नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र इस बार बेहद अहम होने वाला है. वजह है वे 10 बड़े बिल जो आने वाले महीनों में देश की ऊर्जा नीति, शिक्षा व्यवस्था, कंपनियों के नियम, बाजार कानून, टैक्स स्ट्रक्चर और सड़क परियोजनाओं तक को नया ढांचा देने जा रहे हैं. यानी यह सत्र सिर्फ कानून बनाने का नहीं, बल्कि भारत के अगले दशक की दिशा तय करने का होगा.
इनमें एटॉमिक एनर्जी बिल से लेकर सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड, हायर एजुकेशन कमीशन, नेशनल हाईवे अमेंडमेंट, कॉरपोरेट लॉ बदलाव, आर्बिट्रेशन बिल और संविधान संशोधन जैसे प्रस्ताव शामिल हैं. सवाल बड़ा है ये 10 बिल देश की तस्वीर कैसे बदलेंगे? आइए एक-एक करके समझते हैं.
ये हैं शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले 10 बिल
1. एटॉमिक एनर्जी बिल: न्यूक्लियर सेक्टर में बड़े सुधार
यह बिल भारत की परमाणु ऊर्जा नीति को नया फ्रेमवर्क देगा. सबसे बड़ा बदलाव पहली बार प्राइवेट कंपनियां भी न्यूक्लियर पॉवर प्लांट बना सकेंगी. इससे ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा, नए निवेश आएंगे और भारत स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्यों को तेजी से हासिल कर सकेगा.
2. हायर एजुकेशन कमीशन: एक ही छत के नीचे पूरा सिस्टम
यह बिल कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों को ज्यादा स्वतंत्रता और पारदर्शिता देगा. इसका उद्देश्य UGC, AICTE और NCTE को एक ही कमीशन के तहत लाना है, ताकि उच्च शिक्षा का पूरा ढांचा एकसाथ संचालित हो सके.
3. हाईवे अमेंडमेंट बिल: भूमि अधिग्रहण और तेज होगा
नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स की सबसे बड़ी चुनौती है- भूमि अधिग्रहण. नया संशोधन इस प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और विवाद-मुक्त बनाएगा. इससे हाइवे निर्माण में होने वाली लंबी देरी कम होगी.
4. कॉर्पोरेट लॉ बदलाव: ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार
कंपनी अधिनियम 2013 और LLP अधिनियम 2008 में बदलाव कर सरकार चाहती है कि कंपनियों को नियमों का पालन आसान लगे और निवेश का माहौल मजबूत बने.
5. सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड: तीन कानून, एक समाधान
यह नया कोड SEBI Act, Depositories Act और Securities Contract Act तीनों को एक कानून में बदलेगा.
क्यों जरूरी?
निवेशकों को स्पष्ट नियम बाजार में पारदर्शिता एक ही कानून के तहत पूरा नियमन तेजी से निर्णय और कम विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भरोसा बढ़ेगाशीतकालीन सत्र में एटॉमिक एनर्जी, हायर एजुकेशन कमीशन, हाईवे अमेंडमेंट, मार्केट्स कोड और संविधान संशोधन जैसे 10 अहम बिल पेश होंगे.
6. मणिपुर GST अमेंडमेंट: राष्ट्रीय GST ढांचे से तालमेल
इस बिल के जरिए मणिपुर के GST कानून को केंद्रीय GST कानून के अनुरूप बनाया जाएगा, ताकि पूरे देश में एक समान टैक्स व्यवस्था लागू रहे.
7. संविधान (131वां संशोधन) बिल: चंडीगढ़ पर बड़ा फैसला
यह संशोधन चंडीगढ़ को संविधान के आर्टिकल 240 के तहत लाएगा. इससे केंद्र सरकार को चंडीगढ़ के लिए ऐसे रेगुलेशन बनाने की शक्ति मिलेगी, जिन्हें कानून का दर्जा मिलेगा.
8. रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल: 120 पुराने कानून खत्म
सरकार 120 पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को हटाने की तैयारी में है. इससे कानूनी व्यवस्था हल्की और तेज बनेगी.
9. आर्बिट्रेशन एंड कंसिलिएशन: विवादों का जल्द समाधान
कंपनी विवाद और कॉन्ट्रैक्ट झगड़े सालों कोर्ट में अटके रहते हैं. यह बिल मध्यस्थता प्रक्रिया को सरल और तेज करेगा.
सभी बिल भारत के अगले दशक की दिशा तय करेगा.
10. इंश्योरेंस लॉ अमेंडमेंट: बीमा सेक्टर में सुधार
यह बिल बीमा क्षेत्र के नियमों को और मजबूत करेगा, ताकि ज्यादा लोगों तक बीमा कवरेज पहुंच सके और इंडस्ट्री में विकास हो.
अहम बिल-एक नजर में
| बिल | मुख्य उद्देश्य | असर |
| एटॉमिक एनर्जी | प्राइवेट एंट्री | ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा |
| हायर एजुकेशन कमीशन | एकल नियमन | कॉलेज-यूनिवर्सिटी सुधार |
| हाईवे अमेंडमेंट | भूमि अधिग्रहण तेज | सड़क निर्माण गति |
| कॉर्पोरेट लॉ | नियम सरल | ईज ऑफ डूइंग बिजनेस |
| मार्केट्स कोड | एक कानून | निवेशकों को लाभ |
| मणिपुर GST | एकसमान टैक्स | सुगम व्यवस्था |
| संविधान संशोधन | चंडीगढ़ पर रेगुलेशन | प्रशासनिक लाभ |
| रिपीलिंग बिल | 120 कानून खत्म | साफ-सुथरा सिस्टम |
| आर्बिट्रेशन | विवाद निपटारा तेज | कंपनियों को राहत |
| इंश्योरेंस अमेंडमेंट | क्षेत्र का विस्तार | जनता को फायदा |
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1 hour ago
