'PM मोदी ट्रंप को शर्मिंदा होने से बचा सकते थे, लेकिन...', भारत-पाक सीजफायर दावे पर इस अमेरिकी हस्ती ने कही बड़ी बात

4 weeks ago

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अमेरिकी पॉलिटिकल साइंटिस्ट और Eurasia Group के अध्यक्ष इयान ब्रेमर ने बड़ी बात कही है. ब्रेमर ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने भारत-पाक युद्धविराम के दावों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बेबाकी से झूठा साबित कर दिया. ब्रेमर के मुताबिक, पीएम मोदी चाहते तो ट्रंप की बात को नजरअंदाज कर सकते थे और उन्हें शर्मिंदा होने से बचा सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ट्रंप बार-बार दावा कर रहे थे कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में भूमिका निभाई है, जबकि भारत ने इसे साफ तौर पर नकार दिया.

ब्रेमर के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने कहा, 'चीन ट्रंप के सामने डटे रहे, रूस ने भी विरोध किया है. अब पीएम मोदी भी उसी कतार में खड़े हैं. मोदी ने साफ-साफ कह दिया कि भारत-पाकिस्तान के मामले में ट्रंप की कोई भूमिका नहीं रही. इससे ट्रंप को वैश्विक स्तर पर बड़ी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी.'

'उनका मानना है मैं ताकतवर हूं'

इयान ब्रेमर ने कहा कि कई देशों ने डोनाल्ड ट्रंप का विरोध किया है, लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं है. वह सिर्फ दुनिया को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं. ब्रेमर ने कहा, 'उनका मानना हैमैं ताकतवर हूं, मैं राष्ट्रपति हूं, सबको मेरी बात सुननी ही पड़ेगी.'

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संसद में क्या बोले पीएम मोदी?

इसी साल जुलाई महीने में प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में ट्रंप के भारत-पाक सीजफायर वाले दावे को खारिज कर दिया था. पीएम लोकसभा में अपने संबोधन में कहा था कि 'दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए नहीं कहा.' प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 9 मई को सीजफायर से एक दिन पहले अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने उन्हें फोन करने की कोशिश की थी, लेकिन उस वक्त वह सेना के साथ बैठक में थे, इसलिए कॉल रिसीव नहीं कर पाए.

ब्रेमर ने मोदी की रणनीति की तारीफ की

JD वेंस ने पीएम मोदी को बताया था कि पाकिस्तान बड़ा हमला करने की योजना बना रहा है. इस पर मोदी जवाब दिया था कि,'अगर पाकिस्तान की ऐसी मंशा है तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.' ट्रंप के दावे को मोदी ने सार्वजनिक तौर पर नकार दिया. इस पर इयान ब्रेमर ने मोदी की रणनीति की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मोदी ने खुद तय किया कि वह इसे सार्वजनिक करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति को शर्मिंदा करेंगे, जबकि ट्रंप उनसे कहीं ज्यादा ताकतवर हैं. ज्यायादातर नेता ऐसी स्थिति में चुप रह जाते हैं और कुछ नहीं कहते, लेकिन मोदी ने अलग रास्ता चुना.

'घरेलू राजनीति में मोदी को निश्चित रूप से मदद मिली है'

यूरेशिया ग्रुप के प्रेसीडेंट इयान ब्रेमर ने आगे कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को डोनाल्ड ट्रंप पसंद नहीं हैं, लेकिन फिर भी उन्हें ट्रंप से दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर डील मिली. ब्रेमर ने कहा, 'स्टारमर बहुत कमजोर पोजीशन में हैं. मोदी वास्तव में इसके बिल्कुल उलट हैं. और इससे घरेलू राजनीति में मोदी को निश्चित रूप से मदद मिली है. हम देखेंगे कि सुरक्षा और आर्थिक संबंधों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है या नहीं.'

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