Last Updated:March 09, 2025, 06:04 IST
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधनों- एनडीए और महागठबंधन के लिए सीटों का बंटवारा इस बार आसान नहीं होगा. महागठबंधन में कांग्रेस की सीटों में आरजेडी कटौती करना चाहती है, जबकि कांग्रेस इसके ल...और पढ़ें

महागठबंधन ने एक स्वर से तेजस्वी यादव, तो एनडीए ने भी नीतीश कुमार को सीएम फेस घोषित कर दिया है.
हाइलाइट्स
बिहार में CM चेहरे की गुत्थी सुलझीअब सीट बंटवारे की है बारीआसान नहीं है सीट बांटनाबिहार में सीएम के चेहरे पर छाई धुंध अब काफी हद तक छंट गई है. महागठबंधन ने एक स्वर से तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित कर दिया है. एनडीए ने भी सीएम फेस घोषित करने की झिझक तोड़ दी है. भाजपा के चुनाव प्रभारी मनोहर लाल खट्टर ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा और उनकी ही अगुआई में अगली सरकार भी बनेगी. बात अब सीटों के बंटावरे पर टिकी हुई है. दोनों गठबंधनों ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई एक्सरसाइज नहीं की है. अगर की भी होगी तो इसका कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है.
क्षेत्रीय दलों में तो इस तरह के फैसले उसके सुप्रीमो करते हैं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व इस तरह के फैसले लेता है. अलबत्ता उनकी दावेदारी की सूचनाएं जरूर सामने आती रहती हैं. सीटों का पेंच सुलझाना आसान नहीं है, पर अंतिम समय तक यह सुलझता ही रहा है. इस बार क्या होगा, यह देखना इसलिए दिलचस्प होगा, क्योंकि महागठबंधन में कुछ नए साथी शामिल हुए हैं तो एनडीए में लोजपा-आर के चिराग पासवान और आरएलएम के उपेंद्र कुशवाहा को भी इस बार हिस्सेदारी मिलनी है.
NDA में कितनी सीटों की किसकी दावेदारी
सबसे पहले एनडीए की बात. एनडीए में अभी भाजपा, जेडीयू, एलजेपी-आर, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) समेत 5 पार्टियां हैं. इनमें एलजेपी-आर और आरएलएम का कोई सदस्य विधानसभा में नहीं है. जेडीयू और भाजपा मामूली सीटों के अंतर के साथ चुनावों में बड़ा-छोटा भाई बनते रहे हैं. विधानसभा चुनाव 2020 की बात करें तो एनडीए में तब चार ही दल थे. जेडीयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा तो भाजपा ने अपने 110 उम्मीदवार उतारे थे. सीटों के बंटवारे में तब महागठबंधन के साथ रही विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को 11 सीटें मिली थीं. हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के हिस्से में 7 सीटें गई थीं. इस बार VIP ने अपना ठिकाना बदल लिया है. अब वह महागठबंधन का हिस्सा है. अलबत्ता उपेंद्र कुशवाहा का RLM और चिराग पासवान की LJP-R जरूर नए साथी बने हैं. चिराग पासवान पहले से 40 सीटों और जीतन राम मांझी 20 सीटों की मांग करते रहे हैं. भाजपा और जेडीयू ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
महागठबंधन में कांग्रेस को चाहिए 70 सीटें
महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई (एमएल), सीपीआई और सीपीएम के अलावा वीआईपी शामिल है. वीआईपी पिछली बार एनडीए का हिस्सा थी. एनडीए में रहे पशुपति कुमार पारस की पार्टी आरएलजेपी भी इस बार महागठबंधन का हिस्सा बनने के लिए बेताब है. पिछले चुनाव में आरएलजेपी का अस्तित्व ही नहीं था. आरजेडी ने 144 सीटों पर पिछला चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस को 70 सीटें हिस्से में मिली थीं. यानी महागठबंधन में वीआईपी और आरएलजेपी को एकोमोडेट करने की चुनौती है. कांग्रेस को छोड़ अभी तक महागठबंधन के किसी अन्य घटक ने सीटों की मांग नहीं की है. कांग्रेस 70 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है. कांग्रेस के तल्ख् तेवर आरजेडी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. वीआईपी नेता मुकेश सहनी सीटों का दावा तो नहीं कर रहे, लेकिन वे डेप्युटी सीएम बनाए जाने के तेजस्वी यादव के आश्वासन का उल्लेख अक्सर अपने भाषणों-बयानों में करते हैं. जाहिर है, उन्हें अगर डेप्युटी सीएम बनना है तो सीटें भी उसी अनुपात में मिलनी चाहिए.
NDA में सीट बंटवारे का संभावित फॉर्मूला
एनडीए में सीट बंटवारे के कई तरह के फार्मूलों की चर्चा है. पहला फार्मूला यह है कि भाजपा 122 तो जेडीयू 121 सीटें बांट लें. फिर दोनों अपने-अपने हिस्से से सहयोगियों को सीटें दें. दूसरा फार्मूला यह कि भाजपा-जेडीयू 100-100 सीटों पर लड़ें और बची 43 सीटों में साथी दलों को एडजस्ट करें. तीसरा फार्मूला यह है कि पिछली बार जीती गईं सीटों के आधार पर ही सीटों का बंटवारा हो. ऐसा हुआ तो भाजपा से आधी सीटों पर ही जेडीयू को संतुष्ट होना पड़ेगा, क्योंकि उसके पास सिर्फ 45 विधायक ही अभी हैं. वैसे विधानसभा के टिकट बंटवारे में एक एमपी पर 6 सीटों का प्रचलन रहा है. एलजेपी-आर के अभी 5 सांसद हैं. इस हिसाब से चिराग पासवान की दावेदारी 30 सीटों की बनती है. जीतन राम मांझी अपनी पार्टी इकलौते सांसद हैं. इसलिए उन्हें पिछली बार जितनी 6-7 सीटें देकर मनाने की कोशिश होगी. उपेंद्र कुशवाहा को 4-5 सीटें मिल सकती हैं. ऐसे में करीब 201 सीटें बचती हैं, जो भाजपा और जेडीयू आपस में बांटेंगे.
महागठबंधन में कैसे होगा सीटों का बंटवारा?
आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का जो पहला फार्मूला सामने आया है, उसमें आरजेडी पिछली बार की तरह ही 144 सीटों पर लड़ेगा. कांग्रेस की सीटों में कटौती कर सीपीआई (एमएल) की सीटें बढ़ाई जाएंगी. इसलिए कि उसका परफार्मेंस पिछली बार बेहतर रहा था. उसने 19 में 12 सीटें जीत ली थीं. आरएलजेपी और वीआईपी के लिए सीटों की व्यवस्था करनी होगी. मुकेश सहनी को 15 से 20 सीटें मिल सकती है. एनडीए में रहते उन्हें 11 सीटें मिली थीं. आरएलजेपी के खाते में 3 से 5 सीटें जा सकती हैं. सीपीआई और सीपीएम को पहले की तरह क्रमशः 4 और 6 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस पिछली बार से कम सीटों पर अभी तक तैयार नहीं दिखती है. कांग्रेस ने जिस तरह बिहार पर अभी से फोकस बढ़ाया है, उससे नहीं लगता कि वह कम सीटों पर मानेगी. आरजेडी को भी कांग्रेस की इस सौदेबाजी का एहसास है. आरजेडी को भय है कि कांग्रेस कहीं हरियाणा और दिल्ली को बिहार में न दोहरा दे. इसलिए बिना मुंह खोले वह स्थिति संभालने का प्रयास कर रहा है.
First Published :
March 09, 2025, 06:04 IST