2025 में 1960 वाली संधि नहीं चलेगी, डेमोग्राफी बहुत बदल चुकी है… PAK को दो टूक

1 week ago

Last Updated:April 24, 2025, 23:15 IST

जल शक्ति मंत्रालय में सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय में सचिव, सैयद अली मुर्तजा पत्र लिखा है. भारत सरकार की ओर से बता दिया गया है कि सिंधु जल संधि 'अब अस्थायी रूप से निलंबित' है.

2025 में 1960 वाली संधि नहीं चलेगी, डेमोग्राफी बहुत बदल चुकी है… PAK को दो टूक

1960 में हुआ था सिंधु जल समझौता (File Photo)

हाइलाइट्स

भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि अस्थायी रूप से निलंबित की.भारत ने पाकिस्तान को जल संसाधनों के पूर्ण उपयोग की चेतावनी दी.भारत ने पाकिस्तान को सीमापार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया.

नई दिल्ली: पाकिस्तान को औपचारिक रूप से खबर कर दी गई है कि सिंधु जल संधि अब अमान्य है. जलशक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान को भेजे पत्र में साफ कहा है कि भारत ने सिंधु जल संधि, 1960 को तुरंत प्रभाव से ‘अस्थायी रूप से निलंबित’ (held in abeyance) कर दिया है. पाकिस्तान को चेताया गया है कि अब हालात 1960 जैसे नहीं हैं. भारत ने जल समझौते के अनुच्छेद XII (3) के तहत जो संशोधन मांगा था, उस पर न तो पाकिस्तान ने कोई ईमानदार पहल की, न ही कोई बातचीत शुरू करने को तैयार हुआ. उल्टा, भारत को आतंकवाद का जख्‍म मिला. पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों को गोलियों से भून दिया गया. अब भारत और बर्दाश्‍त नहीं करेगा!

यही होगा अब पाकिस्तान के साथ!

पत्र में भारत ने दो टूक कहा है कि पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीमापार आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने की कोशिशों ने भारत को अपने वैधानिक जल अधिकारों के इस्तेमाल से रोका है. यह अंतरराष्ट्रीय संधि का खुला उल्लंघन है. और अब जब भारत ने आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है, तो पाकिस्तान को अपने हिस्से का पानी अब तरसकर मिलेगा.

Indus War Treaty

भारत की ओर से पाकिस्तान को भेजा गया पत्र.

जनसांख्यिकीय बदलाव से बदली जरूरतें, अब पुराने नियम नहीं चलेंगे

भारत ने यह भी कहा है कि सिंधु जल संधि को जिन मान्यताओं पर बनाया गया था, वे अब पूरी तरह बदल चुकी हैं. भारत की जनसंख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है, और देश को स्वच्छ ऊर्जा के लिए जल संसाधनों का पूर्ण उपयोग करना ही होगा. पाकिस्तान से सवाल किया गया है कि क्या वह 1960 की जनसंख्या और 2025 की ज़रूरतों में फर्क नहीं देखता? भारत अब अपने जल संसाधनों को सिर्फ खुद के विकास के लिए प्रयोग करेगा, चाहे वो हाईड्रो प्रोजेक्ट हों या कृषि क्षेत्र के लिए पानी. सिंधु के पानी पर अब भारत का हक सर्वोपरि है, न कि किसी आतंक-परस्त मुल्क का!

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

April 24, 2025, 23:12 IST

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