मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र सपा के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव का गढ़ रहा है.
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है. सभी पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशी को लेकर दम भर रही हैं. यूपी में बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस ने अधिकतर सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं. यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से एक सीट बेहद अहम है, जिसे सपा का अभेद्य किला कहा जाता है. इस सीट पर बीते तीन दशक से अधिक समय से राज्य की फर्स्ट फैमिली यानी स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव परिवार का कब्जा है. इस सीट को मैनपुरी कहा जाता है.
मुलायम परिवार के लिए यह सीट बेहद खास है. क्योंकि साल 1996 के बाद से मैनपुरी में लगातार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ही जीतते आ रहे हैं. इस सीट से तीन बार मुलायम सिंह यादव ने चुनाव जीता और दो बार उनके सीट छोड़ने पर हुए उप चुनाव में एक बार उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव और फिर उनके पौत्र तेज प्रताप यादव ने चुनाव जीता. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव फिर से मैनपुरी से सांसद चुने गए थे. मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया, जिसके बाद हुए उपचुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव यहां से सांसद चुनी गुईं. लेकिन इस सीट पर अपनी दावेदारी को सुनिश्चित करने के लिए पिछले कुछ सालों में भाजपा ने भी कड़ी मेहनत की है.
आपको बता दें कि 2014 में देशभर में मोदी लहर के दौरान भी मैनपुरी की सीट का रिजल्ट नहीं बदला. यहां से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भाजपा के उम्मीदवार शत्रुघ्न चौहान को 3,64,666 वोटों से हराया था. हालांकि इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने इस सीट से इस्तीफा दे दिया. यहां जब उपचुनाव हुए तो तेजप्रताप यादव ने भी इस सीट से तीन लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी.
यादव वोटर का दबदबा
2014 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों की बात करें तो यहां लगभग 17.3 लाख वोटर हैं. इसमें सबसे ज्यादा वोटर यादव जाति से ताल्लुक रखते हैं. आंकड़ों के मुताबिक कुल वोटरों में से 35 फीसटी यादव हैं. वहीं दूसरे स्थान पर राजपूत, चौहान, राठौर, भदौरिया हैं, जो कुल वोटरों का 29 फीसदी हैं. इसके बाद शाक्य, ब्राह्मण, एससी और मुस्लिम वोटर हैं.
2019 में दूसरे नंबर पर भाजपा
2019 के लोकसभा चुनाव की अगर बात करें तो यहां भाजपा ने दोबारा प्रेम सिंह शाक्य को चुनावी मैदान में उतारा था. वहीं मुलायम सिंह यादव एक बार फिर सपा की विरासत वाली सीट मैनपुरी से चुनावी मैदान में उतरे. इस दौरान मुलायम सिंह यादव को 524926 वोट मिले थे, जबकि प्रेम सिंह शाक्य को 230537 वोट मिले थे. एक बार फिर इस सीट से मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज की और भाजपा मैनपुरी में दूसरे नंबर पर बनी रही. हालांकि 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यहां उपचुनाव हुए. इस चुनाव में बहू डिंपल यादव ने 2.88 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की. इस दौरान भाजपा के रघुराज शाक्य को 329659 वोट मिले, जबकि डिंपल यादव को 618120 वोट मिले.
चुनावी मुद्दा
मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम की बात की जाए तो यहां भाजपा केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे ₹6000 किसान सम्मान निधि, उज्ज्वला योजना, ग्रामीण आवास योजना, शहरी आवास योजना के साथ मुफ्त राशन को लेकर जनता के बीच है. वह सरकार बनने पर फिर से कुछ और नई योजनाओं की भी बात कह रही है. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी अपनी सरकार के दौरान किए गए कार्यों के साथ भाजपा पर आरोप लगा रही है कि इस सरकार में महंगाई बेरोजगारी बढी है.
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में इटावा के जसवंत नगर विधानसभा का इलाका भी है जिसमें यादव वोटर्स की संख्या अधिक है. इसके चलते इस लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है. बहरहाल यह तो समय ही बताया कि आखिर इस बार किसकी विजय होती है. लोकसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियों ने कमर कस ली है. समाजवादी पार्टी से डिंपल यादव प्रत्याशी के रूप में हैं वहीं भाजपा ने अभी तक कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है.
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FIRST PUBLISHED :
March 28, 2024, 14:34 IST