Last Updated:May 18, 2025, 15:54 IST
Sanjay Raut News: संजय राउत ने अपनी पुस्तक 'नरकतला स्वर्ग' में दावा किया कि 2019 में भाजपा को महाराष्ट्र में सत्ता में आने से रोकने के कारण ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था.

शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) के नेता संजय राउत. (फाइल फोटो)
मुंबई. शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) के नेता संजय राउत ने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कथित मनीलॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें गिरफ्तार किए जाने के पीछे मुख्य कारण यह था कि उन्होंने 2019 में महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता में आने से रोका था. राउत ने अपनी पुस्तक ‘नरकतला स्वर्ग’ (नरक में स्वर्ग) में यह भी दावा किया कि उनके खिलाफ कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि वह उस वर्ष सत्ता में आई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार की ‘सुरक्षा दीवार’ थे.
यह पुस्तक राउत के जेल में बिताए अनुभवों के बारे में है, जब ईडी ने 2022 में उन्हें ठाकरे सरकार के गिरने के तुरंत बाद कथित मनीलॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में राउत को जमानत मिल गई थी. उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ (ईडी की) कार्रवाई के पीछे मुख्य कारण यह था कि मैंने भाजपा को सत्ता में आने से रोका. मैं ठाकरे सरकार को बचाने के लिए एक सुरक्षा दीवार की तरह खड़ा था. उसके बाद ठाकरे सरकार गिर गई.”
राउत ने दावा किया, “(एकनाथ) शिंदे सरकार असंवैधानिक तरीकों से बनी थी. शिंदे और (तत्कालीन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस) दोनों एक बात पर सहमत रहे होंगे कि अगर सरकार को काम करना है, तो राउत को सलाखों के पीछे होना चाहिए.” उन्होंने कहा कि भाजपा इस बात से आहत थी कि उसे 105 सीट (2019 के विधानसभा चुनावों में 288 सदस्यीय विधानसभा में) जीतने के बावजूद विपक्ष में बैठना पड़ा था.
राउत ने दावा किया, “शिवसेना के शरद पवार की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से हाथ मिलाने के बाद भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा. भाजपा ने मुझे ही कारण माना कि वह 2019 में महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना सकी. भाजपा को हमेशा इसका अफसोस रहा.”
भाजपा और शिवसेना ने 2019 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद के कारण शिवसेना ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था. बाद में शिवसेना, कांग्रेस और (अविभाजित) राकांपा वाले महाविकास अघाडी गठबंधन का हिस्सा बन गई और गठबंधन सरकार का नेतृत्व ठाकरे ने किया.
भाजपा के कटु आलोचक माने जाने वाले राज्यसभा सदस्य ने कहा कि पूर्व सहयोगी दल 2019 में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देख सकता था इसलिए भाजपा नेता ने उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची. उन्होंने कहा कि सरकार के पास 170 विधायकों का बहुमत होने के कारण यह संभव नहीं था कि उनका ‘ऑपरेशन लोटस’ सफल हो. राउत ने कहा, “यही कारण है कि केंद्रीय एजेंसियां युद्ध के मैदान में उतरीं. अनिल देशमुख, नवाब मलिक और संजय राउत को लक्ष्य बनाया गया.”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
Mumbai,Maharashtra
2019 में भाजपा को सत्ता में आने से रोका इसलिए ED ने मुझे गिरफ्तार किया: राउत