PM Modi condoles of Saudi Arabia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती और वरिष्ठ विद्वानों की परिषद के प्रमुख शेख अब्दुलअजीज बिन अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अल-शेख के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उनका मंगलवार को 82 साल की आयु में निधन हो गया था.
PM Modi condoles of Saudi Arabia:Deepest condolences on the sad demise of the Grand Mufti of the Kingdom of Saudi Arabia, His Eminence Sheikh Abdulaziz bin Abdullah bin Mohammed Al AlSheikh. Our thoughts and prayers are with the Kingdom and its people in this moment of grief.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 24, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती शेख अब्दुलअजीज बिन अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद अल अलशेख के दुखद निधन पर गहरी संवेदना. इस दुख की घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं सऊदी अरब और उसके लोगों के साथ हैं."
कौन थे अब्दुलअजीज बिन अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अल-शेख?
शेख का एक दिन पहले मंगलवार को 82 साल की आयु में निधन हो गया था. वे सऊदी अरब के एक प्रमुख इस्लामी विद्वान और धार्मिक नेता थे. जो सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती (मुख्य फतवा जारी करने वाले) थे. जो देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्था का प्रमुख पद है. वे अल अलशेख परिवार से संबंधित थे. जो सऊदी अरब के धार्मिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले परिवारों में से एक है. उनका पूरा नाम अब्दुलअजीज बिन अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद बिन अब्दुल लतीफ अल अलशेख था.
1943 को मक्का में हुआ जन्म
सऊदी अरब के शाही दरबार ने मंगलवार (स्थानीय समय) को सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) के माध्यम से जारी एक बयान में उनके निधन की पुष्टि हुई थी. शेख अब्दुलअजीज का जन्म 30 नवंबर 1943 को मक्का में हुआ था.
7 साल की उम्र में हुए अनाथ
7 साल की उम्र में वे अनाथ हो गए थे, इसके बावजूद, उन्होंने छोटी उम्र में ही कुरान याद कर लिया. 20 साल की उम्र में उनकी आंखों की रोशनी चली गई, लेकिन हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने शरिया में उच्च शिक्षा हासिल की और सऊदी यूनिवर्सिटीज के अकादमिक काउंसिल में अपनी जगह बनाई.
1999 में बने ग्रैंड मुफ्ती
देश के शीर्ष मौलवी पद पर पहुंचने से पहले उन्होंने सऊदी विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक परिषदों में भी कार्य किया. साल 1999 में उन्हें ग्रैंड मुफ्ती नियुक्त किया गया, जिसके बाद वे सऊदी अरब के सर्वोच्च धार्मिक प्राधिकारी बन गए. उन्होंने फतवे जारी किए और देश की न्यायिक व्यवस्था को दिशा दी, जिससे दो दशकों से अधिक समय तक सऊदी समाज को आकार मिला.
जनाजे की कब पढ़ी जाएगी नमाज?
उनकी जनाजे की नमाज अस्र की नमाज के बाद रियाद स्थित इमाम तुर्की बिन अब्दुल्ला मस्जिद में पढ़ी जाएगी. शाही आदेश के अनुसार, मक्का स्थित ग्रैंड मस्जिद, मदीना, और सऊदी अरब की अन्य मस्जिदों में जनाजे की नमाज अदा की जाएगी. (इनपुट आईएएनएस से भी)