अब ड्रोन मारने के लिए नहीं चलेंगे महंगे मिसाइल, छुटकू सा हथियार ही कर देगा काम

1 week ago

Last Updated:October 01, 2025, 13:19 IST

Nimbrix Anti Drone System: महज 2 से 5 किलोमीटर की रेंज वाला यह 'फायर-एंड-फॉरगेट' सिस्टम ड्रोन के झुंड को नेस्तनाबूद करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल को मजबूत करेगा. ये मिसाइल सस्ते ड्रोनों को धूल चटा देगा. जहां ब्रह्मोस या अग्नि-V जैसी मिसाइलें बेहद महंगी होती हैं, वहीं यह महज कुछ हजार डॉलर का ही पड़ेगा.

अब ड्रोन मारने के लिए नहीं चलेंगे महंगे मिसाइल, छुटकू सा हथियार ही कर देगा कामयह एंटी ड्रोन मिसाइल आत्मनिर्भर भारत को मजबूती देगी.

आज के हाईटेक वॉर में ड्रोन युग की चुनौतियों के बीच भारत की रक्षा प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव की खबर आ रही है. स्वीडिश रक्षा कंपनी साब (Saab) ने अपना नया ‘निम्ब्रिक्स’ (Nimbrix) एंटी-ड्रोन मिसाइल भारत में ही बनाने की योजना की घोषणा की है. यह हल्का-फुल्का हथियार महज 1 मीटर लंबा और 3 किलोग्राम से भी कम वजनी है.

महज 2-5 किलोमीटर की रेंज वाला यह ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ सिस्टम ड्रोन के झुंड को नेस्तनाबूद करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूत करेगा. ये मिसाइल सस्ते ड्रोनों को धूल चटा देगा. इसके शामिल हो जाने से ब्रह्मोस या अग्नि-V जैसी महंगी मिसाइलों पर निर्भरता भी कम होगी.

रक्षा मामलों पर रिपोर्टिंग करने वाली वेबसाइट आईडीआरडब्लू की रिपोर्ट के मुताबिक, साब ने 28 अगस्त को इस मिसाइल का अनावरण किया था. इस मिसाइल पर जून 2024 से विकासाधीन है और अब तक पांच सफल परीक्षण दागों का सामना कर चुका है.

निम्ब्रिक्स की ये खासियतें

एक्टिव इन्फ्रारेड (IR) सीकर के साथ कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ (COTS) तकनीक का इस्तेमाल, जो रेडियो-फ्रीक्वेंसी अपग्रेड के लिए तैयार है. इसका हार्ड-किल एयरबर्स्ट वॉरहेड नजदीकी विस्फोट से ‘वन शॉट, वन किल’ सुनिश्चित करता है. यह घूमते हुए, कम ऊंचाई वाले ड्रोनों के लिए भी परफेक्ट है.

साब इंडिया के प्लांट में इसका उत्पादन 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है, जो मौजूदा रक्षा ढांचे में आसानी से फिट हो जाएगा… चाहे पैदल सैनिकों के पास MANPADS के रूप में हो, वाहनों पर माउंटेड हो, अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल्स (UGV) पर हो या नौसेना प्लेटफॉर्म्स पर.

जहां ब्रह्मोस, अग्नि- V नाकाम, वहां आएगा काम

यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज के ड्रोन सस्ते पड़ रहे हैं… महज 1000 डॉलर से कम कीमत वाले ये ‘कम लागत वाले हथियार’ पारंपरिक महंगे सिस्टम्स को बेकार साबित कर रहे हैं.

निम्ब्रिक्स का फोकस ‘Low Cost to Kill Ratio’ पर है, जो एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और COTS कंपोनेंट्स से संभव हुआ. एक ओर जहां 290-450 किमी रेंज वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल या फिर 5,000-8,000 किमी रेंज वाले इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल जैसे हथियारों की कीमत करोड़ों में है और ये बड़े लक्ष्यों के लिए हैं.

सटीक और किफायती विकल्प

वहीं निम्ब्रिक्स छोटे ड्रोन थ्रेट्स के लिए सटीक और किफायती विकल्प है. यह तोपों और महंगे VSHORAD सिस्टम्स जैसे RBS 70 NG के बीच की खाई को भरता है, जिससे भारतीय सेनाओं को लेयरड एयर डिफेंस मिलेगा.

इस साल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान ने तुर्की में बने ड्रोन का खूब इस्तेमाल किया. इन सस्ते UAVs को नाकाम करने के लिए भारत को मिसाइलें दागनी पड़ी, जो खासी महंगी थी. ऐसे में निम्ब्रिक्स इसी समस्या का समाधान है… एक ऐसा ‘छुटकू’ हथियार जो सैनिकों को मोबाइल और प्रभावी बनाएगा.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 01, 2025, 13:19 IST

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