Last Updated:July 15, 2025, 12:53 IST
Hyderabad Death Mystery: हैदराबाद के नामपल्ली इलाके में 10 साल पहले लापता अमीर खान का कंकाल मिला. नोकिया फोन ने 2015 की मिस्ड कॉल्स से रहस्य सुलझाया. पुलिस ने इसे प्राकृतिक मौत माना, फोरेंसिक जांच जारी है.

10 साल बाद अमीर खान का कंकाल बरामद हुआ है.
हाइलाइट्स
अमीर खान का कंकाल 10 साल बाद मिला.नोकिया फोन ने 2015 की मिस्ड कॉल्स से रहस्य सुलझाया.पुलिस ने इसे प्राकृतिक मौत माना, फोरेंसिक जांच जारी.Hyderabad Death Mystery: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के नामपल्ली इलाके में एक पुराने बंद पड़े घर से मानव कंकाल मिला है. सोमवार को इस रहस्यमयी मामले का खुलासा तब हुआ जब एक स्थानीय युवक क्रिकेट की गेंद लेने के लिए उस बंद घर में घुसा और कंकाल देखकर दंग रह गया. पुलिस जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि यह कंकाल 55 वर्षीय अमीर खान का है, जो पिछले 10 साल से लापता था. इस मामले में एक पुराने नोकिया फोन ने पुलिस की मदद की और इस रहस्य को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई.
घटना नामपल्ली बाजार क्षेत्र के एक जर्जर घर की है. यह घर पिछले सात साल से बंद था. जब पुलिस ने ताला तोड़कर घर की जांच की, तो वहां एक कंकाल और उसके पास एक पुराना नोकिया फोन पाया गया. शुरू में पुलिस को शक था कि यह हत्या का मामला हो सकता है, लेकिन फोन की जांच ने पूरी कहानी बदल दी. फोन को चार्ज करने और चालू करने पर उसमें 84 मिस्ड कॉल्स मिले, जो अमीर खान के रिश्तेदारों और दोस्तों ने की थे. ये कॉल्स 2015 के आसपास की थीं, जब अमीर खान लापता हुआ था.
घर में अकेले रहते थे अमीर खान
पुलिस के अनुसार अमीर खान, मुनिर खान के 10 बच्चों में तीसरे नंबर का बेटा था, जो अकेले इस घर में रहता था. परिवार के अन्य सदस्य कहीं और चले गए थे. जांच में पता चला कि 2015 में अमीर की स्वाभाविक मौत हुई होगी. संभवतः किसी बीमारी या अकेलेपन के कारण. फोन से मिले कॉल्स और घर में मिले पुराने नोट (2016 के नोटबंदी से पहले के नोट) के आधार पर पुलिस ने यह नतीजा निकाला कि उसकी मौत काफी पहले हुई थी.
डीसीपी (दक्षिण-पश्चिम जोन) चंद्रमोहन ने बताया कि यह एक अनसुलझा मामला था, लेकिन नोकिया फोन ने हमें सही दिशा दिखाई. घर से पुराने नोट मिलने से यह भी संकेत मिलता है कि अमीर ने आखिरी बार 2016 से पहले वहां समय बिताया था. पुलिस ने प्राकृतिक मौत मानकर इस मामले को बंद करने की तैयारी की है, लेकिन फोरेंसिक जांच जारी है ताकि मौत के सटीक कारणों का पता चल सके. स्थानीय लोग इस घटना से हैरान हैं और इसे एक अनोखी कहानी बता रहे हैं, जहां तकनीक ने दशक पुराने रहस्य को सुलझाया.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
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