अजित पवार के परिवार के एक प्रभावी सदस्य ने कहा है कि वह शरद पवार का अपमान कर रहे हैं.
महाराष्ट्र की फर्स्ट फैमिली यानी पवार परिवार में कोहराम मचा हुआ है. एनसीपी के दो फाड़ होने की वजह से परिवार भी दो फाड़ ...अधिक पढ़ें
News18 हिंदीLast Updated : March 18, 2024, 12:38 ISTजीतेंद्र जाधव
पुणे: पिता तुल्य चाचा शरद पवार से बगावत कर महाराष्ट्र की सत्ता में हिस्सेदार बने उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपनी ही जाल में बुरी तरह उलझते जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव में चाचा से उनकी बगावत की बात उनके परिवार के सदस्यों को भी हजम नहीं हो रही है. उनके कई करीबी इस चुनाव में उनसे दूर होते जा रहे हैं. एक ऐसे ही बेहद करीबी ने कहा है कि वह हमेशा से अजित दादा के साथ रहे. बुरे और अच्छे दोनों दिनों में उन्होंने उनका साथ दिया, लेकिन अब बहुत हो चुका. अब वह बड़े साहब (शरद पवार) का अपमान बर्दास्त नहीं कर सकते. बारामती लोकसभा क्षेत्र बड़े साहब का परिवार है. हम सभी पर बड़े साहब का अनंत उपकार है. वह 83 वर्ष के हैं और हम सभी को उनका सम्मान करना चाहिए.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार के लिए उनके परिवार के करीबी का यह बयान एक बड़ा झटका माना जा रहा है. बारामती लोकसभा क्षेत्र एनसीपी का गढ़ रहा है. लेकिन पिछले दिनों एनसीपी दोफाड़ हो गई. उसके एक धड़े का नेतृत्व अजित पवार कर रहे हैं वहीं दूसरा धड़ा शरद पवार के साथ हैं. चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को मूल एनसीपी माना है और पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह उनके साथ है. ऐसे में शरद पवार के नेतृत्व वाले धड़े को एनसीपी शरद गुट कहा जा रहा है.
अजित पवार को झटके पे झटके, रास नहीं आ रही चाचा से बगावत, अपने ही छोड़ रहे साथ!
ननद-भौजाई की लड़ाई
दरअसल, यह पूरी कहानी बारामती लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा है. यहां शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं और वह अपने पिता के साथ हैं. दूसरी तरफ मौजूदा लोकसभा चुनाव में अजित गुट को एनडीए के खाते से केवल चार सीटें मिलने की संभावना है. उसमें एक सीट बारामती है. वह बारामती से अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाने वाले हैं. इस तरह बारामती में अजित की पत्नी और उनकी चचेरी बहन के बीच मुकाबला होने जा रहा है. इस कारण पूरा बारामती भी दो धड़ों में बंट गया है. खुद शरद पवार का कुनबा भी बंट गया है. परिवार के कई अहम सदस्य शरद पवार के साथ खुलकर आ गए हैं.
सगे ने दिखाया आईना
एक ऐसे ही बेहद प्रभावी सदस्य हैं श्रीनिवास पवार. वह अजित पवार के सगे बड़े भाई हैं. उन्होंने इस पारिवारिक लड़ाई में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. वह काटेवाड़ी गांव में सुप्रिया के लिए प्रचार करते हुए कहा कि वह हमेशा अजित दादा के साथ रहे. अच्छा और बुरा उसने जो भी निर्णय लिया, उन्होंने हमेशा उसका समर्थन किया. क्योंकि उन्होंने कभी नहीं पूछा कि उन्हें ऐसा क्यों करना चाहिए? बहुत सारे लोग उन्हें जानते हैं. वह यहां की मिट्टी से जुड़े हैं. जब हमारी चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि एमएलए अजीत दादा के साथ होना चाहिए, एमपी साहब के साथ होना चाहिए. साहब का हम सभी पर अनंत उपकार हैं. श्रीनिवास पावर ने कहा है कि वह 83 वर्ष के हैं और वह उन्हें छोड़ने के लिए सहमत नहीं हो सकते.
श्रीनिवास ने आगे कहा, ‘तब मेरे कुछ दोस्तों ने भी मुझसे कहा कि अगला 10 साल अजित पवार का है. लेकिन ये सोच काम नहीं आई. क्योंकि अगर माता-पिता खेत उनके नाम कर दें तो वे नहीं चाहते कि उन्हें बाहर निकाला जाए. यह सुझाव देना बहुत दर्दनाक है कि अब आप घर पर बैठकर कीर्तन करने के लिए पर्याप्त बूढ़े हो गए हैं. हर दवा की एक एक्सपायरी तिथि होती है. श्रीनिवास पाटिल ने यह भी कहा कि कुछ रिश्तों की भी एक एक्सपायरी डेट होती है.
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FIRST PUBLISHED :
March 18, 2024, 12:38 IST