RAS मुख्य परीक्षा विवाद: RPSC ने हाईकोर्ट में दायर की कैविएट, जानें मतलब

12 hours ago

Last Updated:June 16, 2025, 11:10 IST

RAS Main Exam Controversy : आरपीएससी ने आरएएस भर्ती 2024 की मुख्य परीक्षा की तारीखों को स्थगित करने की मांग के बीच राजस्थान हाईकोर्ट में कैविएट दायर की है. आरपीएससी ने कैविएट के जरिए साफ किया है कि परीक्षा तिथि...और पढ़ें

 RPSC ने हाईकोर्ट में दायर की कैविएट, जानें मतलब

आरपीएससी की ओर से दायर की गई कैविएट से यह लगभग साफ हो गया है कि परीक्षा की तिथि में बदलाव नहीं होगा.

हाइलाइट्स

आरपीएससी ने हाईकोर्ट में कैविएट दायर की.मुख्य परीक्षा 17 और 18 जून को ही होगी.आरपीएससी किसी दबाव में नहीं आएगी.

जोधपुर. आरएएस भर्ती परीक्षा 2024 की मुख्य परीक्षा आगामी 17 और 18 जून को आयोजित होने का प्रस्तावित है. इस परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने के लिए सैकड़ों अभ्यर्थी जयपुर में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच आरपीएससी के सचिव ने राजस्थान हाईकोर्ट में एक कैविएट पेश की है. अधिवक्ता तरुण जोशी के माध्यम से पेश की गई इस कैविएट में आरपीएससी ने गुहार लगाई है कि RPSC या 02 सितंबर 2024 को आरपीएससी आरएएस भर्ती परीक्षा के लिए जारी विज्ञप्ति के खिलाफ कोई भी याचिका हाईकोर्ट में पेश की जाए तो आरपीएससी को उसमें बतौर कैविएटर पक्षकार बनाया जाए.

इस कैविएट में हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है कि आरपीएससी को बिना सुने एकतरफा फैसला नहीं सुनाया जाए. आरपीएससी के सचिव की ओर से यह कैविएट पेश करने के बाद यह सुनिश्चित हो गया है कि परीक्षाएं 17 और 18 जून को ही आयोजित की जाएंगी. यह कैविएट प्रदर्शनकारियों को सीधा संदेश है कि आरपीएससी या सरकार किसी भी दबाव में नहीं आएगी और परीक्षाओं की तिथि आगे नहीं बढ़ेगी.

क्या होती है कैविएट?
हाईकोर्ट में पेश की गई कैविएट (Caveat) एक कानूनी प्रक्रिया है. इसमें कोई व्यक्ति जिसे यह संभावना होती है कि उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही शुरू हो सकती है या हाईकोर्ट में कोई याचिका पेश की जा सकती है तो कोर्ट में एक याचिका दायर कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि ऐसी याचिका या कानूनी प्रक्रिया में कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुना जाए.

कैविएट सुनवाई के अधिकार की रक्षा करती है
कैविएट व्यक्ति या संस्थान के सुनवाई के अधिकार की रक्षा करती है और किसी भी मामले में एकतरफा कार्रवाई की संभावनाओं से बचाती है. कैविएट के जरिए हाईकोर्ट में बढ़ते मामलों को रोकने में भी मदद मिलती है. कई मामलों में कैविएटर को सुनने के बाद हाईकोर्ट को मामले को समझने में मदद मिलती है और कई केस प्रथम स्टेज पर ही निस्तारित हो जाते हैं. दरअसल, कैविएट एक एहतियाती उपाय है जो संभावित मुकदमेबाजी को समाप्त करने में मदद करता है.

Sandeep Rathore

संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.

संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.

Location :

Jodhpur,Jodhpur,Rajasthan

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