मैन्‍युफैक्‍चरिंग की ग्रोथ 4 महीने में सबसे कम, जॉब को लेकर भी अच्‍छी खबर नहीं

1 week ago

Last Updated:October 01, 2025, 13:22 IST

Manufacturing PMI : भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए सितंबर का महीना सुस्‍ती भरा रहा और विनिर्माण की ग्रोथ में गिरावट दिखी. लेकिन, कंपनियों ने भरोसा जताया है कि आने वाले समय में उत्‍पादन निश्चित रूप से बढ़ेगा.

मैन्‍युफैक्‍चरिंग की ग्रोथ 4 महीने में सबसे कम, जॉब को लेकर भी अच्‍छी खबर नहींसितंबर में देश की विनिर्माण पीएमआई चार महीने में सबसे कम रही है.

नई दिल्‍ली. त्‍योहारी सीजन शुरू होने और जीएसटी रेट में कटौती से पहले भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए आंकड़े अच्‍छे नहीं दिखे हैं. एचएसबीसी इंडिया ने बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में बताया कि सितंबर महीने में देश की मैन्‍युफैक्‍चरिंग ग्रोथ‍ गिरकर 4 महीने के निचले स्‍तर पर पहुंच गई है. इससे भी बड़ा झटका ये है कि नए रोजगार सृजन के मौके भी एक साल में सबसे कम रहे हैं. यह गिरावट दिखाती है कि सितंबर महीना कई मायनों में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए मुश्किल भरा रहा है. हालांकि, इससे पहले मैन्‍युफैक्‍चरिंग और रोजगार दोनों ही मोर्चे पर तेज ग्रोथ दिखी थी.

एचएसबीसी इंडिया ने अपने सर्वे में बताया कि नए ऑर्डर, उत्पादन और कच्चे माल की खरीदारी में नरमी के कारण देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां सितंबर में चार महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं. इसके अलावा रोजगार सृजन भी एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. रिपोर्ट के अनुसार, विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक अगस्त के 59.3 से घटकर सितंबर में 57.7 हो गया. इसमें मई के बाद से सबसे कम सुधार हुआ. हालांकि, टैक्‍स राहत ने आने वाले वर्ष के लिए व्यापार को लेकर उम्मीद को बढ़ाया है.

क्‍या है पीएमआई का मतलब
रिपोर्ट बताती है कि खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर का अंक विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को बताता है. एचएसबीसी भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि सितंबर का मुख्य सूचकांक नरम पड़ा, लेकिन यह दीर्घकालिक औसत से काफी ऊपर था. सर्वेक्षण के अनुसार, सितंबर के पीएमआई आंकड़ों ने भारत के विनिर्माण उद्योग में निरंतर वृद्धि को दर्शाया है. हालांकि, गति में थोड़ी कमी आई है. साथ ही प्रतिस्पर्धा बढ़ने से वृद्धि पर अंकुश लगा है.

विदेशों से मिल रहे बंपर ऑर्डर
सर्वेक्षण में कहा गया कि भारत को विदेशों से बंपर ऑर्डर मिल रहे हैं. इस साल की दूसरी तिमाही के अंत में अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर बढ़े हैं, क्योंकि एशिया, यूरोप, अमेरिका और पश्चिम एशिया से मांग में सुधार हुआ है. भंडारी ने कहा कि सितंबर में नए निर्यात ऑर्डर तेजी से बढ़े, जिससे संकेत मिलता है कि शुल्क के चलते अमेरिका से मांग में किसी भी गिरावट की भरपाई अन्य देशों में मांग के जरिये की जा सकती है. इससे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर टैरिफ का असर भी ज्‍यादा नहीं दिखेगा.

कंपनियों का बढ़ रहा भरोसा
रिपोर्ट बताती है कि भले ही अभी पीएमआई में गिरावट दिखी है, लेकिन भारतीय कंपनियों ने आने वाले 12 महीनों में उत्पादन के लिए उत्साहजनक पूर्वानुमान जारी रखे हैं. इसके अलावा, आत्मविश्वास का स्तर 7 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. जीएसटी (माल एवं सेवा कर) दरों में बदलाव से उम्मीद बढ़ी है और कंपनियां उत्पादन को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. रोजगार के मोर्चे पर, भारतीय विनिर्माताओं ने सितंबर में अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की, लेकिन रोजगार सृजन की दर मामूली और एक साल में सबसे धीमी रही. केवल 2 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि का संकेत दिया है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 01, 2025, 13:22 IST

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