Last Updated:December 30, 2025, 13:59 IST
Brahmos DG Jaiteerth R Joshi Appointment CAT Quashes: CAT की हैदराबाद बेंच ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस के DG पद पर जयतीर्थ आर जोशी की नियुक्ति रद्द कर दी है. बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि इस नियुक्ति में SOP का उल्लंघन किया गया और सीनियर वैज्ञानिक नायडू की दावेदारी की अनदेखी की गई.
CAT ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस के डायरेक्टर जनरल पद पर जयतीर्थ आर जोशी की नियुक्ति रद्द कर दी है.Brahmos DG Jaiteerth R Joshi Appointment CAT Quashes: सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) की हैदराबाद बेंच ने भारत-रूस संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस के डायरेक्टर जनरल पद पर जयतीर्थ आर जोशी की नियुक्ति रद्द कर दी है. बेंच ने 25 नवंबर 2024 के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें जोशी को यह पद सौंपा गया था. ज्यूडिशियल मेंबर लता बसवराज पटने और एडमिनिस्ट्रेटिव मेंबर वरुण सिंधु कुल कौमुदी की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि प्रतिवादियों (केंद्र सरकार, डीआरडीओ चेयरमैन और अन्य) द्वारा की गई नियुक्ति में स्पष्ट मनमानी दिखाई देती है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के अनुसार डीआरडीओ के चेयरमैन और डायरेक्टरेट ऑफ डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (DD&R) के सेक्रेटरी सिलेक्शन कमेटी द्वारा सुझाए गए पैनल में से किसी एक नाम को मंजूरी दे सकते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे पैनल में शामिल अन्य वैज्ञानिकों के पूरे सर्विस रिकॉर्ड को नजरअंदाज कर दें. बेंच ने कहा कि SOP में असाधारण परिस्थितियों में डिस्क्रिशनरी पावर का इस्तेमाल करने का प्रावधान है, लेकिन इस मामले में जोशी की नियुक्ति के लिए कोई ऐसी असाधारण स्थिति नहीं दिखाई गई, जिसके चलते अन्य आवेदक की उम्मीदवारी को अनदेखा किया गया हो.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को बनाया नजीर
ट्रिब्यूनल ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एक पुराने फैसले (गवर्नमेंट ऑफ आंध्र प्रदेश बनाम पी गौतम कुमार, IPS, 2012) का हवाला देते हुए कहा कि किसी प्राधिकारी की पूर्ण विवेकाधीन शक्ति संवैधानिक शासन के सिद्धांतों के विपरीत है. यह फैसला डीआरडीओ के डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट (DS) शिवसुब्रमण्यम नंबी नायडू की याचिका पर आया है. नायडू सिलेक्शन कमेटी द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए तीन उम्मीदवारों में शामिल थे. ट्रिब्यूनल ने नोट किया कि नायडू ने अगस्त 2017 में साइंटिस्ट ‘H’ (आउटस्टैंडिंग साइंटिस्ट) के रूप में नियुक्ति के बाद 2023 तक छह साल की रेजिडेंसी पीरियड पूरी कर ली थी. यह DG की नियुक्ति के लिए एक अनिवार्य योग्यता है.
दूसरी ओर, जोशी को जुलाई 2023 में ही साइंटिस्ट ‘H’ बनाया गया था. यानी नियुक्ति के समय उनके पास आउटस्टैंडिंग साइंटिस्ट के रूप में सिर्फ एक साल का अनुभव था. बेंच ने कहा कि हमें आश्चर्य है कि सिर्फ एक साल के अनुभव वाले पांचवें प्रतिवादी (जोशी) को DG का पद दे दिया गया. सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि दोनों उम्मीदवारों को सिलेक्शन में 80-80 अंक मिले थे. लेकिन नायडू डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट होने के कारण लिस्ट में ऊपर थे. ट्रिब्यूनल ने सवाल उठाया कि जोशी, जो डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट बनने के लिए योग्य भी नहीं थे, उन्हें कैसे प्राथमिकता दी गई?
ब्रह्मोस एयरोस्पेस क्या है?
ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस का संयुक्त उद्यम है, जो विश्व प्रसिद्ध सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का निर्माण करता है. DG का पद रक्षा क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस नियुक्ति को रद्द करने से न केवल चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं, बल्कि डीआरडीओ के अंदर वरिष्ठ वैज्ञानिकों में असंतोष भी बढ़ सकता है. अब केंद्र सरकार और डीआरडीओ के पास इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने का विकल्प है. लेकिन CAT का यह आदेश रक्षा क्षेत्र की नियुक्तियों में मनमानी को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
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न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
First Published :
December 30, 2025, 13:52 IST

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