रेट 90 फीसदी रही, यह साबित करता है कि विदर्भ में हमारी मजबूत पकड़ है.’

विदर्भ में विस्‍तार का इरादा

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अजित पवार और सुनील तटकरे का संदेश साफ है – एनसीपी सिर्फ पश्चिमी महाराष्ट्र की पार्टी नहीं, बल्कि विदर्भ में भी अपने विस्तार का दावा कर रही है. यह रुख एनसीपी को महायुति में सीट बंटवारे की बातचीत में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद कर सकता है. अब जबकि भाजपा अपने गढ़ को बचाने के लिए जोर लगाएगी, शिवसेना (शिंदे गुट) अधिक प्रतिनिधित्व पाने की कोशिश करेगी और एनसीपी खुद को उभरती ताकत के रूप में पेश कर रही है, तो आगामी स्थानीय निकाय चुनाव विदर्भ में पहले से कहीं ज्यादा प्रतिस्पर्धी नजर आ रहे हैं. अजित पवार का यह बयान कि विदर्भ भाजपा का स्थायी किला नहीं है, इस बात का संकेत है कि एनसीपी अब क्षेत्रीय राजनीतिक धारणाओं को तोड़ने और अपने लिए बड़ी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की रणनीति पर काम कर रही है. अब सबकी नजरें इस पर टिकी होंगी कि पवार का यह दांव क्या भाजपा की बढ़त को चुनौती दे पाएगा और एनसीपी विदर्भ में अपने पांव जमा पाएगी.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

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Location :

Mumbai,Maharashtra

First Published :

September 19, 2025, 13:33 IST

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