Los Angeles ptotests: कबीरदास ने जी कहा है, काल करे सो आज कर, आज करे सो अब. पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब. ये दोहा बताता है - टकाम को टालना नहीं चाहिए. नहीं तो बाद में शायद उसे करने का मौका ही ना मिलेट. ये दोहा आपने भी कई बार सुना होगा. आस पास इसे सच साबित होते भी देखा होगा, समस्या चाहे सामाजिक हो, राजनीतिक हो, या व्यक्तिगत अगर समय रहते उस पर ध्यान नहीं दिया जाता तो वह विकराल रूप ले सकती है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण आज दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश कहे जाने वाले अमेरिका में दिख रहा है. दुनिया भर के विवाद सुलझाने में लगे अमेरिकी नेताओं को अपने देश में बढ़ रहे अवैध प्रवासी एक समस्या के तौर पर नहीं दिखे और वो अब अमेरिका को जला रहे हैं.
अमेरिका में अवैध प्रवासी जैसे भारत में घुसे अवैध बांग्लादेशी
आज ये अवैध प्रवासी इतने शक्तिशाली हो गए हैं कि अमेरिका में इनसे निपटने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ रहा है. सेना उतारनी पड़ रही है. हिंसा से जूझ रहे लॉस एंजेलिस में लड़ाकू हेलीकाप्टर उड़ रहे हैं. दंगाइयों को टैंक और फाइटर प्लेन दिखाकर डराना पड़ रहा है. आज आपको भी जानना चाहिए किसी शक्तिशाली देश में हाथ जोड़कर छिपकर घुसे अवैध लोग उस देश की सेना से शक्तिशाली कैसे हो जाते हैं?
अब आपको अमेरिका के लॉस एंजेलिस में 5 दिन से जारी दंगों और प्रदर्शन के वो अपडेट देते हैं, जिन्हें जानने के बाद आपके लिए ये विश्लेषण समझना आसान हो जाएगा.
इस खबर को आप सिर्फ ये सोचकर मत पढ़िए कि दंगा तो अमेरिका का है, इससे हमें क्या मतलब? मतलब है! क्योंकि आज जो अमेरिका में हो रहा है, वो हो सकता है कल भारत में हो, आपके शहर में हो, आपके मोहल्ले में, आपके घर के पास हो. इसकी पूरी क्रोनोलॉजी भी आप अब बड़े ध्यान से पढ़िए.
- दंगे के चलते लॉस एंजेलिस (LA) में इमरजेंसी लगी है. सेना, दंगाइयों पर काबू नहीं कर पाई. 5 दिन से हिंसा और लूटपाट जारी है.
- LA के डाउन टाउन में अवैध प्रवासियों की संख्या ज्यादा है. वहां हालात खराब हैं. इसलिए, शाम 6 बजे कर्फ्यू लगा दिया गया है.
- LA में इस वक्त 4 हजार नेशनल गार्ड के अलावा 700 मरीन कमांडो तैनात हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा ,जरूरत पड़ने पर और भेजेंगे.
- LA पुलिस ने करीब 1100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है.
अमेरिका के 12 राज्यों में अवैध प्रवासियों की हिंसा की आंच फैली, गृह युद्ध जैसे हालात
अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने के फैसले के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन, अमेरिका के 12 राज्यों के 25 शहरों तक फैल चुका है. यानी अवैध प्रवासियों का फैन क्लब सैन फ्रांसिस्को, ऑस्टिन, टेक्सास, शिकागो और न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में सड़क पर आ गया है. इन लोगों की सहानूभूति अमेरिका का झंडा जलाने वालों, लूटपाट और दंगा करने वालों के साथ है .
इस वक्त, अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर अमेरिका में गृहयुद्ध जैसे हालात बन गए हैं. एक तरफ अमेरिका में सेना के 250 वर्ष पूरे होने के जश्न की तैयारियां चल रही हैं. दूसरी तरफ ट्रंप ने अपने ही देश के एक शहर को दंगाइयों से आजाद करवाने के लिए सेना तैनात की है.
दुनिया में होने वाली किसी भी घटना में अगर फायदा छिपा हो तो अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप उसका क्रेडिट लेने की पूरी कोशिश करते हैं. अब ट्रंप अपने ही देश में दंगों पर एक्शन का क्रेडिट भी ले रहे हैं. ट्रंप 5 दिन बाद भी दंगा रोकने में नाकाम साबित हुए. लेकिन ये फिर भी अपनी पीठ इस तर्क के साथ थपथपा रहे हैं कि अगर वो राष्ट्रपति नहीं होते तो लॉस एंजेलिस, कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग की तरह जल रहा होता. हमें लगता है, ट्रंप के इस तर्क को सुनकर अमेरिका में रहने वाले लोग अपना माथा पीट रहे होंगे.
अवैध प्रवासी अमेरिका में ताकतवर कैसे हो गए?
लेकिन एक बात हमें ये भी समझनी होगी कि आखिर अवैध प्रवासी अमेरिका में इतने ताकतवर कैसे हो गए जिनपर काबू पाने के लिए इमरजेंसी लगाने की जरूरत पड़ गई. इस सवाल का जवाब आपको भी बहुत ध्यान से सुनना चाहिए. क्योंकि ये आपके लिए भी एक सबक बन सकता है .
-लॉस एंजेलिस काउंटी में लगभग 8 से 10 लाख अवैध प्रवासी हैं. पूरे कैलिफोर्निया में इनकी तादाद 20 से 25 लाख है.
-कैलिफोर्निया में सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी मैक्सिको से पहुंचे. मैक्सिको सीमा कैलिफोर्निया से लगती है. 10 में 7 लाख मैक्सिको के हैं.
-अवैध प्रवासी काम मिलने की वजह से लॉस एंजेलिस आते हैं. वो निर्माण, सफाई, होटलों में काम सस्ते में करते हैं, तो डिमांड ज्यादा है.
-कैलिफोर्निया की डेमोक्रेट्स सरकार ने प्रवासी संरक्षण पॉलिसी बनाईं. जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और ड्राइविंग लाइसेंस जैसी सुविधा मिलीं.
-इन अवैध प्रवासियों की संतानें अमेरिका में पैदा हुईं और उनको यहां की नागरिकता भी मिल गई. यानी वो अमेरिका के वैध नागरिक बन गए. उनको वोट देने का अधिकार भी मिल गया. जिन्होंने इन्हें संरक्षण दिया, आज ये उनके वोटर हैं .
लॉस एंजेसिल की हालत खराब
-अब हालत ये है कि लॉस एंजेसिल में एक Mixed-status Household तैयार हुआ है यानी यहां परिवार में कुछ लोग वोटर हैं और कुछ नहीं. लेकिन इनके मुद्दे एक हैं. यही वजह है जैसे ही अवैध प्रवासियों को अमेरिका से बाहर किया जाने लगा. लॉस एंजेलिस में दंगे शुरू हो गए. कैलिफोर्निया और फेडरल सरकार के बीच विवाद बढ़ा और गृहयुद्ध जैसी स्थिति बन गई.
अवैध प्रवासी दावा कर रहे हैं कि इन्होंने ही अमेरिका को महान बनाया है, इनको बाहर नहीं निकाला जा सकता. अमेरिका में एक बड़ा तबका इनका समर्थक भी है.
भारत की सलाह की अनदेखी करते थे आज सजा पूरा यूरोप भुगत रहा...
अगर आपको लगता है हाथ जोड़कर, सस्ता काम करने के लिए अवैध तरीके से किसी देश में घुसने वाले सिर्फ अमेरिका के लिए समस्या बने हैं तो आप पूरी तरह से गलत हैं. यूरोपीय देशों की हालत अमेरिका से भी बुरी है. नॉर्थ आयरलैंड भी दंगों की आग से झुलस रहा है. वहां हिंसा और विरोध प्रदर्शन जारी है. इसकी वजह अवैध प्रवासी हैं, जिन्होंने स्थानीय लड़की के साथ दुष्कर्म किया. जिसके बाद हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए. यहां भी पुलिस पत्थर खा रही है, कारों में आग लगाई जा रही है. सड़कों पर हिंसा हो रही है. अवैध प्रवासी और स्थानीय लोग आमने-सामने हैं.
अवैध प्रवासी इस वक्त पूरे यूरोप के लिए एक ऐसा टाइम बम बन गए हैं. जो कभी भी किसी भी वक्त फट सकते हैं. यूरोप का लगभग हर देश अवैध प्रवासियों की समस्या से जूझ रहा है. एक अनुमान के मुताबिक लगभग 50 लाख लोग बिना वैध कागजों के यूरोपीय देशों में घुस आए हैं. जिनकी वजह से अवैध स्लम, अपराध, कट्टरता और हिंसा के मामलों में रिकॉर्ड तेजी आई है. यूरोप में तो खासकर इटली, ग्रीस, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया, हंगरी और पोलैंड जैसे देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.