देसी जेट तेजस दहाड़ने को तैयार, HAL को मिला चौथा इंजन, IAF ने भी राहत की सांस

1 week ago

Last Updated:October 01, 2025, 14:10 IST

देसी जेट तेजस दहाड़ने को तैयार, HAL को मिला चौथा इंजन, IAF ने भी राहत की सांसभारत को जीई कंपनी से चौथा इंजन मिल गया है.

देसी फाइटर जेट तेजस अब जल्द ही आसमान में दहाड़ने को तैयार है. देर से ही सही लेकिन अब इस जेट के प्रोडक्शन को रफ्तार मिलने वाली है. दरअसल, इसे बनाने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस से चौथा जीई-F404 इंजन प्राप्त कर लिया है. यह इंजन भारत के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk1A के लिए है, जो भारतीय वायुसेना (IAF) को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

2021 के अनुबंध के तहत जीई को एचएएल को कुल 99 इंजन सप्लाई करने हैं और यह चौथा इंजन उसी कड़ी का हिस्सा है. एचएएल के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पहले दो तेजस Mk1A विमान जल्द ही IAF को सौंप दिए जाएंगे, जबकि कम से कम 10 और यूनिट इंजनों का इंतजार कर रही हैं. एचएएल के अधिकारियों ने CNN न्यूज18 को बताया कि हम भारतीय वायुसेना को पहली डिलीवरी के लिए पूरी तरह तैयार हैं. शुरुआत में दो जेट्स से शुरू कर सकते हैं. हथियार परीक्षण पहले से चल रहे हैं. इसके अलावा कम से कम 10 अतिरिक्त यूनिट इंजनों के इंतजार में तैयार हैं.

यह इंजन सप्लाई 2021 के 716 मिलियन डॉलर (लगभग 5,375 करोड़ रुपये) के अनुबंध का हिस्सा है, जिसमें सप्लाई चेन की समस्याओं- जैसे दक्षिण कोरियाई वेंडर की विफलता के कारण विलंब हुआ था. डिलीवरी शेड्यूल मार्च 2025 तक धकेल दिया गया था, लेकिन अब गति पकड़ ली है. अधिकारियों ने कहा कि इंजनों की आपूर्ति बढ़ने के साथ उत्पादन को तेज किया जा सकता है. इस महीने के अंत में एचएएल के नासिक सुविधा से फ्लाइट टेस्ट निर्धारित हैं, जबकि हथियार फायरिंग ट्रायल्स पहले से चल रहे हैं.

नासिक प्लांट अप्रैल 2023 में 150 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ शुरू हुआ. तेजस Mk1A के लिए एचएएल की तीसरी प्रोडक्शन लाइन है. यह बेंगलुरु की दो मौजूदा लाइनों के पूरक है और सालाना आठ विमान बनाने की क्षमता रखता है. एचएएल का लक्ष्य 2027 से सालाना 24 तेजस Mk1A डिलीवर करना है. यह डेवलप्मेंट तब आया है जब हाल ही में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी ने 97 अतिरिक्त तेजस Mk1A विमानों की खरीद को मंजूरी दी है, जिससे कुल संख्या 180 के करीब पहुंच गई है.

IAF ने पहले ही 83 विमानों का ऑर्डर दिया था. इसके अलावा, 113 अतिरिक्त F404 इंजनों के लिए 1 बिलियन डॉलर (लगभग 8,400 करोड़ रुपये) का फॉलो-ऑन ऑर्डर अक्टूबर में साइन होने की उम्मीद है, जिसमें 68 सिंगल-सीट फाइटर्स और 29 ट्विन-सीट ट्रेनर्स शामिल हैं. डिलीवरी 2027-28 से शुरू होकर छह साल में पूरी होगी. एचएएल के चेयरमैन डीके सुनील ने इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम बताया.

तेजस Mk1A कार्यक्रम IAF की स्क्वाड्रन ताकत को बहाल करने में महत्वपूर्ण है, खासकर MiG-21 जैसे पुराने विमानों के 2025 तक चरणबद्ध हटने के बीच. कुल 352 विमानों (Mk1A और Mk2) की योजना है, जहां Mk2 जीई F414 इंजन से चलेगा, जिसके लिए 80 फीसदी तक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर बात चल रही है. F404-IN20 इंजन 84 किलो न्यूटन थ्रस्ट के साथ तेजस की मिशन क्षमता को बढ़ाता है और स्थानीय MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) से 15-20 फीसदी लागत बचत होगी. यह इंजन प्राप्ति न केवल उत्पादन को गति देगी, बल्कि भारत की रक्षा स्वावलंबन को मजबूत करेगी. एचएएल का दावा है कि अक्टूबर तक पहला विमान डिलीवर हो सकता है, तीन यूनिट अंतिम ट्रायल्स के इंतजार में हैं.

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First Published :

October 01, 2025, 14:10 IST

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